मणिपुर के नोनी जिले में भयंकर लैंडस्लाइड में कटिहार जिले के बारसोई का लाल शुभम कुमार भी शहीद हो गया था। सोमवार सुबह लगभग 10 बजे शुभम कुमार का पार्थिव शरीर सेना के…
सड़क दुर्घटना में नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों के मौत के बाद अब चारों मजदूरों का शव गांव पहुंचा है। बताते चलें चारों मजदूर कटिहार कोढ़ा विधानसभा के राजीगंज से है। पंकज,…
कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत शेखपुरा गांव में महानंदा नदी पर बने तटबंध को लेकर स्थानीय ग्रामीण भयभीत हैं। लोगों का दावा है कि इसी साल मई-जून महीने में करोड़ों की लागत…
लाइफलाइन एक्सप्रेस नाम की एक ट्रेन इन दिनों कटिहार में है। संभवतः यह दुनिया की पहली हॉस्पिटल ट्रेन है जिसमें ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कई तरह के…
बिहार के सीमांचल यानी किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया जिलों में नदियों का जाल बिछा हुआ है। हर जिले में कम से कम आधा दर्जन नदियां बहती हैं, जिनमें से कुछ नदियां नेपाल…
बारसोई अनुमंडल से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर नीम तल्ला चौक और डकैत पूजा गांव है। 2017 में यह इलाका सरकार द्वारा नगर पंचायत घोषित कर दिया था गया था। इसके बाद…
बिहार के कटिहार जिले की एक 16 वर्षीय लड़की की कथित अपहरण, गैंगरेप और हत्या का मामला इन दिनों सीमांचल में तूल पकड़ने लगा है।
हैदराबाद के भोईगुड़ा में 23 मार्च को जिस कबाड़ गोदाम में भीषण आग लगने से बिहार के कटिहार जिले के तीन व सारण जिले के 8 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी,…
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से 23 मार्च को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक रिपोर्ट में सीमांचल के कटिहार शहर को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है।
कटिहार जिले के कदवा प्रखंड के खाड़ी अलहंडा गांव के लोग गांव तक जाने वाली कच्ची सड़क को पक्का करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।
8 साल के एक बच्चे इमरान की मौत की घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा है कि गड्ढे को लेकर उन्होंने पहले ही आगाह किया था।
कटिहार के रहने वाले आलम, मोबिद, सोहेल और शमीम समेत पांच मजदूरों की पिछले दिनों पुणे में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते हुए स्लैब गिरने से मौत हो गई थी।
एक स्कूल के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा है। भीड़ में से कोई थाने के बड़ा बाबू पर बरस रहा है और बड़ा बाबू अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं। ये…
कटिहार में खरगोश पालने के शौकीन एक शख्स को उसके इसी शौक ने घर बैठे एक कारोबारी बना दिया।
पूर्णिया जैसी ही स्थिति किशनगंज और अररिया के साथ-साथ समस्तीपुर, सुपौल और बेगूसराय के किसानों की भी है। बारिश के कारण इन जिलों की फसल भी ख़राब हो गई है।