महाराष्ट्र के पुणे के यरवदा में तीन फरवरी की रात एक कंस्ट्रक्शन साइट पर स्लैब गिरने से बिहार के कटिहार जिले के पांच मजदूरों की मौत के मामले में वहां काम करने वाले मजदूरों ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पांचों शव के साथ लौटे मजदूरों ने कहा है कि साइट पर कोई इंजीनियर नहीं रहता था और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम था। मजदूरों का ये भी कहना है कि साइट पर एक दिन पहले भी हादसा हुआ था इसके बावजूद मजदूरों से काम कराया गया।
उत्तर-पूर्वी बिहार ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल से लेकर सुदूर पूर्वोत्तर भारत के लिए वैकल्पिक रेल रूट के रूप में अररिया- गलगलिया (ठाकुरगंज) रेल लाइन को विकसित किया जाना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट का काम इतना धीमा है कि 14 साल में भी संतोषजनक काम नहीं हुआ है। अलबत्ता, इस प्रोजेक्ट की लागत में चार गुना इजाफा जरूर हो गया है।
पिछले साल नवम्बर में किशनगंज की पुलिस ने छापेमारी कर लगभग 600 किलोग्राम गांजे की खेप पकड़ी थी। मामले की जांच शुरू हुई, तो इसका नेटवर्क कटिहार जिले से भी जुड़ा था।