बिना अप्रोच वाला यह पुल कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत भोगांव पंचायत का है। पुल अठनिया टोला से बघेला गांव के बीच एक धारा पर करोड़ों की लागत से बना हुआ है। लोगों ने बताया कि पुल बनने के तीन वर्ष बाद भी अप्रोच पथ का निर्माण नहीं हो सका है, जिस वजह से यह बेकार पड़ा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया के चूनापुर सैन्य हवाई हड्डा स्थित सभाकक्ष में हवाई अड्डा से संबंधित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने मुख्यमंत्री को चूनापुर सैन्य हवाई अड्डा के प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिये अधिग्रहित की गई भूमि, रन-वे की लंबाई, रोड कनेक्टिविटी सहित अन्य विकास कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल में वज्रपात से बिजली व्यवस्था न चरमराये इसके लिए 33 केवी के साथ-साथ 11 केवी सप्लाई में स्पाइक अर्थिंग लगाया जाता है। बंगाल की तर्ज़ पर वही काम अब बिहार के पोठिया में किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग जिलांतर्गत सिलीगुड़ी महकमा स्थित बागडोगरा एयरपोर्ट अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनने जा रहा है। वर्तमान में 1549 करोड़ रुपये की लागत से इस एयरपोर्ट का विस्तारीकण किया जाएगा। इस बहुप्रतीक्षित कार्य योजना को भारत सरकार की कैबिनेट समिति की स्वीकृति मिल गई है।
दो वर्ष पहले ही ग्रामीण कार्य विभाग ने लगभग छह करोड़ की लागत से इस पुल और अप्रोच पथ का निर्माण किया था। ग्रामीणों ने डैमेज एप्रोज पथ के लिये ग्रामीण कार्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और मामले की जांच कर अविलंब अप्रोच पथ निर्माण का मांग की है। साथ ही ग्रामीण जिला प्रशासन से आवगमन की ठोस व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
कोसी-मेची लिंक प्रोजेक्ट के तहत, कोसी नदी के अतिरिक्त पानी को महानंदा की सहायक मेची नदी में छोड़ा जायेगा। सरकार का दावा है कि इससे सीमांचल के किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। ख़रीफ़ फसल लगाने के दौरान सीमांचल के किसान इस अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे।
फोरलेन सड़क एनएच-27 पर उत्तर रामपुर से शुरू होकर बहादुरगंज के सताल इस्तमरार के क़रीब एनएच-327 ई पर जाकर मिलेगी। 788.12 करोड़ रुपये की लागत से इस सड़क को बनाया जायेगा। इसका निर्माण नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के देख-रेख में होगा।
सड़क की जर्जर स्थिति को लेकर जब फारबिसगंज विधायक विद्यासागर केसरी उर्फ मंचन केसरी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह सड़क पास हो चुका है, बरसात के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल लगभग दस साल पहले बना था। लेकिन, कुछ समय पहले ही डैमेज होना शुरू हो गया था। हालांकि, ग्रामीण कार्य विभाग की मानें तो इस पुल का निर्माण बीस वर्ष पहले किया गया था
लगातार कटाव होने के कारण बायसी के अधिकारी व जनप्रतिनिधि को सूचना देने के बावजूद किसी तरह का कोई काम न होने पर पंचायत के ही लोगों ने अपनी राशि से कटाव रोकने के लिए काम शुरू कर दिया है। लोगों ने बताया कि इसमें मुखिया प्रतिनिधि का भी अहम योगदान रहा है।
सड़क पर बने पुल की एक तरफ का एप्रोच एक वर्ष के अन्दर दोबारा ढह जाने से लोग नाराज़ हैं। वे जनप्रतिनिधियों से इस ओर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, मामले को लेकर कनीय अभियंता हरिशंकर प्रसाद ने बताया कि वहां पर कटाव को रोकने के लिये विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीण अर्जुन कुमार साह के साले की भी शादी आज होनी है। अर्जुन बताते हैं कि प्रशासन को जल्द ही कुछ ना कुछ करना होगा, वरना बड़ी मुश्किल हो जायेगी। उन्होंने बताया कि अगर कुछ नहीं हुआ तो फिर बारात को नाव से जाना होगा।