स्थानीय ग्रामीण महेश कुमार बताते हैं कि यहां सिर्फ नाम के नल लग गए हैं, पानी अभी तक नहीं आया है।
माना जाता है कि विद्यालय महाभारत काल की ऐतिहासिक जमीन पर बना हुआ है, जहां पांच पांडवों ने अपना 1 वर्ष का अज्ञातवास बिताया था।
तारकिशोर प्रसाद ने मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर पूर्णिया- कटिहार- नारायणपुर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 131 ए बाईपास के मार्ग में आने वाली विभागीय सड़कों पर आरओबी निर्माण के संबंध में ज्ञापन दिया है।
सुधानी नदी के पोमरा मोटबाड़ी घाट पर एक उच्च स्तरीय पुल का शिलान्यास कटिहार के सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी और बलरामपुर विधायक महबूब आलम ने संयुक्त रूप से किया।
शिवहर और अरवल बिहार के ऐसे ही दो ज़िलें हैं, जहाँ अब तक रेल की पहुँच नहीं हो पाई है।
फारबिसगंज सहरसा रेलखंड पर 14 साल बाद ट्रेन परिचालन की उम्मीद जगी है। फारबिसगंज नरपतगंज से कोसी और मिथिलांचल तक रेलवे ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है।
सन 1883 में तत्कालीन खगड़ा नवाब सैय्यद अता हुसैन ने पूर्णिया के अंग्रेज़ अधिकारी ए. वीक्स के सहयोग से खगड़ा मेला की बुनियादी नींव रखी थी।
सीमांचल के किशनगंज जिले में आज भी कुछ महादलित परिवार ऐसे हैं जिनके लिए शौचालय निर्माण तो करवाया गया, लेकिन सिर्फ नाम के लिए।
हावड़ा से एनजीपी तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हावड़ा स्टेशन पर हरी झंडी दिखाई।
दार्जिलिंग जिला अंतर्गत सोम फाटक से बालुवास तक जाने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है। यह 9 KM लंबी मुख्य सड़क 10 से 12 गांवों की करीब साढे 5000 जनसंख्या के लिए आने-जाने का एकमात्र साधन है।
कटिहार नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 में स्थित अंबेडकर कॉलोनी की स्थिति पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और यहां लोग जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं।
बारसोई अनुमंडल 1450 वर्ग KM में फैला एक प्रमुख अनुमंडल है जिसकी सीमाएं पश्चिम बंगाल से जुड़ती हैं। इस अनुमंडल के चारों प्रखंडों में अगलगी की घटनाएं कटिहार जिले में सबसे ज्यादा होती है।