Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

2017 की बाढ़ में टूटा पुल अब तक नहीं बना, नेताओं के आश्वासन से ग्रामीण नाउम्मीद

स्थानीय किसान साबिर आलम अपने खेत से साइकिल पर सब्जी लाद कर ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि महानंदा नदी के किनारे सब्जी की अच्छी खेती होती है, लेकिन पुल टूटने के बाद खेत से हाट-बाज़ार तक सब्ज़ियां ले जाना बहुत कठिन हो गया है। हर साल बरसात में चचरी पुल टूट जाता है जिससे दिक्कतें और बढ़ जाती हैं।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
Published On :

बांस के बने इस खस्ता पुल से गुज़रते ये लोग बिहार में गुम हो गए विकास की तलाश में हैं। कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत भौजनौर पंचायत के नया टोला बालूगंज का यह पुल 2017 में आई विनाशकारी बाढ़ में टूट गया था। ग्रामीण टूटे हुए पुल के मलबे पर आपसी चंदे से चचरी का पुल बनाकर आवागमन करते हैं।

यह रास्ता महानंदा नदी के दो प्रमुख घाट, कवैय्या घाट और कुजिबाना घाट की ओर जाता है जहां से रोज़ाना हजारों की तादाद में लोग गुज़रते हैं। कदवा प्रखंड के पश्चिमी भाग के ग्रामीणों के लिए अनुमंडल मुख्यालय और सालमारी बाजार जाने का यह एक सरल मार्ग है।

इसके अलावा बलिया बेलौन थाना क्षेत्र की कई पंचायतों के लोग प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।


स्थानीय ग्रामीण रामबचन चौधरी पुल न बनने से काफ़ी नाराज हैं। उन्होंने बताया कि वर्षों से सिर्फ नेताओं के आश्वासन सुन रहे हैं, पिछले वर्ष ही पुल का काम शुरू करने की बात थी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

मानिकपुर गांव निवासी विद्यानंद सिंह ने बताया कि पुल न होने के कारण यहां कई बार दुर्घटना हो चुकी है। कुछ वर्ष पहले पानी में गिरकर 3 बच्चों की मौत हो गई थी।

उन्होंने आगे कहा कि कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी और स्थानीय विधायक शकील अहमद खान पुल की हालत देख कर गए थे और जल्द काम कराने का आश्वासन दिया था। सालों बीत जाने के बावजूद अब तक कोई भी काम नहीं हुआ।

स्थानीय किसान साबिर आलम अपने खेत से साइकिल पर सब्जी लाद कर ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि महानंदा नदी के किनारे सब्जी की अच्छी खेती होती है, लेकिन पुल टूटने के बाद खेत से हाट-बाज़ार तक सब्ज़ियां ले जाना बहुत कठिन हो गया है। हर साल बरसात में चचरी पुल टूट जाता है जिससे दिक्कतें और बढ़ जाती हैं।

Also Read Story

“ना रोड है ना पुल, वोट देकर क्या करेंगे?” किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अमौर में क्यों हुआ वोटिंग का बहिष्कार?

कटिहार के एक दलित गांव में छोटी सी सड़क के लिए ज़मीन नहीं दे रहे ज़मींदार

सुपौल में कोसी नदी पर भेजा-बकौर निर्माणाधीन पुल गिरने से एक की मौत और नौ घायल, जांच का आदेश

पटना-न्यू जलपाईगुरी वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दी बिहार को रेल की कई सौगात

“किशनगंज मरीन ड्राइव बन जाएगा”, किशनगंज नगर परिषद ने शुरू किया रमज़ान नदी बचाओ अभियान

बिहार का खंडहरनुमा स्कूल, कमरे की दिवार गिर चुकी है – ‘देख कर रूह कांप जाती है’

शिलान्यास के एक दशक बाद भी नहीं बना अमौर का रसैली घाट पुल, आने-जाने के लिये नाव ही सहारा

पीएम मोदी ने बिहार को 12,800 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का दिया तोहफा

आज़ादी के सात दशक बाद भी नहीं बनी अमौर की रहरिया-केमा सड़क, लोग चुनाव का करेंगे बहिष्कार

स्थानीय मुखिया सत्यनारायण यादव ने बताया कि वे लोग अपनी मांगों को लेकर कुछ वर्षों पहले सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी के घर गए थे। तब सांसद ने संबंधित विभाग के इंजीनियर से बात भी की थी। इसके अलावा स्थानीय विधायक शकील अहमद खान ने भी जल्द पुल निर्माण कराने का आश्वासन दिया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।

वहीं स्थानीय वार्ड सदस्य गुलाम सरवर ने कहा कि 2017 में पुल टूटने के बाद से ग्रामीण आपस में चंदा कर चचरी पुल बनाते हैं जिसमें हर साल 20 से 25 हजार रुपए का खर्च आता है। दर्जनों गांव के ग्रामीण इस रास्ते से ही जाते आते हैं।

इस मामले में हमने कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी से फोन पर बात की। कटिहार सांसद ने कहा कि वह लगातार कार्यपालक इंजीनियर के संपर्क में हैं ताकि जल्द ही पुल का दोबारा निर्माण करा लिया जाए ।

वहीं कदवा विधायक डॉ शकील अहमद खान ने बताया कि इस पुल के कागजात मंत्रालय और सचिवालय में जमा किये गए हैं। मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

Related News

किशनगंज सदर अस्पताल में सीटी स्कैन रिपोर्ट के लिए घंटों का इंतज़ार, निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत, 22 करोड़ रुपये से होगा पुनर्विकास

अररिया, मधेपुरा व सुपौल समेत बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

“हम लोग घर के रहे, न घाट के”, मधेपुरा रेल इंजन कारखाने के लिए जमीन देने वाले किसानों का दर्द

नीतीश कुमार ने 1,555 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं का किया उद्घाटन

छह हजार करोड़ रूपये की लागत से होगा 2,165 नये ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?