गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने घोषणा की है कि बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के तहत 81 गुड़ इकाइयों के लिए 12.40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
बिहार सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा खरीफ 2024 मौसम के लिए "बिहार राज्य फसल सहायता योजना" के तहत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कटिहार जिले के सात पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) अध्यक्षों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उनके भविष्य में चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगेगा।
किसानों ने कहा कि सरकार को उनकी समस्याएं सुननी चाहिए और उचित मुआवजा देकर उन्हें हौसला देना चाहिए। किसान हसन रज़ा कहते हैं कि सैलाब से ज़्यादातर किसानों की फसल बर्बाद हो गई है, और दोबारा रोपाई करने के लिये किसान आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, इसलिये सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिये।
कोसी में पैदा होने वाला मक्का गुणवत्तापूर्ण होता है, जिस कारण यहां के मक्के की मांग पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में भी होती है। साथ ही यहां से मक्का पड़ोसी देश नेपाल, बंग्लादेश और भूटान भी भेजा जाता है।
विधानचंद्र राय ने बताया कि एक एकड़ की खेती करने में उन्हें करीब 3 लाख रुपये का खर्च आता है। थाईलैंड सेब की खेती करने वाले वह जिले के पहले किसान हैं। उनकी सफलता से प्रभावित होकर आसपास के दूसरे किसान भी अब इन फलों को उगाना चाहते हैं।
जिन लोगों के कच्चे मकान के परखच्चे उड़े हैं, वे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। आंधी की वजह से नसीमा ख़ातून के घर के बाहरी हिस्से पर एक पेड़ गिर गया। चूल्हा घर की छत भी उड़ गयी। नसीमा ने बताया कि आंधी बहुत तेज़ थी, जिससे वह घबरा गई थीं, क्योंकि उनके पास कहीं जाने का कोई विकल्प नहीं था।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि आग बेलवा पंचायत के एक गांव में लगी और फैलकर मादरगाछी गांव होते हुए आबादपुर पंचायत के मिस्त्री टोला तक पहुंच गई। तेज़ हवा के कारण आग बहुत तेज़ी से बढ़ती गई और कई बीघा जमीन में फैली फसलों को तबाह कर गई जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है।
देर रात आए तूफ़ान और तेज़ बारिश ने खुश मोहम्मद की मक्का फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। खुश मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने 1 लाख की लागत से 5 बीघा जमीन पर मक्के की खेती की थी। तूफान और बारिश से साढ़े तीन से चार बीघे में लगायी गयी मक्के की फसल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री कृषि विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए और सांकेतिक रूप से 10 नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक सह कनीय वैज्ञानिकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए।
तीन दिन पूर्व आठगछिया पंचायत के तलवार बंधा में भी हाथियों ने उत्पात मचाते हुए एक कच्चे मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया था और खेतों में घुसकर मक्के की फसल और केले के पेड़ों को नष्ट कर दिया था। सीमावर्ती इलाकों में हाथियों के डर से लोगों में डर फैला हुआ है और वे रतजगा कर रात गुजारने पर मजबूर हैं।
किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड अंतर्गत हल्दीखोड़ा पंचायत के धर्मटोला वार्ड संख्या 4 के निवासी सद्दाम हुसैन पिछले चार सालों से मक्के की खेती कर रहे हैं। उन्होंने नवंबर महीने में अनुमंडल कार्यालय से मक्के के बीज लिए थे जिन्हें लगाने के हफ़्तों बाद भी पौधे नहीं आए।