कोरोना महामारी के बीच किशनगंज में पालतू सूअरों की मौत से लोगों में दहशत है। पिछले दो माह में जिले में पांच सौ से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों सुअर अभी भी इस अज्ञात बीमारी की चपेट में हैं।
किशनगंज में हाथियों का उत्पात जारी है। सोमवार की अहले सुबह हाथियों के झुंड ने जिले की दिघलबैंक पंचायत अंतर्गत रामपुर काॅलोनी बस्ती में उत्पात मचाया। हाथियों ने रामपुर काॅलोनी के लखीराम सोरेन, बुध रॉय, राजू दास, लक्ष्मी देवी सहित कुल छह परिवारों के कच्चे घरों को तोड़ दिया है जबकि घर अंदर रखा अनाज जिसमें चावल, धान, सब्जी आदि को बर्बाद कर दिया। हाथियों ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।
पिछले दिनों सीमांचल में खाद के लिए भगदड़ मच जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इलाके में खाद की किल्लत को जल्द दूर कर देगी। मगर, यहां खाद की किल्लत अब भी बरकरार है।
गौरतलब हो कि भारत की लगभग 33 निजी व सार्वजनिक कंपनियां तथा को-ऑपरेटिव मिलकर हर साल 24 से 25 मिलियन टन यूरिया का उत्पादन करते हैं और 9 से 10 मिलियन टन यूरिया का निर्यात किया जाता है। इस साल भारत में रबी सीजन में कुल 179.001 लाख मैट्रिक टन यूरिया की जरूरत थी।