बिहार के कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर खट्टी पंचायत के बबला बन्ना गांव पिछले 5 साल में आधा से ज़्यादा गंगा कटान में समा चुका है।
सहरसा के महिषी प्रखंड की राजनपुर पंचायत के घोंघसम घाट पर भी हर साल स्थानीय लोगों द्वारा आपस में चंदा इकट्ठा कर चचरी पुल का निर्माण कराया जाता है।
मनिहारी विधायक मनोहर प्रसाद सिंह ने जल संसाधन विभाग को एक पत्र लिखकर कहा कि ट्विटर पर डाले गए तथ्य सत्य से परे और भ्रामक हैं और वहां कराए गए बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य बिलकुल असुरक्षित हैं।
धप्परटोला गांव वार्ड संख्या 1 के निवासी 75 वर्षीय अमीज़ुद्दीन बताते हैं कि पिछली बार आई बाढ़ में 8 -10 घर कटाव की भेंट चढ़ गए।
हजारों आदिवासी और शेरशाहवादी समुदाय के लोग अपने गाँव के अस्तित्व को लेकर चिंता में हैं। डोंक नदी के धीरे धीरे गांव के समीप आने से लोगों में डर का माहौल है।
गंगा व कोसी के जल स्तर में लगातार वृद्धि से कटिहार के कुरसेला मनिहारी, बरारी और अमदाबाद प्रखंड के कई पंचायत के लोग बाढ़ की विभीषिका से झेल रहे हैं। बाढ़ की वजह से हजारों परिवार प्रभावित हो गए हैं। लगातार पानी बढने से निचले इलाके एवं गांव के लोग बाढ़ से प्रभावित हो गया […]
एक दशक पहले पूर्णिया ज़िले के अमौर प्रखंड मुख्यालय से खाड़ी महीन गांव पंचायत और हफनिया पंचायत जैसे आधा दर्जन से अधिक पंचायतों को जोड़ने के लिए कनकई नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन अब तक पुल तैयार नहीं हुआ है। गौरतलब है कि तत्कालीन अमौर विधायक जलील मस्तान और […]
सीमांचल में ग्रामीण कार्य विभाग के संवेदक की निष्क्रियता की वजह से कैसे ग्रामीण परेशान होते हैं, इसका जीता जागता उदहारण इन दिनों पूर्णिया ज़िले के बायसी प्रखंड में देखने को मिल रहा है। बायसी प्रखंड की हरिनतोड़ पंचायत और खपरा पंचायत के बीच माला-सकरबलिया पथ पर संवेदक ने बरसात से ठीक पहले निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
किशनगंज जिले में 27 जून से लगातार 29 जून तक हुयी मुसलाधार बारिश के बाद जिले के तीन प्रखंड टेढ़ागाछ, दिघलबैंक और ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ जैसी हालत उत्पन्न हुई थी। नदियों के तेज कटाव के कारण दर्जनों पुल पुलिया और सड़क क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है। जिले […]
कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत शेखपुरा गांव में महानंदा नदी पर बने तटबंध को लेकर स्थानीय ग्रामीण भयभीत हैं। लोगों का दावा है कि इसी साल मई-जून महीने में करोड़ों की लागत से तटबंध की मरम्मत की गई, लेकिन तटबंध और कमज़ोर हो गया है। यहाँ तक कि 40 साल पहले तटबंध पर बने […]
अररिया: बाढ़ का पानी ग्रामीण इलाकों के बाद अब शहरी क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगा है। बढ़े जल स्तर के कारण नगर परिषद क्षेत्र के कई वार्डों में बाढ़ का पानी आजाने से लोगों को आवागमन के साथ दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें नेपाल सहित भारतीय क्षेत्र में भारी वर्षा […]
मूसलाधार बारिश ने किशनगंज सहित सीमांचल में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है, बाढ़ का दंश साल 2022 में झेल रहे लोगों की तकलीफें पुराने जख्म और भी बढ़ा रही है।