कोसी बराज से 4 लाख 62 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण व्यथा का यह गीत लोगों की जुबां पर फिर से आ गया है। बराज से पानी छोड़े जाने से कोसी दियारा क्षेत्र में बाढ़ की प्रबल आशंका बन गई है। कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मुसलाधार बारिश से सैकड़ों लोगों के घरों में पानी घुस गया है। पानी का निकास नहीं होने से इलाके में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जलजमाव से ही पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि अगर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होती तो यह हादसा टल सकता था।
लोगों का कहना है कि यहाँ तक कि आपदा की घड़ी में भी यहाँ के सांसद या विधायक अवाम की समस्या से रूबरू नहीं होना चाहते हैं।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द निर्माणाधीन सड़क की मरम्मत करने की गुहार लगाई है।
नाव पर कई शिक्षक भी सवार थे। नाव के पलटने से स्कूल की चाबी, लोगों का मोबाइल और बाकी सामान भी पानी में डूब गया। स्थानीय लोगों की मदद से कई महिलाओं और बच्चों को बचाया गया। नाव में सवार सभी यात्रियों को सफलतापूर्वक नदी से निकाल लिया गया है।
बीती शाम पूर्णिया के सदर थाना क्षेत्र के सिटी काली मंदिर के पास सौरा नदी में दोस्त के साथ नहाने गया एक 20 वर्षीय छात्र डूब गया। 24 घंटे बीतने को है लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है। घटना मंगलवार शाम की है। छात्र रामनगर पोलटेक्निक चौक निवासी रविशंकर ठाकुर का पुत्र आदित्य मोहन ठाकुर है।
कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में महानंदा नदी हर साल की तरह इस साल भी धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। निचले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से प्रखंड की कई पंचायतों में भय का माहौल है। कुछ क्षेत्रों में कटाव तेजी से हो रहा है।
सरस्वती गांव पोठिया प्रखंड की गोरूखाल पंचायत अंतर्गत आता है। जलजमाव की स्थिति पर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो. सोहराब आलम कहते हैं कि यह समस्य इस साल ही उत्पन्न हुई है। पिछले साल तक लोगों का घर गांव में ही था। जल निकासी का इंतजाम ठीक-ठाक था।
पूरे सीमांचल सहित अररिया में बरसात के दिनों में नदियां उफनने लगती हैं, जिसके परिणामस्वरूप नदी के आसपास के इलाके व निचले इलाकों के रिहायशी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आ जाता है। अररिया के कोशकीपुर, झमटा, महिषाकोल सहित कई इलाकों में बाढ़ के पानी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है।
अररिया में आई बाढ़ के कारण जिले का ऐतिहासिक मदनेश्वर धाम मंदिर पानी में पूरी तरह से डूब गया है। शिव मंदिर परिसर में 6 फीट से ज्यादा पानी है। इससे सावन के महीने में श्रद्धालुओं को पूजा करने में काफी परेशानी हो रही है।
गत सप्ताह सीमावर्ती क्षेत्रों सहित नेपाल के तराई भागों में भारी बारिश से कनकई नदी उफना गयी थी। अब मौसम साफ होते ही नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट व कटाव देखा जा सकता है। तेजी से कटाव को लेकर दिघलबैंक की पथरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली और छोटा गुवाबारी के लोग सहमे हुए है।
बायसी प्रखंड की सुगवा महानन्दपुर पंचायत अंतर्गत झौंवाटोली-चटांगी गाँव में मुख्य सड़क कट गयी है। चटांगी से डंगरा जाने वाली इस सड़क से रोज़ाना हज़ारों लोग आते-जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि शुक्रवार शाम से पानी सड़क पर बहना शुरू हुआ, शनिवार की सुबह रोड कट गया।
सीमांचल सहित नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण अररिया जिले से होकर गुजरने वाली परमान नदी उफान पर है।