नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और कोसी बराज से छोड़े जा रहे पानी से सहरसा जिले की दर्जनों पंचायतों में घुसे बाढ़ के पानी ने लोगो की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। इस इलाके के लोगों के लिए यह समस्या नई नहीं है। हर साल इस इलाके के लोगों को बाढ़ की मार झेलनी पड़ती है।
बाढ़ में लोगों के घर से लेकर खेत खलिहान कोसी नदी में विलीन हो जाते हैं। बाढ़ से सहरसा जिला स्थित नौहट्टा प्रखंड के हाटी, केदली, बकुनिया, नौला, डेढ़ार, शाहपूर और सत्तौर पंचायत प्रभावित है। केदली पंचायत के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पानी लोगों के आंगन से लेकर घर के अंदर तक घुस चुका है। लोगों ने कहा कि स्थिति भयावह है, पानी खेतों में फैल गया है और जानवरों का चारा तक नहीं मिल पा रहा है।
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इस इलाके में बाढ़ के समय लोग घर में ही कैद हो जाते हैं। लोगो का कहना है कि इस दौरान जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आते हैं। प्रशासन भी लोगों को इसी हाल में छोड़ देता है। केदली गांव के वार्ड नंबर 6 निवासी रितेश कुमार यादव कहते हैं कि बाढ़ के कारण काम रहने के बावजूद वे घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। ऐसा लगता है कि वे अपने घरों में ही कैद हो गये हैं।
बाढ़ का पानी लोगों के मिट्टी के चूल्हों में घुस गया है, जिससे महिलाओं को खाने बनाने में काफी दिक्कत हो रही है। हर साल लोगों को अपना आशियाना छोड़ कर दूसरी जगह पलायन करना पड़ता है। सरकार जितना चाहे विकास का दावा कर ले, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार का दावा पूरी तरह खोखला साबित हो रहा है। गांव के ही सुमन कुमार कहते हैं कि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और चूल्हों में पानी घुस जाने से घर में खाना नहीं बन रहा है।
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