Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

बरसात में गाँव बन जाती है झील, पानी निकासी न होने से ग्रामीण परेशान

सरस्वती गांव पोठिया प्रखंड की गोरूखाल पंचायत अंतर्गत आता है। जलजमाव की स्थिति पर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो. सोहराब आलम कहते हैं कि यह समस्य इस साल ही उत्पन्न हुई है। पिछले साल तक लोगों का घर गांव में ही था। जल निकासी का इंतजाम ठीक-ठाक था।

shah faisal main media correspondent Reported By Shah Faisal |
Published On :

सरकार ग्रामीण इलाकों में विकास का जितना भी दावा कर ले, लेकिन ऐसा लगता है कि विकास सीमांचल के इन इलाकों से अभी भी कोसों दूर है। किशनगंज के पोठिया प्रखंड के सरस्वती गांव में मॉनसून की पहली बारिश ने ही विकास के दांवों की पोल खोल दी है। बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से गांव में जलजमाव हो गया है। सड़क पर पूरी तरह से पानी फैल गया है। ग्रामीणों की मानें, तो अगले चार महीने यहां के लोगों को इसी जलजमाव के बीच अपना जीवन गुजारना होगा। अगर यही हालात रहे तो लोगों को डर है कि गांव में महामारी फैल सकती है। बारिश का पानी ट्यूबवेल तक के पास जमा हो जाने से लोग ट्यूबवेल का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि अभी बरसात का पूरा सीज़न बाकी ही है। अभी से ही जलजमाव की यह स्थिति है, पता नहीं आगे क्या होगा। अगर बारिश के पानी की निकासी का कोई इंतजाम प्रशासन नहीं करेगा तो अगले चार माह ऐसे ही जलजमाव रहेगा। पानी आंगन तक में घुस गया है। यहां के लोगों के लिए जलजमाव ही समस्या नहीं है, बल्कि उसमें मौजूद गंदगी से बीमारी फैलने का डर लोगों को सता रहा है। गांव में बनी पीसीसी सड़क के साथ-साथ नाला तो बना हुआ है लेकिन वह पूरी तरह से जाम है। जाम होने की वजह से पानी की निकासी बिल्कुल रुक गई है। सरस्वती गांव के ही मो. हलीमुद्दीन कहते हैं कि जब तक प्रशासन नहीं चाहेगा, तब तक इस समस्या से गांव के लोगों को निजात नहीं मिलेगी।

Also Read Story

कोसी की समस्याओं को लेकर सुपौल से पटना तक निकाली गई पदयात्रा

सहरसा में बाढ़ राहत राशि वितरण में धांधली का आरोप, समाहरणालय के बाहर प्रदर्शन

पूर्णिया : महानंदा नदी के कटाव से सहमे लोग, प्रशासन से कर रहे रोकथाम की मांग

किशनगंज: रमज़ान नदी का जलस्तर बढ़ा, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

सुपौल- बाढ़ पीड़ितों को पुनर्वासित करने को लेकर ‘कोशी नव निर्माण मंच’ का धरना

सहरसा के नौहट्टा में आधा दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ की चपेट में

Araria News: बरसात में झील में तब्दील स्कूल कैंपस, विभागीय कार्रवाई का इंतज़ार

‘हमारी किस्मत हराएल कोसी धार में, हम त मारे छी मुक्का आपन कपार में’

पूर्णिया: बारिश का पानी घर में घुसने से पांच माह की बच्ची की मौत

बता दें कि गांव में खाना बनाने के लिए अधिकतर मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग होता है। लगातार बारिश होने से लोगों के चूल्हा घर तक में पानी घुस गया है। महिलाएं खाना बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे के बजाय गैस का इस्तेमाल कर रही हैं। चूल्हा घर में पानी न घुसे इसके लिए हर साल मिट्टी भराई करना पड़ता है। लेकिन बारिश होते ही नई मिट्टी बह कर चली जाती है, जिससे स्थिति जस की तस बनी रहती है।


सातवीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र नासिर स्कूल जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करता है। सड़क पर पानी होने की वजह से हर दिन उसे जूता और मोजा उतारना पड़ता है। नासिर पानी पार करने के बाद फिर जूता और मोजा पहनता है।

सरस्वती गांव पोठिया प्रखंड की गोरूखाल पंचायत अंतर्गत आता है। जलजमाव की स्थिति पर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो. सोहराब आलम कहते हैं कि यह समस्य इस साल ही उत्पन्न हुई है। पिछले साल तक लोगों का घर गांव में ही था। जल निकासी का इंतजाम ठीक-ठाक था। लेकिन बहुत लोग अपना घर लेकर सड़क किनारे आ गए हैं। लोगों द्वारा मिट्टी भरने से जल निकासी बंद हो गयी है। वह कहते हैं कि अब सड़क को तोड़कर बीच में पाइप डालना होगा। उसके बाद ही जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Shah Faisal is using alternative media to bring attention to problems faced by people in rural Bihar. He is also a part of Change Chitra program run by Video Volunteers and US Embassy. ‘Open Defecation Failure’, a documentary made by Faisal’s team brought forth the harsh truth of Prime Minister Narendra Modi’s dream project – Swacch Bharat Mission.

Related News

टेढ़ागाछ: घनिफुलसरा से चैनपुर महादलित टोला जाने वाली सड़क का कलवर्ट ध्वस्त

कटिहार: महानंदा नदी में नाव पलटने से महिला की स्थिति गंभीर

पूर्णिया: सौरा नदी में नहाने गया छात्र डूबा, 24 घंटे बाद भी कोई सुराग़ नहीं

कटिहार के कदवा में महानंदा नदी में समाया कई परिवारों का आशियाना

डूबता बचपन-बढ़ता पानी, हर साल सीमांचल की यही कहानी

अररिया का मदनेश्वर धाम मंदिर पानी में डूबा, ग्रामीण परेशान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?