Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

पूर्णिया: सौरा नदी में नहाने गया छात्र डूबा, 24 घंटे बाद भी कोई सुराग़ नहीं

बीती शाम पूर्णिया के सदर थाना क्षेत्र के सिटी काली मंदिर के पास सौरा नदी में दोस्त के साथ नहाने गया एक 20 वर्षीय छात्र डूब गया। 24 घंटे बीतने को है लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है। घटना मंगलवार शाम की है। छात्र रामनगर पोलटेक्निक चौक निवासी रविशंकर ठाकुर का पुत्र आदित्य मोहन ठाकुर है।

Syed Tahseen Ali is a reporter from Purnea district Reported By Syed Tahseen Ali |
Published On :
Saura river

बीती शाम पूर्णिया के सदर थाना क्षेत्र के सिटी काली मंदिर के पास सौरा नदी में दोस्त के साथ नहाने गया एक 20 वर्षीय छात्र डूब गया। 24 घंटे बीतने को है लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है। घटना मंगलवार शाम की है। छात्र रामनगर पोलटेक्निक चौक निवासी रविशंकर ठाकुर का पुत्र आदित्य मोहन ठाकुर है।


परिजनों ने बताया कि आदित्य मोहन ठाकुर मंगलवार को 4 बजे घर से कोचिंग जाने की बात कहकर निकला था। लेकिन वह अपने एक दोस्त के साथ सिटी कालीबाड़ी घाट पहुंच गया। सौरा नदी में स्नान करने के क्रम में दोनों युवक गहरे पानी में चले गए, जिसके बाद दोनों ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया।

Also Read Story

महानंदा बेसिन परियोजना: फ़ेज -2 को लेकर इंजीनियरों की कमेटी का क्षेत्र मुआयना

क्या है कोसी-मेची लिंक परियोजना, जिसे केंद्रीय बजट में मिले करोड़ों, फिर भी हो रहा विरोध?

पूर्णिया के बैसा में नदी में समा गये सैकड़ों घर, जुग्गी-झोपड़ी में हो रहा गुज़ारा, नहीं मिला मुआवज़ा

बिहार: कटिहार में बाढ़ के बीच नाव से पहुँची बारात

सिक्किम में तीस्ता ने मचाई तबाही, देसी-विदेशी 1200 पर्यटक फंसे, राहत अभियान युद्ध स्तर पर

कोसी की समस्याओं को लेकर सुपौल से पटना तक निकाली गई पदयात्रा

सहरसा में बाढ़ राहत राशि वितरण में धांधली का आरोप, समाहरणालय के बाहर प्रदर्शन

पूर्णिया : महानंदा नदी के कटाव से सहमे लोग, प्रशासन से कर रहे रोकथाम की मांग

किशनगंज: रमज़ान नदी का जलस्तर बढ़ा, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

आवाज सुनकर एक व्यक्ति उनलोगों को बचाने के लिए पानी में कूदा। उन्होंने डूब रहे एक युवक को पानी से बाहर निकाला। जब तक वह दूसरे युवक को बचाने जाता, तब तक वह नदी की आगोश में समा चुका था।


सुबह से एसडीआरएफ की टीम द्वारा युवक को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। टीम के एक अधिकरी ने कहा कि सौरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अभी नदी में पानी अधिक है, जिसकी वजह से युवक को खोजने में वक्त लग रहा है। जिन लोगों को तैरना नहीं आता है उनसे अधिकारी ने नदी में स्नान न करने की अपील की है।

इस संबंध में समाजसेवी ललनेश सिंह ने कहा कि पूर्णिया सिटी स्थित कालीबाड़ी घाट काफी प्रसिद्ध है। यहाँ दूर दराज से लोग स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। सावन का महीना चल रहा है, जिस कारण सोमवार को हज़ारों श्रद्धालुओं की भीड़ जल भरने तथा स्नान करने के लिए यहाँ पहुंची थी। इसके बावजूद जिला प्रशासन के दौरान सुरक्षा के लिहाज से बैरिकेडिंग की व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन लापरवाही बरत रहा है। अगर प्रशासन द्वारा नदी किनारे बैरिकेडिंग की व्यवस्था जल्द नहीं की गई, तो वह इसको लेकर आंदोलन करेंगे।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद तहसीन अली को 10 साल की पत्रकारिता का अनुभव है। बीते 5 साल से पुर्णिया और आसपास के इलाकों की ख़बरें कर रहे हैं। तहसीन ने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।

Related News

सुपौल- बाढ़ पीड़ितों को पुनर्वासित करने को लेकर ‘कोशी नव निर्माण मंच’ का धरना

सहरसा के नौहट्टा में आधा दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ की चपेट में

Araria News: बरसात में झील में तब्दील स्कूल कैंपस, विभागीय कार्रवाई का इंतज़ार

‘हमारी किस्मत हराएल कोसी धार में, हम त मारे छी मुक्का आपन कपार में’

पूर्णिया: बारिश का पानी घर में घुसने से पांच माह की बच्ची की मौत

टेढ़ागाछ: घनिफुलसरा से चैनपुर महादलित टोला जाने वाली सड़क का कलवर्ट ध्वस्त

कटिहार: महानंदा नदी में नाव पलटने से महिला की स्थिति गंभीर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

Ground Report

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

किशनगंज ईदगाह विवाद: किसने फैलाई बिहार बनाम बंगाल की अफवाह?

दशकों के इंतज़ार के बाद बन रही रोड, अब अनियमितता से परेशान ग्रामीण

बिहार में सिर्फ कागज़ों पर चल रहे शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ केंद्र?