आज़ादी के सात दशक गुज़रने के बाद भी बिहार के सहरसा जिले का यह इलाक़ा बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है। “बढ़ता बिहार-बदलता बिहार” के दावों के बीच सिमरी बख़्तियारपुर विधानसभा के महिषी प्रखंड स्थित झाड़ा पंचायत में ग्रामीण आज भी एक अदद पक्की सड़क को तरस रहे हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि सैलाब आने पर तीन से चार महीने तक यह सड़क बंद हो जाती है। सैलाब के समय एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिये नाव का सहारा लेना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पक्की सड़क ना होने से दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है और जनप्रतिनिधि कभी हाल चाल पूछने भी नहीं आते हैं, इसलिये लोगों ने लोकसभा चुनाव में वोटिंग का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
लोगो ने बताया कि पक्की सड़क नहीं रहने के कारण इलाके में रहने वालों को अपने बेटे-बेटियों की शादी कराने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। दूसरे इलाक़े के लोग इस सड़क की स्थिति को देखने के बाद इस गांव में रिश्तेदारी नहीं करते हैं। लोग पक्की सड़क को लेकर कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुज़ारिश कर चुके हैं फिर भी कोई सुनने वाला नहीं है। लोगों ने तय किया है कि जब तक सड़क नहीं बन जाता है तब तक लोग मतदान नहीं करेंगे।
आपको बता दें कि यह इलाका खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में आता है। वर्तमान में लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर यहां से सांसद हैं और राजद के यूसुफ सलाउद्दीन स्थानीय विधायक हैं। सड़क ना होने से किसान अपनी फसल घर तक नहीं ले जा पाते हैं, जिससे कई बार फसल बर्बाद हो जाती है। स्थानीय किसान मो. जहांगीर ने बताया कि वे लोग कई बार नेताओं को इस सड़क की ओर ध्यान देने की मांग कर चुके हैं, फिर भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यहां के लोगों को सबसे ज़्यादा दिक्कत प्रखंड मुख्यालय जाने में होती है। साथ ही यदि गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने की नौबत पड़ जाये है तो बहुत मुश्किल हो जाता है। कई बार तो रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है। एंबुलेंस भी गांव में नहीं पहुंच पाता है। यदि एम्बुलेंस गांव में आ भी जाता है तो सड़क खराब रहने के कारण कई बार दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
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