भारत सरकार के National Cooperative Database पर मौजूद आकड़ों के अनुसार, बिहार में 29 तरह की कुल 25,580 सहकारी समितियां हैं।
शहर के बीचोंबीच बहने वाली रमज़ान नदी के जीर्णोद्धार कार्य के लिए लगभग ₹12 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
साल 2008 में परिसीमन के बाद तरारी सीट पर तीन बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से एक बार जदयू और दो बार भाकपा-माले की जीत हुई है।
5 अक्टूबर को स्कूल से लौट रहे दर्जनों बच्चों पर अचानक कुत्तों ने हमला कर दिया, जिससे कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।
जो कुछ मुट्ठीभर लोग कैथी जानते भी हैं, वे कैथी लिपि में लिखे दस्तावेज पढ़ने के लिए मोटी रकम की डिमांड कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि पर्याप्त वोल्टेज न मिलने के कारण उनके मोटर और पंप सही से काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे खेतों की सिंचाई मुश्किल हो गई है।
बिना अप्रोच वाला यह पुल कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत भोगांव पंचायत का है। पुल अठनिया टोला से बघेला गांव के बीच एक धारा पर करोड़ों की लागत से बना हुआ है। लोगों ने बताया कि पुल बनने के तीन वर्ष बाद भी अप्रोच पथ का निर्माण नहीं हो सका है, जिस वजह से यह बेकार पड़ा है।
26 अगस्त को पेंशनधारियों के मोबाइल पर मोटी रकम कटने का मैसेज मिला। मैसेज देखकर लोगों ने अपना बैंक बैलेंस चेक किया तो पता चला कि वाक़ई पैसा कट चुका था, जिससे उन लोगों की नींद उड़ गई।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3 के अंतर्गत 6 अक्टूबर 2022 को तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति केजी बालकृष्णन हैं और सदस्यों में पूर्व आईएएस डॉ रविंदर कुमार जैन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की पूर्व सदस्य डॉ सुषमा यादव शामिल हैं।
किशनगंज ज़िले के पोठिया प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय डेहलबाड़ी में वर्ग 1-8 के साढ़े तीन सौ से अधिक बच्चों के लिये मात्र तीन कमरे हैं। एक ही कमरे में दो-दो क्लॉस के बच्चों को बिठाया जाता है। जो बच्चे बच जाते हैं उनको खुले आसमान के नीचे बिठाकर पढ़ाया जाता है।
बिहार के कटिहार में बीच धार पर करोड़ों की लागत से बना यह बेकार पुल सीमांचल में विकास के दावों की पोल खोल रहा है। जिले के बलरामपुर अन्तर्गत सोनातोला गांव में कारधो धार पर लगभग 12 वर्ष पहले इस पुल का निर्माण किया गया था, लेकिन, अप्रोच पथ नहीं बनाने के कारण अब तक इसका उपयोग नहीं हो सका। स्थानीय धीरेंद्र सहनी कहते हैं कि अप्रोच पथ के निर्माण नहीं होने से लगभग पंद्रह सालों से यह पुल बेकार पड़ा है।
किशनगंज डाकघर स्थित पासपोर्ट सेवा केन्द्र में मौजूद अधिकारियों ने अपने विभाग के माथे पर सारा ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि यूपीएस की खराबी के चलते सर्वर डाउन हो गया है। लेकिन, मशीन कब दुरुस्त होगी इस संबंध में कुछ नहीं बता सकते। उन्होंने बताया कि विभाग को सूचना दे दी गयी है, मशीन ठीक करने के लिये इंजीनियर कब पहुचेंगे, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।