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किशनगंज में हाईवे बना मुसीबत, MP MLA के पास भी हल नहीं

किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पौआखाली नगर पंचायत के मीरभिट्टा गांव के वार्ड संख्या 1 और 2 का रास्ता फ्लाईओवर बनने से बंद हो गया है। गांव के लोगों को हाईवे पर चढ़ने के लिए ढलान वाले रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि इतने ऊंचे रास्ते से चढ़ने और उतरने में काफी दिक्कतें पेश आती हैं जिसके लिए सर्विस रोड की आवश्यकता है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

9 जनवरी 2022 को बिहार के किशनगंज और अररिया जिले को जोड़ने वाले राष्ट्रीय मार्ग पर एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इस निर्माण से किशनगंज जिले के कई गांव के लोग असंतुष्ट हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि एक्सप्रेस वे के निर्माण से उनके आने जाने का रास्ता प्रभावित हुआ है और कुछ जगहों पर दुकानें फ्लाई ओवर के बनने से छुप गईं हैं जिसके लिए वे अंडरपास और सर्विस रोड जैसी सुविधा की मांग कर रहे हैं।

किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पौआखाली नगर पंचायत के मीरभिट्टा गांव के वार्ड संख्या 1 और 2 का रास्ता फ्लाईओवर बनने से बंद हो गया है। गांव के लोगों को हाईवे पर चढ़ने के लिए ढलान वाले रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि इतने ऊंचे रास्ते से चढ़ने और उतरने में काफी दिक्कतें पेश आती हैं जिसके लिए सर्विस रोड की आवश्यकता है।

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मीरभिट्टा गांव निवासी जाबिर आलम ने कहा कि यह एक घनी आबादी वाला इलाका है। इस रास्ते से आने जाने में लगातार हादसे का डर रहता है। जब हाईवे बन कर तैयार हो जाएगा तो दुर्घटना के खतरे और बढ़ जाएंगे।


पौआखाली नगर पंचायत वार्ड संख्या 2 के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अबुज़र ग़फ़्फ़ारी ने बताया कि इस मामले में उन्होंने कुछ दिनों पहले किशनगंज जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला से बात की थी। जिला पदाधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI के अधिकारी से बात करेंगे।

अबुज़र ने आगे बताया कि हाईवे के निर्माण के समय गांव वालों से कहा गया था कि वो जैसी चाहेंगे वैसी सड़क बनाकर दे दी जाएगी, लेकिन अब एनएचएआई वाले अपनी बात से पीछे हट गए हैं और अलग से सड़क बनाने के लिए गांव वालों से ज़मीन की मांग कर रहे हैं।

वार्ड संख्या 3 निवासी नूर आलम हाइवे की दूसरी तरफ रहते हैं। उन्होंने बताया कि उस पार भी ग्रामीण इसी परेशानी से दो चार हैं। सर्विस रोड की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया, लेकिन अब तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

वहीं, पौआखाली नगर पंचायत के उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि अबू नसर आलम ने कहा कि इस समस्या को लेकर जिला पदाधिकारी, विधायक और सांसद को लिखित आवेदन दिया गया था, जिसके बाद जिला पदाधिकारी पिछले दिनों उनके इलाके में आकर मामले का जायज़ा लिया था।

एक्सप्रेस-वे के निर्माण से किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड स्थित चोपड़ा बखाड़ी बाज़ार के दर्जनों दुकानदार प्रभावित हैं। हाईवे ऊंचा होने के कारण मुख्य सड़क के मुकाबले बाज़ार काफी नीचे हो गया है जिससे कई दुकानें छिप गयी हैं। स्थानीय लोग अंडरपास की मांग कर रहे हैं जिसके लिए उन्होंने पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद किशनगंज सांसद डॉक्टर मोहम्मद जावेद ने समस्या का निवारण करने का आश्वासन दिया था।

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि फ्लाईओवर बनने से दुकानें मुख्य सड़क से अलग हो गई हैं जिससे आमदनी में भारी गिरावट आई है और साथ साथ एक ओर से दूसरी और जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अरुण कुमार बोसाक चौक पर मिठाई और चाय की दुकान चलाते हैं। हाईवे के निर्माण से उनकी दुकानदारी में कमी आई है। अरुण ने कहा कि अंडरपास की मांग को लेकर लोगों ने काफी आवाज़ उठाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

अरुण की तरह कई दुकानदार इसी समस्या से जूझ रहे हैं। चाय नाश्ते की दुकान चला रहे सदानंद मंडल दिन का एक बड़ा हिस्सा ग्राहकों की प्रतीक्षा में गुजरता हैं। उन्होंने कहा कि सड़क से काफी नीचे हो जाने के कारण दुकान पर अब कोई नहीं आता। धुल मिट्टी बढ़ने से दुकान पर खाने की चीज़ों की बिक्री बहुत कम हो गई है।

चोपड़ा बखाड़ी चौक से उत्तर की ओर एक किलोमटेर की दूरी पर चोपड़ा बखाड़ी उत्क्रमित मध्य विद्यालय है। स्थानीय शकील अहमद ने बताया कि फ्लाईओवर बनने से चौक से दक्षिण ओर के बच्चे स्कूल आने से डरते हैं। इन दोनों बस्तियों में यही एकमात्र स्कूल है। अगर यहां अंडरपास नहीं बना तो दर्जनों बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे।

स्थानीय दुकानदार राजा कहते हैं कि करीब 50 से 60 बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं जब हाईवे पूरी तरह से संचालित हो जाएगा तो स्कूल जाने वाले बच्चों में और कमी आएगी। प्रशासन और जन प्रतिनिधि को लिखित शिकायत भी दी गई लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पौआखाली के डाकबंगला चौक पर भी फलाईओवर बनने से दुकानदारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। असग़र अली ने बताया कि वह इस बाज़ार में पिछले 15 सालों से पोल्ट्री की छोटी सी दुकान चला रहे हैं। कुछ महीनों पहले उनकी दुकान को हटाकर पीछे किया गया। अब वह किसी की निजी ज़मीन पर दुकान लगाते हैं जिसके लिए वह 500 रुपये महीना देते हैं।

पौआखाली नगर पंचायत के उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि अबू नसर आलम ने बताया कि अंडरपास, बाज़ार जाने वाली सड़क में न देकर आगे दिया गया है जिस कारण लोगों को इस पार से उस पार जाने के लिए आगे से घूम कर जाना होगा और बाज़ार के दुकानदारों की बिक्री पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। निर्माण करने वाली कंपनी से जन प्रतिनिधि तक सबको कहा गया, लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई ।

किशनगंज-अररिया मुख्य मार्ग पर एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर ग्रामीणों की समस्या पर हमने एनएचआईए अधिकारी से बात की। उन्होंने कहा कि पौआखाली नगर पंचायत के वार्ड संख्या 1 और 2 में सर्विस रोड की जो मांग है उसके लिए अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। इसके लिए जी.आर के प्रोजेक्ट मैनेजर से बात हुई है। जैसे ही अतिक्रमित जगह खाली की जाएगी, तो काम शुरू कर दिया जाएगा।

पौआखाली – डाकबंगला चौक पर अंडरपास की मांग पर उन्होंने कहा कि अंडरपास के लिए काफी खर्च आता है, इसलिए मंत्रालय जिस जगह पर अंडरपास बनाने का आदेश देता है उसे बदला नहीं जा सकता। इसके लिए उन्होंने किशनगंज सांसद से कहा था कि वह अपनी ओर से सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को चिट्ठी लिखें।

वहीं, कोचाधामन के चोपड़ा बखाड़ी – माराडांगा चौक पर अंडरपास न होने पर उन्होंने कहा कि उसके पास या थोड़ी दूरी पर एक अंडरपास ज़रूर दिया गया होगा जिसे सर्विस रोड से जोड़ा जाएगा। हालांकि हमें चोपड़ा बखाड़ी – माराडांगा चौक के करीब कोई अंडरपास बनता नहीं दिखा।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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