बिहार के कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर खट्टी पंचायत के बबला बन्ना गांव पिछले 5 साल में आधा से ज़्यादा गंगा कटान में समा चुका है।
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, बिहार में 150 से अधिक वनस्पतियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
18 नवम्बर को जारी रिपोर्ट में देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित देश के 10 शहरों में सीमांचल के कटिहार और पूर्णिया शामिल थे।
धप्परटोला गांव वार्ड संख्या 1 के निवासी 75 वर्षीय अमीज़ुद्दीन बताते हैं कि पिछली बार आई बाढ़ में 8 -10 घर कटाव की भेंट चढ़ गए।
हजारों आदिवासी और शेरशाहवादी समुदाय के लोग अपने गाँव के अस्तित्व को लेकर चिंता में हैं। डोंक नदी के धीरे धीरे गांव के समीप आने से लोगों में डर का माहौल है।
“पहले मैं 4 बीघा खेत में धान और गेहूं की खेती करता था। इनमें लगभग 2 बीघा खेत की जमीन गहरी थी। जब बारिश ज्यादा होती थी, तो फसल बर्बाद हो जाती थी। इसलिए पिछले साल के फरवरी में मैंने मखाना की खेती शुरू की। पिछले साल मुझे लगभग 60-70 हजार रुपए का लाभ मिला। […]
देश की राजधानी दिल्ली से 1200 और बिहार की राजधानी पटना से 250 किलोमीटर दूर बिहार के सुपौल जिले की लौउढ पंचायत के भैलाई टोले में 200 घर हैं। इनमें सिर्फ दो लोग सरकारी नौकरी करते हैं। बाकी परिवारों की जिंदगी खेती और दिल्ली-पंजाब में मजदूरी के भरोसे चलती है। कुछ परिवार को छोड़ दें, […]
अररिया: पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से बनाई गई हाईटेक नर्सरी 15 वर्षों के बाद भी विभागीय उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सकी है और यह धूल फांक रही है। हाईटेक नर्सरी में बनाए गए सभी ग्रीन हाउस व अत्याधुनिक पौधा निर्माण करने वाले हाउस अब बेकार हो गए हैं। सरकार का […]
50 वर्षीय अशोक यादव हफ्तेभर से बारिश का इंतजार कर रहे थे। लेकिन, बारिश नहीं हुई, तो उन्हें मजबूरी में डीजल चालित पंप सेट की मदद से खेत में पानी डालकर धान की बुआई करनी पड़ी। “यह तो बारिश का सीजन ही है। इस सीजन में हमारे यहां भारी बारिश हुआ करती है और उसी […]
कटिहार: चमड़ी जला देने वाली धूप में मो. नदीम अख्तर का कपड़ा पसीने से भीगा हुआ है। आज वह अपने खेत में एक पुराना पंप सेट लेकर आए हैं। सालों पहले यह पंप सेट खेतों में पानी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस पुराने पंपसेट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि […]
अररिया ज़िले के सिकटी प्रखंड में नूना नदी ने पिछले कई वर्षों से कहर ढा रखा है। नेपाल के पहाड़ी इलाके से निकली नुना नदी हर साल सिकटी प्रखंड में खेती के साथ करोड़ों रुपये का नुकसान करती है। हद तब हो गई जब दो वर्ष पहले इस घातक नदी ने अपनी मुख्य धारा को […]
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से 23 मार्च को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक रिपोर्ट में सीमांचल के कटिहार शहर को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है।