Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

कटिहार के कदवा में महानंदा नदी में समाया कई परिवारों का आशियाना

कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में महानंदा नदी हर साल की तरह इस साल भी धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। निचले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से प्रखंड की कई पंचायतों में भय का माहौल है। कुछ क्षेत्रों में कटाव तेजी से हो रहा है।

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :

कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में महानंदा नदी हर साल की तरह इस साल भी धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। निचले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से प्रखंड की कई पंचायतों में भय का माहौल है। कुछ क्षेत्रों में कटाव तेजी से हो रहा है।

शिकारपुर पंचायत के माहीनगर गांव में महानंदा नदी ने कई परिवारों के आशियाने उजाड़ दिए। माहीनगर गांव के मसूद आलम, मरगूब आलम, आफताब, सलीम और आसपास के कई परिवारों के घर नदी में समा गये हैं।

Also Read Story

बारसोई में ईंट भट्ठा के प्रदूषण से ग्रामीण परेशान

बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सरकार कितनी छूट देगी, जान लीजिए

बारिश ने बढ़ाई ठंड, खराब मौसम को लेकर अगले तीन दिनों के लिये अलर्ट जारी

पूर्णिया : महानंदा नदी के कटाव से सहमे लोग, प्रशासन से कर रहे रोकथाम की मांग

बूढी काकी नदी में दिखा डालफिन

‘हमारी किस्मत हराएल कोसी धार में, हम त मारे छी मुक्का आपन कपार में’

डूबता बचपन-बढ़ता पानी, हर साल सीमांचल की यही कहानी

Bihar Floods: सड़क कटने से परेशान, रस्सी के सहारे बायसी

भारी बारिश से अररिया नगर परिषद में जनजीवन अस्त व्यस्त

घरों के पास लगे सैकड़ों पेड़ भी नदी में गिर गये और पलक झपकते ही लाखों रुपये का नुकसान हो गया। कटाव की जद में आये परिवार पूरी तरह बेघर हो गये हैं।


मसूद आलम का ताल्लुक एक संपन्न और जमींदार घराने से हुआ करता था। लेकिन महानंदा नदी ने कई बार उनका घर उजाड़ दिया। उनके परिवार ने 1955 में माहीनगर हाई स्कूल के लिए जमीन दान दी थी और 1946 में भी मिडिल स्कूल के लिए जमीन दी थी, लेकिन वह सब नदी में खत्म हो गया।

मसूद आलम का कहना है कि बाढ़ आने से पहले से ही विभाग के अधिकारियों को कई बार आवेदन देकर फ्लड फाइटिंग का काम शुरू करवाने को कहा गया, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला, नतीजा यह है कि आज गांव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।

जिला परिषद पति मुंतशिर अहमद ने मैं मीडिया से कहा कि उनके क्षेत्र में बाढ़ के लिए सरकारी स्तर पर कोई भी पहल नहीं की जा रही है। महीनगर गांव को बचाने में भी बाढ़ नियंत्रण विभाग का रवैया उदासीन रहा जिस वजह से लोग बेघर हो रहे हैं।

ग्रामीणों ने सरकार से जल्द से जल्द बाढ़ राहत कार्य शुरू करने की मांग की है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

जलवायु परिवर्तन से सीमांचल के जिले सबसे अधिक प्रभावित क्यों

सीमांचल में हीट वेव का प्रकोप, मौसम विभाग की चेतावनी

पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जाँच केन्द्र का आदेश महज दिखावा

सुपौल शहर की गजना नदी अपने अस्तित्व की तलाश में

महानंदा बेसिन की नदियों पर तटबंध के खिलाफ क्यों हैं स्थानीय लोग

क्या कोसी मामले पर बिहार सरकार ने अदालत को बरगलाया?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?