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बूढी काकी नदी में दिखा डालफिन

पिछले दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र सहित नेपाल में कनकई नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद बूढ़ी कनकई नदी में पानी बढ़ा तो धनतोला पंचायत के बिहारटोला बूढ़ी कनकई नदी में डॉल्फिन अठखेलियां करता देखा गया।

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
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किशनगंज जिले भर में एक बार फिर रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। बारिश के चलते शुक्रवार को बूढ़ी कनकई नदी में डॉल्फिन देखा गया।

पिछले दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र सहित नेपाल में कनकई नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद बूढ़ी कनकई नदी में पानी बढ़ा तो धनतोला पंचायत के बिहारटोला बूढ़ी कनकई नदी में डॉल्फिन अठखेलियां करता देखा गया।

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शुक्रवार की सुबह किसी ने नदी के बीच धार पर गहरे पानी में दो जोड़े डॉल्फिन को गोते लगाते रोमाचंक नजारे को देख लिया। इसके बाद मौके पर डॉल्फिन देखने के लिए बिहारटोला गांव की नदी धार पर अगल-बगल के गाँव से सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गया। पहली बार बूढ़ी कनकई नदी में डॉल्फिन देखे जाने पर दिन भर पूरे इलाके में कौतूहल का विषय बना रहा।


स्थानीय युवक यश राज, रतन कुमार मोहतो, ओम नाथ रॉय, धर्म राज गिरी आदि ने बताया कि बीच नदी में चार की संख्या में डॉल्फिन को गोते लगाते हुए देखा गया। ग्रामीणों ने बताया कि नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद से डॉल्फिन यहां तक आ गया होगा। हालांकि जानकर बताते है कि जिले की महानंदा और डोक नदी डॉल्फिन का सुरक्षित स्थान है। बूढ़ी कनकई नदी आगे चलकर मेची और महानंदा नदी से मिलती है। बारिश के बाद नदी में पानी बढ़ने से हो सकता है कि डॉल्फिन बिहार टोला तक आ गया हो। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि डॉल्फिन नेपाल से आया या फिर महानंदा नदी से।

दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत के बूढ़ी कनकई नदी के सीमावर्ती इलाकें में पहले भी कई बार नदी में आई उफान के बाद दुर्लभ प्रजाति के पैंगोलिन, अजगर सांप व अन्य जीव जंतु देखे जा चुके हैं। पिछले दो तीन वर्षों में ग्रामीणों ने कई पैंगोलिन को सकुशल वन विभाग को सूचना देते हुए सौंपा हैं।

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Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

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