यह जानकारी खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने संवाददाता सम्मेलन में दी। इस अवसर पर मंत्री लेसी सिंह ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के तहत किए गए कार्यों की जानकारी दी।
केन्द्र की मोदी सरकार ने जो वक़्फ़ संशोधन एक्ट-2024 लोकसभा में पेश किया है, उसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, जिसको लेकर विरोध हो रहा है। नये विधेयक के अनुसार, केवल वैध संपत्ति के मालिक, जिन्होंने कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम का पालन किया है, वे ही अपनी संपत्ति वक़्फ़ कर सकते हैं।
मुखिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि पूरे देश में कहीं भी ग्राम पंचायत में छोटे-छोटे कामों के लिये टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है और इस प्रक्रिया को अपनाने से ग्राम पंचायत की व्यवस्थाएं कमज़ोर होंगी।
बिहार सरकार की पूंजी निवेश के लिए अतिरिक्त आवंटन प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोधों को शीघ्रता से निपटाया जाएगा।
नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो बिहार में भूख और कुपोषण गंभीर समस्याएँ हैं। भूख और कुपोषण ख़त्म करने संबंधी लक्ष्य में बिहार को सिर्फ 24 अंक मिले हैं, जो कि सभी राज्यों में सबसे कम है। बिहार में पाँच वर्ष से कम उम्र के 41% बच्चे कम वजन के हैं और 42.9% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि ठाकुरगजं में चार दिनों से बिजली की आपूर्ति नहीं के बराबर हो रही है। बिजली विभाग के कर्मी पुरानी केबल को किसी तरह जोड़कर काम चला रहे हैं, जो कुछ समय के बाद पुनः जल जाता है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ज़िम्मेदारी दी गई है। डॉ. सिद्धार्थ के ऊपर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव की भी जिम्मेदारी है।
स्थानीय ग्रामीण रवि कुमार ने कहा कि 6 महीने से फाला पंचायत कार्यालय बंद पड़ा है। पंचयात स्तरीय जनप्रतिनिधि या सरकारी कर्मी लंबे समय से कार्यालय नहीं आये हैं। ग्रामीणों को छोटे मोटे काम कराने के लिए 15 किलोमीटर दूर पोठिया के प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है।
दूरदराज़ से आए लोगों के लिये आधार सेंटर में पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं है। शौचालय भी साफ सुथरा नहीं है, जिस वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डीसीएलआर सदर, पूर्णिया के कोर्ट से जुड़े एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “काम का लोड बहुत ज्यादा है। एक महीने चुनाव कार्यों में व्यस्त रहे। इसके बाद काउंटिंग की तैयारी करनी है।” यह पूछे जाने पर कि कितने स्टॉफ कोर्ट के कामों को ऑनलाइन करने में लगे हुए हैं, वह कहते हैं कि इस कोर्ट में एक ही स्टाफ है जो कोर्ट के कामों को कंप्यूटर पर चढ़ाता है।
राजस्व व भूमि सुधार मंत्री ने यह भी कहा कि उनके मंत्री पद संभालते ही देश में आचार संहिता लगने से सीमाएं बंध गई हैं। जैसे ही यह खत्म होता है, पूरा बिहार देखेगा कि आपदा को अवसर में कैसे बदला जाता है।
परमार रवि 1992 के बिहार बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह बिहार के खान व भूविज्ञान विभाग के अपर मुख्य सचिव सह खनन आयुक्त के तौर पर कार्यरत थे। वह मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने पब्लिक पॉलिसी में स्नातकोत्तर (पीजी) किया है।