13 फरवरी को बिहार सरकार ने सदन में वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। एनडीए की नई सरकार में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बने सम्राट चौधरी ने 2 लाख 78 हजार 425 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि प्रदेश में गरीबी की दर में कमी आई है और बिहार में विकास दर सबसे अधिक है।
बजट में सरकार ने प्राथमिकताएं तय की हैं जिनमें सबसे ऊपर नियुक्ति और रोजगार है। इसके बाद महिला सशक्तिकरण और विभिन्न वर्गों के कल्याण पर जोर दिया गया है। स्वास्थ और शिक्षा को प्राथमिकता की सूची में चौथे और पांचवें स्थान पर रखा गया है। कृषि व ग्रामीण विकास को छोटे और उद्योग व उद्यमी विकास को सातवें स्थान पर रखा गया है।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस वर्ष शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा के लिए 22,200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड स्कीम के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि स्कूलों में ड्रॉप आउट की संख्या में कमी आई है और उच्च शिक्षा में 39.4 फीसदी और माध्यमिक शिक्षा में 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
राज्य सरकार ने 66 अनुसूचित जाति स्कूल और 21 अनूसूचित जनजाति आवासीय स्कूल को 10+2 में तब्दील करने का निर्णय लिया है और सभी आवासीय स्कूलों में सीटों की संख्या को 400 से 720 करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना के लिए 5 हजार 40 करोड़ की राशि निर्गत की गई है।
पिछले वर्षों के मुकाबले कितनी बेहतर हुई बिहार की आर्थिक स्थिति
बजट पत्र में दिए आंकड़ों के अनुसार आर्थिक वृद्धि दर के मामले में बिहार राष्ट्रिय स्तर से बेहतर रहा। वर्ष 2022-23 के दौरान बिहार की आर्थिक वृद्धि दर 10.64 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि राष्ट्रीय स्तर का वृद्धि दर 7.24 प्रतिशत पायी गयी थी। बिहार की अर्थव्यवस्था 2012-13 में 2.7 लाख करोड़ रुपये से 2022-23 में 4.4 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ी। राज्य का कुल घरेलू उत्पाद 2012-13 में 2.8 लाख करोड़ रुपये से 2.7 गुना की वृद्धि के साथ 2022-23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा।
2022-23 में वर्तमान मूल्यों पर राज्य का जीडीपी 7,51,396 करोड़ रुपये था जो 2023-24 में बढ़कर 8,58,928 करोड़ रुपये हुआ और 2024-25 में 9,76,514 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 2024-25 के बजट में राजस्व में 1,121 करोड़ रुपये का अधिशेष मिलने का अनुमान है।
बिहार सरकार ने 2022-23 में कुल 2,21,013 करोड़ रुपये का राजस्व जमा किया था जो 2023-24 में बढ़कर 2,62,085 करोड़ रुपये हुआ। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में अनुमानित रेवेन्यू कलेक्शन 2,78,926 करोड़ रुपये है जो पिछले वर्ष से 16,840 करोड़ रुपये अधिक है। जमा किए गए रेवेन्यू में 1,67,312 करोड़ रुपये टैक्स से प्राप्त हुए हैं, जो कुल राजस्व प्राप्तियों का 73.77% है।
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वित्तीय वर्ष 2024-25 में गैर-कर राजस्व यानी नॉन-टैक्स रेवेन्यू 7,326 करोड़ रुपये और केन्द्रीय अनुदान के तौर पर मिलने वाली राशि 52,161 करोड़ रुपये अनुमानित है। राज्य की अपनी राजस्व प्राप्तियाँ कुल प्राप्तियों का 22.09 प्रतिशत और केंद्रीय करों और केंद्रीय अनुदानों में इसकी हिस्सेदारी 59.22 प्रतिशत अनुमानित है।
गरीबों और किसानों के लिए क्या है बजट में
गरीबों व वंचित वर्गों के लिए वर्ष 2024-25 के कुल बजट का 38.89 प्रतिशत रखा गया है जो 1,08,384 करोड़ रुपये बनता है। इसके अलावा राज्य सरकार इस वर्ष आर्थिक सेवाओं पर 63,217.19 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जो कुल बजट का 22.68 प्रतिशत है। वर्ष 2024-25 के कुल बजट का 61.57 प्रतिशत राज्य में सामाजिक-आर्थिक कामों में खर्च किया जाना है।
वित्त मंत्री ने अनुदान लघु उद्यमी योजना का जिक्र करते हुए कहा क जाति आधारित सर्वेक्षण में 94 लाख परिवार आर्थिक रूप से गरीब चिन्हित हुए हैं और उनके उत्थान के लिए परिवार से कम से कम एक सदस्य को 2 लाख रुपये दिए जाएंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने बजट में किसानों के लिए 3600.92 करोड़ का फंड आवंटित किया है और पशु संसाधन के लिए 1631.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
श्रमिक और श्रम कल्याण, रोजगार और कौशल विकास पर वर्ष 2024-25 921.82 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है। इस वर्ष बजट में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिए 230 करोड़ रुपये रखे गए हैं। वहीं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 323.24 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन पर होने वाले निवेश पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है, जिसमें पर्यटन के लिए 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 30% तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा इको पर्यटन व पार्क विकास और पर्यटकीय अवसंरचना विकास पर सरकार 100-100 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
बिहार बजट 2024-25 में कुछ अहम अनुभाग और उनके लिए आवंटित रकम
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, सात निश्चय – 2 के तहत 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री युवा महिला उद्यमी योजना, सात निश्चय – 2 पर 250 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
राष्ट्रिय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम (मनरेगा) फंड में 5,092 करोड़ रुपये रखा गया है।
छात्रवर्ती/ वजीफा/ प्रोत्साहन पर 2,078 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
अल्पसंख्यकों के लिए बहुक्षेत्रक विकास कार्यक्रम पर 206.25 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
खेल कूद व युवा सेवाओं के लिए 257 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर 11,538 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे ।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर खर्च के लिए 2,071 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं।
पुल निर्माण कार्य के लिए 1100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
स्मार्ट सिटी मिशन पर 640 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
स्टेडियम और खेल संरचना के लिए 330 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।
पेंशन और विविध सामान्य सेवाओं के लिए 31796.12 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है।
जल पूर्ति व सफाई पर 2957.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ग्राम व लघु उद्योग पर 601.64 करोड़ रुपये खर्च करेगी राज्य सरकार।
जल-जीवन-हरियाली योजना पर 413 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पुलिस भवनों के निर्माण और संधारण के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी।
सड़क परिवहन के लिए 234 करोड़ रुपये और सड़क व सेतु पर 3904.62 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।
परिस्थितिकी विज्ञान व पर्यावरण पर 7 करोड़ और नवीन और नवीकरण योजना पर 109.91 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बाढ़ सुखाड़ की आपातकालीन योजना के लिए 180 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा।
कृषि बाज़ार विकास (नाबार्ड) के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
अस्पताल औषधालय और अन्यान्य स्थापना के लिए 135.06 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 154.80 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।
पशु संसाधन विकास व पशु स्वास्थ प्रबंधन के लिए 150 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया गया है।
बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना में 109 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे।
आंगनबाड़ी केंद्र भवन पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।
मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना को भी 100 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है।
डॉ ए.पी.जी अब्दुल कलाम साइंस सिटी प्रोजेक्ट में 125 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
सांस्कृतिक संरचना पर 138 रुपये खर्च किए जाएंगे।
कब्रिस्तानों की पक्की घेराबंदी के लिए 125 करोड़ रुपये दिये जाएंगे।
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम पर 124 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।
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