बिहार के सीमांचल को लम्बे समय से हिन्दुत्ववादी संगठन साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए उर्वर जमीन मानते रहे हैं। गाहे-ब-गाहे ध्रुवीकरण की कोशिश होती भी रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व फिलहाल केंद्र में मंत्री नित्यानंद राय ने साल 2018 में अररिया लोकसभा के लिए हुए उपचुनाव में कहा था कि अगर राजद उम्मीदवार जीत जाता है, तो अररिया आईएसआई का गढ़ बन जाएगा। इस चुनाव में राजद की तरफ से सरफराज आलम चुनाव लड़ रहे थे।
25 फरवरी को Bihar Assembly में NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद से ही किशनगंज ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे CAA NRC NPR विरोधी धरनों को सिलसिलेवार तौर पर समाप्त किया जा रहा है। कोचाधामन से जदयू विधायक मुजाहिद आलम की मौजूदगी में 28 फरवरी को सोंथा बाजार का धरना खत्म कर दिया गया। हमें जानकारी मिली की, 29 फरवरी को ऐसी ही एक कोशिश बेलवा में भी हुई और उसी दिन बिशनपुर बाजार में धरने को समाहरोपूर्वक समाप्त अथवा स्थगित कर दिया गया। देखिये, एक ख़ास रिपोर्टे।
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नागरिकता संशोधन कानून,एनआरसी कानून, बेटियों पर बढ़ते अत्याचार, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर बुलाये गए भारत बंद में समाजवादी जनता दल...