आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें, तो किशनगंज में 2020 तक पंजीकृत मज़दूरों की संख्या 39,244 थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद राज्य वापस लौटने वाले मज़दूरों की अनुमानित संख्या 56,320 बताई गई थी।
पश्चिम बंगाल और असम में चाय बागान के श्रमिकों को फिलहाल 232 रुपए दिहाड़ी की दर से मज़दूरी दी जाती है। त्रिपुरा और बिहार के किशनगंज को छोड़ दें तो यह देश में बाकी राज्यों के मुक़ाबले काफी कम है।
आज से 10 बरस पहले यानी 2012 का ही आंकड़ा देखें, तो असम में 429 करोड़, तमिलनाडु में 70 करोड़, पश्चिम बंगाल में 30 करोड़ व केरल में 27 करोड़ रुपये बकाया हैं।
पिछले दिनों मोतिहारी के रामगढ़वा थाना क्षेत्र में स्थित ईंट-भट्ठा की चिमनी में ब्लास्ट में हो गई थी। हादसे में चिमनी मालिक सहित 10 लोगों की मृत्यु हुई थी और 8 लोग घायल हुए थे।
कम्बोडिया में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर म्यांमार में बंधक बनाकर गलत तरीके से कार्य करा रहे दो भारतीय युवकों को किशनगंज पुलिस ने मुक्त कराया है।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) – 5 के मुताबिक, साल 2019-2020 में 35.6 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हुई। साल 2015-2016 में यह आंकड़ा 62.05 प्रतिशत था।
पिछले तीन महीनों में 'मैं मीडिया' की टीम ने ऐसे दर्जनों प्रवासी मज़दूरों और उनके परिजनों से बात कर बर्बादी के स्तर को समझने की कोशिश की।
किशनगंज में इन दिनों गर्ल्स ट्रैफिकिंग गिरोह सक्रिय है, जो गांव के गरीब व निरक्षर माता पिता की बच्चियों को शिकार बनाता है। यह गिरोह किशनगंज की बच्चियों की शादी कर, चंडीगढ़ ले जाता है और वहां उन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेल देता है। ऐसा ही कुछ खुलासा चंडीगढ़ से भागकर आयी जीनत […]
सड़क दुर्घटना में नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों के मौत के बाद अब चारों मजदूरों का शव गांव पहुंचा है। बताते चलें चारों मजदूर कटिहार कोढ़ा विधानसभा के राजीगंज से है। पंकज, शिवम, संजय और रघुनंदन कंस्ट्रक्शन मजदूरी के काम के लिए नागालैंड गये हुए थे, जहां सड़क हादसे में चारों की मौत हो […]
किशनगंज टाउन थाना पुलिस ने शहर के खगड़ा मुहल्ला स्थित रेड लाइट एरिया में रविवार को छापेमारी की। किशनगंज एसपी डॉ इनामुल हक मेगनु की ओर से गठित एक विशेष टीम के द्वारा ये छापेमारी की गयी। पुलिस की छापेमारी से रेड लाइट एरिया में हड़कंप मच गया। छापेमारी के दैरान पुलिस ने कई घरों […]
हैदराबाद के भोईगुड़ा में 23 मार्च को जिस कबाड़ गोदाम में भीषण आग लगने से बिहार के कटिहार जिले के तीन व सारण जिले के 8 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी, वही गोदाम मजदूरों का ठिकाना भी था।
पांचों शव के साथ लौटे मजदूरों ने कहा है कि साइट पर कोई इंजीनियर नहीं रहता था और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम था।