Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

Modern Slavery

किशनगंज DM कार्यालय परिसर में बाल मजदूरी, कैमरे में कैद हुआ मामला

किशनगंज: तस्करों के चंगुल से लुधियाना से भागी महिला ने सुनाई आपबीती

मधेपुरा में महादलित महिलाओं के साथ लोन घोटाला : “जब लोन का ₹1 हम नहीं लिए तो हम क्यों चुकाएं?”

Modern Slavery की अन्य ख़बरें

सुपौल: सऊदी अरब गए व्यक्ति की हत्या की आशंका को देखते परिजन ने शव बरामदगी की लगाई गुहार

रोजगार की तलाश में लाल बहादुर साह 9 माह पहले यानी 4 सितंबर 2023 को कमाने के लिए सऊदी अरब गए। फिर लगभग 7 महीने बाद 27 मार्च को एक वीडियो बनाकर अपने परिजन को भेजे थे।

“250 रुपये की दिहाड़ी से नहीं होता गुजारा”- दार्जिलिंग के चाय श्रमिक

दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में चाय उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा जिला है। चाय बागान श्रमिकों का कहना है कि महंगाई के जमाने में उन्हें 250 रुपये प्रति दिन की मजदूरी दी जाती है, जिससे उनका गुज़ारा नहीं हो पाता है। पिछले वर्ष जून में चाय श्रमिकों की मज़दूरी 232 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 250 रुपये की गई थी लेकिन श्रमिक इससे नाखुश हैं और वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।

“कार्ड मिला है तो धो धोकर पीजिये” – कई सालों से रोजगार न मिलने से मनरेगा कार्डधारी मज़दूर निराश

मज़दूरों ने बताया कि गांव के दर्जनों परिवार बेरोजगारी से जूझ रहे हैं जिसक कारण कई लोग मज़दूरी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं। गांव की कई महिलाएं मनरेगा श्रम कार्ड बनवा कर रोजगार पाने की आस में बैठी हैं लेकिन सालों से उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है।

किशनगंज: बच्चों की तस्करी के खिलाफ चलाया गया जनजागरूकता अभियान

आंकड़े बताते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में बाल दुर्व्यापार या बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना दशकों से एक बड़ी चुनौती रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों की मानें तो, देश में हर घंटे नौ बच्चे लापता होते हैं, जबकि रोजाना आठ बच्चे ट्रैफिकिंग का शिकार होते हैं। संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मुजाहिद आलम ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देश में 77,535 बच्चे लापता हुए जो 2020 के मुकाबले 31% अधिक है।

सूरत में मारे गये प्रवासी मजदूर का शव कटिहार पहुंचा

कटिहार जिले के बलरामपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिहागांव पंचायत के निवासी मोहम्मद मुश्फिक का शव रविवार को घर पहुंचा। 30 वर्षीय मोहम्मद मुश्फिक सूरत में प्रवासी मजदूर थे, जहां साइट पर सरिया लगने के कारण गंभीर चोट आई थी।

पलायन का दर्द बयान करते वायरल गाना गाने वाले मज़दूर से मिलिए

इन दिनों एक मजदूर की दर्द भरी आवाज में पलायन के ऊपर गाए गए इस गाने को खूब पसंद किया जा रहा है। इसका वायरल वीडियो आपने किसी ना किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर देखा होगा जिसमें यह मजदूर दो ट्रेनों के बीच खड़ा होकर इस गाने के माध्यम से अपना दुख व्यक्त कर रहा है।

“यहाँ हमारी कौन सुनेगा” दिल्ली में रह रहे सीमांचल के मज़दूरों का दर्द

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें, तो किशनगंज में 2020 तक पंजीकृत मज़दूरों की संख्या 39,244 थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद राज्य वापस लौटने वाले मज़दूरों की अनुमानित संख्या 56,320 बताई गई थी।

दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिक ₹232 में मज़दूरी करने पर मजबूर

पश्चिम बंगाल और असम में चाय बागान के श्रमिकों को फिलहाल 232 रुपए दिहाड़ी की दर से मज़दूरी दी जाती है। त्रिपुरा और बिहार के किशनगंज को छोड़ दें तो यह देश में बाकी राज्यों के मुक़ाबले काफी कम है।

चाय बागान मजदूरों का करोड़ों दबाए बैठे हैं मालिकान!

आज से 10 बरस पहले यानी 2012 का ही आंकड़ा देखें, तो असम में 429 करोड़, तमिलनाडु में 70 करोड़, पश्चिम बंगाल में 30 करोड़ व केरल में 27 करोड़ रुपये बकाया हैं।

मोतिहारी ईंट-भट्ठा हादसा: “घर में छोटे छोटे पांच बच्चे हैं, हम तो जीते जी मर गए”

पिछले दिनों मोतिहारी के रामगढ़वा थाना क्षेत्र में स्थित ईंट-भट्ठा की चिमनी में ब्लास्ट में हो गई थी। हादसे में चिमनी मालिक सहित 10 लोगों की मृत्यु हुई थी और 8 लोग घायल हुए थे।

नौकरी के नाम पर म्यांमार में बंधक बनाए गए किशनगंज के दो युवक मुक्त

कम्बोडिया में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर म्यांमार में बंधक बनाकर गलत तरीके से कार्य करा रहे दो भारतीय युवकों को किशनगंज पुलिस ने मुक्त कराया है।

सीमांचल में क्यों बढ़ रही नाबालिग शादियां व तस्करी

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) – 5 के मुताबिक, साल 2019-2020 में 35.6 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हुई। साल 2015-2016 में यह आंकड़ा 62.05 प्रतिशत था।

Latest Posts

Ground Report

अप्रोच पथ नहीं होने से तीन साल से बेकार पड़ा है कटिहार का यह पुल

पैन से आधार लिंक नहीं कराना पड़ा महंगा, आयकर विभाग ने बैंक खातों से काटे लाखों रुपये

बालाकृष्णन आयोग: मुस्लिम ‘दलित’ जातियां क्यों कर रही SC में शामिल करने की मांग?

362 बच्चों के लिए इस मिडिल स्कूल में हैं सिर्फ तीन कमरे, हाय रे विकास!

सीमांचल में विकास के दावों की पोल खोल रहा कटिहार का बिना अप्रोच वाला पुल