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Modern Slavery

मुआवजे के पेंच में फंसा बंधुआ मज़दूरों का पुनर्वास

दिल्ली में बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए बिहार के 12 नाबालिग लड़के

चाय बागानों में ‘भविष्य निधि’ : न ‘भविष्य’, न ‘निधि’, गड़बड़झाला!

Modern Slavery की अन्य ख़बरें

बिहार की ममता कर्मी क्यों कर रही हैं प्रदर्शन?

बीते 16 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में बिहार के सासाराम लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने शून्यकाल में ममता कर्मियों मांगों को सदन में उठाया।

बिहार: शौचालय की टंकी में उतरे मजदूर की मौत, बचाने गए तीन अन्य की हालत गंभीर

मौके पर पहुंचे लोगों ने किसी तरह सभी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक राजा महलदार की मौत हो चुकी थी।

किशनगंज DM कार्यालय परिसर में बाल मजदूरी, कैमरे में कैद हुआ मामला

किशनगंज डीएम कार्यालय परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान एक नाबालिग बच्चे से बाल मजदूरी कराई जा रही है। इसका वीडियो कैमरे में कैद हो गया है, जिसमें एक बच्चा भारी-भरकम लकड़ी के तख्तों को ढोते हुए दिखाई दे रहा है।

किशनगंज: तस्करों के चंगुल से लुधियाना से भागी महिला ने सुनाई आपबीती

बिहार के किशनगंज में मानव तस्करी का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल, मामला किशनगंज जिले के बहादुरगंज थाना क्षेत्र का है, जहां लुधियाना से एक युवती मानव तस्करों के चंगुल से भागकर बहादुरगंज स्थित अपने घर पहुंची। पीड़िता की शिकायत पर बहादुरगंज थाने में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पीड़िता ने अपने आवेदन में बताया कि कोचाधामन थाना क्षेत्र के कुम्हार टोली रुहिया काशीबाड़ी गांव निवासी मो. सोहेल से फ़ोन पर उसकी दोस्ती हुई। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं।

मधेपुरा में महादलित महिलाओं के साथ लोन घोटाला : “जब लोन का ₹1 हम नहीं लिए तो हम क्यों चुकाएं?”

रंजू देवी और फूदनी देवी की तरह ही गांव की लगभग 50 महिलाओं के नाम पर लोन उठाया गया है। एक-एक महिला के नाम चार से पांच लोन लिए गए हैं। इसी क्रम में गीता देवी पर चार लोन, रूबी देवी के नाम दो और अभिलाषा देवी के नाम पर चार लोन लिये गये हैं। 

सुपौल: सऊदी अरब गए व्यक्ति की हत्या की आशंका को देखते परिजन ने शव बरामदगी की लगाई गुहार

रोजगार की तलाश में लाल बहादुर साह 9 माह पहले यानी 4 सितंबर 2023 को कमाने के लिए सऊदी अरब गए। फिर लगभग 7 महीने बाद 27 मार्च को एक वीडियो बनाकर अपने परिजन को भेजे थे।

“250 रुपये की दिहाड़ी से नहीं होता गुजारा”- दार्जिलिंग के चाय श्रमिक

दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में चाय उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा जिला है। चाय बागान श्रमिकों का कहना है कि महंगाई के जमाने में उन्हें 250 रुपये प्रति दिन की मजदूरी दी जाती है, जिससे उनका गुज़ारा नहीं हो पाता है। पिछले वर्ष जून में चाय श्रमिकों की मज़दूरी 232 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 250 रुपये की गई थी लेकिन श्रमिक इससे नाखुश हैं और वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।

“कार्ड मिला है तो धो धोकर पीजिये” – कई सालों से रोजगार न मिलने से मनरेगा कार्डधारी मज़दूर निराश

मज़दूरों ने बताया कि गांव के दर्जनों परिवार बेरोजगारी से जूझ रहे हैं जिसक कारण कई लोग मज़दूरी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं। गांव की कई महिलाएं मनरेगा श्रम कार्ड बनवा कर रोजगार पाने की आस में बैठी हैं लेकिन सालों से उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है।

किशनगंज: बच्चों की तस्करी के खिलाफ चलाया गया जनजागरूकता अभियान

आंकड़े बताते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में बाल दुर्व्यापार या बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना दशकों से एक बड़ी चुनौती रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों की मानें तो, देश में हर घंटे नौ बच्चे लापता होते हैं, जबकि रोजाना आठ बच्चे ट्रैफिकिंग का शिकार होते हैं। संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मुजाहिद आलम ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देश में 77,535 बच्चे लापता हुए जो 2020 के मुकाबले 31% अधिक है।

सूरत में मारे गये प्रवासी मजदूर का शव कटिहार पहुंचा

कटिहार जिले के बलरामपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिहागांव पंचायत के निवासी मोहम्मद मुश्फिक का शव रविवार को घर पहुंचा। 30 वर्षीय मोहम्मद मुश्फिक सूरत में प्रवासी मजदूर थे, जहां साइट पर सरिया लगने के कारण गंभीर चोट आई थी।

पलायन का दर्द बयान करते वायरल गाना गाने वाले मज़दूर से मिलिए

इन दिनों एक मजदूर की दर्द भरी आवाज में पलायन के ऊपर गाए गए इस गाने को खूब पसंद किया जा रहा है। इसका वायरल वीडियो आपने किसी ना किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर देखा होगा जिसमें यह मजदूर दो ट्रेनों के बीच खड़ा होकर इस गाने के माध्यम से अपना दुख व्यक्त कर रहा है।

“यहाँ हमारी कौन सुनेगा” दिल्ली में रह रहे सीमांचल के मज़दूरों का दर्द

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें, तो किशनगंज में 2020 तक पंजीकृत मज़दूरों की संख्या 39,244 थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद राज्य वापस लौटने वाले मज़दूरों की अनुमानित संख्या 56,320 बताई गई थी।

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