किशनगंज में 30 जुलाई को ‘विश्व मानव दुर्व्यापार निषेध दिवस’ के अवसर पर जन निर्माण केंद्र नामक एक गैर सरकारी संगठन ने मानव व बाल तस्करी के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान लोगों को बच्चों की तस्करी खत्म करने की शपथ भी दिलाई गई। बता दें कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सहयोग से चल रहे जन निर्माण केन्द्र की टीम स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायतों के अलावा घर-घर जाकर बच्चों की तस्करी और बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाती है।
एक साल में 77,000 बच्चे लापता !
आंकड़े बताते हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में बाल दुर्व्यापार या बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना दशकों से एक बड़ी चुनौती रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों की मानें तो, देश में हर घंटे नौ बच्चे लापता होते हैं, जबकि रोजाना आठ बच्चे ट्रैफिकिंग का शिकार होते हैं। संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मुजाहिद आलम ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देश में 77,535 बच्चे लापता हुए जो 2020 के मुकाबले 31% अधिक है।
Also Read Story
”एंटी-ट्रैफिकिंग कानून लाए सरकार”
देश में बच्चों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए जन निर्माण केन्द्र के संस्थापक राकेश कुमार सिंह ने कहा, “यह तथ्य कि आज ज्यादा से ज्यादा लोग बच्चों के लापता होने की जानकारी देने सामने आ रहे हैं, अपने आप में एक बड़ा बदलाव है। यह इस बात का संकेत है कि जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर हमने जो जागरूकता अभियान चलाया है, उससे लोगों की मानसिकता बदली है और सुखद नतीजे सामने आ रहे हैं।”
राकेश कुमार सिंह आगे कहते हैं, ”सरकारें और कानून प्रवर्तन एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने के प्रयासों में जुटी हुई हैं, लेकिन इस संगठित अपराध को देश से पूरी तरह खत्म करने के लिए एक कड़े एंटी-ट्रैफिकिंग कानून की सख्त जरूरत है इसलिए सरकार संसद में एंटी-ट्रैफिकिंग बिल शीघ्र पास कराए।”
उक्त कार्यक्रम में रेल थाना, किशनगंज के रितेश कुमार, रेलवे सुरक्षा फोर्स की प्रीति कुमारी के अलावा पुलिस बल और जन निर्माण केंद्र के विधिक सलाहकार पंकज कुमार झा, सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता नॉरेन पहाड़िया, पूनम कुमारी आदि मौजूद रहे।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।