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किशनगंज: रेलवे स्टेशन से सुरक्षा बलों ने तीन नाबालिग बच्चों को किया रेस्क्यू

बिहार से पलायन का दर्दनाक मंज़र, ट्रेन में ठुंस कर जा रहे दिल्ली-पंजाब

बंगाल के श्रीकांत दो भयंकर हादसों में बाल-बाल बचे, ट्रेन हादसे में हुए घायल

Migration की अन्य ख़बरें

ओडिशा ट्रेन हादसे में बचकर आई नाबालिग बच्ची से अधिकारी ने पूछे ऊल-जुलूल सवाल

ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के टकराने से बिहार के 51 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। हादसे में बाल-बाल बचे लोगों को बस के द्वारा अररिया लाया गया। अररिया ज़िला प्रशासन की पूरी टीम ने वापस आए लोगों को रिसीव किया। फिर यहां से ज़िला प्रशासन ने उन लोगों को अपने घर तक पहुंचाया।

अररिया के बच्चे जा रहे थे मदरसा, महाराष्ट्र पुलिस ने बताया तस्करी

अररिया जिले के पलासी प्रखंड अंतर्गत बेलबाड़ी के रहने वाले मोहम्मद वारिस के दो बच्चे शौक़ीन (17 वर्ष) और निसार (15 वर्ष) भी इस समय नासिक स्थित बाल विकास विभाग में हैं। वारिस ने 'मैं मीडिया' से बताया, कि अपने बच्चों को उन्होंने अपनी मर्ज़ी से मदरसा भेजा था और जिसके साथ भेजा था, वह उनका ममेरा भाई है लेकिन पुलिस ने उसे तस्कर कह कर गिरफ्तार कर लिया है।

सुडान में मौत से नजर मिलाकर लौटे सपन ने सुनाई हैरतअंगेज दास्तां

सूडान में बीते कई हफ्तों से सूडान की आर्मी और पैरामिलिट्री समूह आरएसएफ के बीच संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान और पैरामिलिट्री( रैपिड सपोर्ट फोर्स) के चीफ हमदान दगालो के बीच चल रहा है।

जीवन यापन के लिए अररिया में ड्राम बेच रहे मध्यप्रदेश के बंजारे

गोढ़ी चौक के निकट एनएच 57 के किनारे बंजारों का एक छोटा सा समूह रह रहा है। ये लोग बांस और प्लास्टिक की बनी झोपड़ियों में रहते हैं और ठंड में भी ज़मीन पर सोने को मजबूर हैं।

“2-4 नारियल कम बिकेगा, पर जान तो बची रहेगी”

लाल मोहम्मद एक फेरीवाला हैं और कटिहार जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बच्चों के कपड़े बेचने का काम करते हैं। हर दिन वह अपने घर कटिहार से ट्रेन पकड़ कर बारसोई अनुमंडल क्षेत्र आते हैं और गांव में घूम घूम कर छोटे बच्चों और लड़कियों के कपड़े बेचते हैं। लाल मोहम्मद लगभग 7 सालों से […]

नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों की मौत

सड़क दुर्घटना में नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों के मौत के बाद अब चारों मजदूरों का शव गांव पहुंचा है। बताते चलें चारों मजदूर कटिहार कोढ़ा विधानसभा के राजीगंज से है। पंकज, शिवम, संजय और रघुनंदन कंस्ट्रक्शन मजदूरी के काम के लिए नागालैंड गये हुए थे, जहां सड़क हादसे में चारों की मौत हो […]

Pune में स्लैब गिरने से Katihar के पांच मजदूरों की मौत

महाराष्ट्र के पुणे स्थित यरवदा इलाके के शास्त्रीनगर में गुरुवार की देर रात एक बड़े हादसे में कटिहार के पांच मजदूरों की मौत हो गई।

कश्मीर में मजदूरों की हत्या: बेहतर जिंदगी, मकान का सपना रह गया अधूरा

महादलित समुदाय से आने वाले अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बौसी के रहने वाले राजा की सरकारी उम्र 14 साल ही थी, लेकिन उनके रिश्तेदार उसकी उम्र 18-19 साल बताते हैं। मगर उसकी समझदारी बताती है कि वह 18-19 का ही रहा होगा, तभी तो वह रोटी, कपड़ा और मकान की चिंता में घुलता रहता था। वह झोपड़ी में नहीं रहना चाहता था। वो एक ठोस मकान बनाना चाहता था, इसलिए अच्छी कमाई की चाहत उसे घर से 2000 किलोमीटर दूर कश्मीर ले गई थी। वहां 17 अक्टूबर को चरमपंथियों ने उसकी हत्या कर दी।

अररिया का मज़दूर जम्मू से लापता, पुलिस का चक्कर लगा रहे पिता

अररिया जिले के नगर थाना क्षेत्र की कमलदाहा पंचायत का निवासी 23 वर्षीय मो. अब्बास अपने पिता और बड़े भाई के साथ दो महीने पहले कश्मीर गया था। 15 अक्टूबर को तीनों गांव लौट रहे थे, तभी जम्मू स्टेशन पर अब्बास लापता हो गया।

अररिया: मजदूरी करने गये थे जम्मू-कश्मीर, अब परिवार को लाश का इंतजार

पिछले 16 दिनों में गैर-कश्मीरी नागरिकों पर हमले की ये तीसरी वारदात थी। इससे पहले 5 अक्टूबर को बिहार के भागलपुर के रहने वाले एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी। वे श्रीनगर में गोलगप्पा बेचते थे। इसके बाद 16 अक्टूबर की शाम अलग-अगल जगहों पर आतंकियों ने बिहार के बांका और उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी।

जिस गाँव से मोदी ने रोज़गार योजना शुरू की, वहाँ के ज़्यादातर मज़दूर पलायन कर गए

PM मोदी ने बिहार के जिस गाँव से गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की थी, वहाँ के ज़्यादातर मज़दूर वापस पलायन कर चुके हैं। CM नीतीश ने जिस मज़दूर से 24 मई को बात की थी, वो आज तक बेरोज़गार है।

अरबिना खातून के परिवार को राजद ने किया 5 लाख का आर्थिक मदद

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मामले पर संज्ञान लेते हुए तुरंत आर्थिक मदद देने का ऐलान करने के बाद कटिहार के राजद नेताओं ने पीड़िता के घर पहुंचकर नकद 5 लाख रुपये दिये हैं।

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दुर्घटना में मरने वाले प्रवासी मज़दूरों के परिवारों को सरकारी मदद का इंतज़ार

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