ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के टकराने से बिहार के 51 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। हादसे में बाल-बाल बचे लोगों को बस के द्वारा अररिया लाया गया। अररिया ज़िला प्रशासन की पूरी टीम ने वापस आए लोगों को रिसीव किया। फिर यहां से ज़िला प्रशासन ने उन लोगों को अपने घर तक पहुंचाया।
अररिया जिले के पलासी प्रखंड अंतर्गत बेलबाड़ी के रहने वाले मोहम्मद वारिस के दो बच्चे शौक़ीन (17 वर्ष) और निसार (15 वर्ष) भी इस समय नासिक स्थित बाल विकास विभाग में हैं। वारिस ने 'मैं मीडिया' से बताया, कि अपने बच्चों को उन्होंने अपनी मर्ज़ी से मदरसा भेजा था और जिसके साथ भेजा था, वह उनका ममेरा भाई है लेकिन पुलिस ने उसे तस्कर कह कर गिरफ्तार कर लिया है।
सूडान में बीते कई हफ्तों से सूडान की आर्मी और पैरामिलिट्री समूह आरएसएफ के बीच संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान और पैरामिलिट्री( रैपिड सपोर्ट फोर्स) के चीफ हमदान दगालो के बीच चल रहा है।
गोढ़ी चौक के निकट एनएच 57 के किनारे बंजारों का एक छोटा सा समूह रह रहा है। ये लोग बांस और प्लास्टिक की बनी झोपड़ियों में रहते हैं और ठंड में भी ज़मीन पर सोने को मजबूर हैं।
लाल मोहम्मद एक फेरीवाला हैं और कटिहार जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बच्चों के कपड़े बेचने का काम करते हैं। हर दिन वह अपने घर कटिहार से ट्रेन पकड़ कर बारसोई अनुमंडल क्षेत्र आते हैं और गांव में घूम घूम कर छोटे बच्चों और लड़कियों के कपड़े बेचते हैं। लाल मोहम्मद लगभग 7 सालों से […]
सड़क दुर्घटना में नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों के मौत के बाद अब चारों मजदूरों का शव गांव पहुंचा है। बताते चलें चारों मजदूर कटिहार कोढ़ा विधानसभा के राजीगंज से है। पंकज, शिवम, संजय और रघुनंदन कंस्ट्रक्शन मजदूरी के काम के लिए नागालैंड गये हुए थे, जहां सड़क हादसे में चारों की मौत हो […]
महाराष्ट्र के पुणे स्थित यरवदा इलाके के शास्त्रीनगर में गुरुवार की देर रात एक बड़े हादसे में कटिहार के पांच मजदूरों की मौत हो गई।
महादलित समुदाय से आने वाले अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बौसी के रहने वाले राजा की सरकारी उम्र 14 साल ही थी, लेकिन उनके रिश्तेदार उसकी उम्र 18-19 साल बताते हैं। मगर उसकी समझदारी बताती है कि वह 18-19 का ही रहा होगा, तभी तो वह रोटी, कपड़ा और मकान की चिंता में घुलता रहता था। वह झोपड़ी में नहीं रहना चाहता था। वो एक ठोस मकान बनाना चाहता था, इसलिए अच्छी कमाई की चाहत उसे घर से 2000 किलोमीटर दूर कश्मीर ले गई थी। वहां 17 अक्टूबर को चरमपंथियों ने उसकी हत्या कर दी।
अररिया जिले के नगर थाना क्षेत्र की कमलदाहा पंचायत का निवासी 23 वर्षीय मो. अब्बास अपने पिता और बड़े भाई के साथ दो महीने पहले कश्मीर गया था। 15 अक्टूबर को तीनों गांव लौट रहे थे, तभी जम्मू स्टेशन पर अब्बास लापता हो गया।
पिछले 16 दिनों में गैर-कश्मीरी नागरिकों पर हमले की ये तीसरी वारदात थी। इससे पहले 5 अक्टूबर को बिहार के भागलपुर के रहने वाले एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी। वे श्रीनगर में गोलगप्पा बेचते थे। इसके बाद 16 अक्टूबर की शाम अलग-अगल जगहों पर आतंकियों ने बिहार के बांका और उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी।
PM मोदी ने बिहार के जिस गाँव से गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की थी, वहाँ के ज़्यादातर मज़दूर वापस पलायन कर चुके हैं। CM नीतीश ने जिस मज़दूर से 24 मई को बात की थी, वो आज तक बेरोज़गार है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मामले पर संज्ञान लेते हुए तुरंत आर्थिक मदद देने का ऐलान करने के बाद कटिहार के राजद नेताओं ने पीड़िता के घर पहुंचकर नकद 5 लाख रुपये दिये हैं।