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बिहार से पलायन का दर्दनाक मंज़र, ट्रेन में ठुंस कर जा रहे दिल्ली-पंजाब

ये नज़ारा है सहरसा जंक्शन पर खड़ी सहरसा – अमृतसर एक्सप्रेस के जेनरल डब्बे का। ट्रैन के किसी भी जनरल डब्बे में पैर रखने तक की जगह नहीं है। ट्रेन में भारी भीड़ होने से रोज़ी रोटी के लिए बिहार से बाहर जा रहे मज़दूरों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
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ये नज़ारा है सहरसा जंक्शन पर खड़ी सहरसा – अमृतसर एक्सप्रेस के जेनरल डब्बे का। ट्रैन के किसी भी जनरल डब्बे में पैर रखने तक की जगह नहीं है। ट्रेन में भारी भीड़ होने से रोज़ी रोटी के लिए बिहार से बाहर जा रहे मज़दूरों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रोज़गार की तलाश में घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर जा रहे कोसी और सीमांचल क्षेत्र के ये मज़दूर सवारी न मिलने से परेशान हैं।

भीषण गर्मी के बावजूद साहरसा से दिल्ली और पंजाब जाने वाली ट्रेनों में काफी भीड़ देखी जा रही है। धानरोपण के दिनों में पंजाब जाने वाले मज़दूरों की लंबी कतार है। ट्रेन में बैठने की जगह न मिलने के कारण बहुत से मज़दूर यात्री कई घंटों और दिनों से प्लेटफार्म पर बैठे अगली ट्रेन के इंतज़ार में हैं।

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज से आए बबलू यादव इन प्रस्तिथियों पर सरकार से नाराज़ दिखे और कहा कि अंबाला जाने के लिए जनरल टिकट 350 रूपए का मिलता है लेकिन जनरल डब्बे में पैर रखने की जगह नहीं है, तीन दिनों से स्टेशन पर बैठे हैं। सरकार भी हम प्रवासी मज़दूरों के लिए कुछ नहीं कर रही है।


रविशंकर कुमार भी पंजाब के अंबाला जाने के लिए मधेपुरा से सहरसा जंक्शन पहुंचे थे। ट्रेन में जगह न मिलने के कारन पिछले 5 दिनों से स्टेशन पर ही बैठे हैं। उन्होंने बताया कि वह धान की खेती करने पंजाब जा रहे हैं। रोज़ ट्रेन की टिकट खरीदते हैं पर जनरल डिब्बों में इतनी भीड़ होती है कि बिलकुल भी जगह नहीं होती है।

उन्होंने आगे कहा कि इस रुट में ट्रेनों की बहुत कमी है लेकिन सरकार इस और बिलकुल ध्यान नहीं दे रही है। गरीब रथ सहित और जो एक दो ट्रेनें हैं उनमें बिलकुल भी जगह नहीं है।

सिकंदर पासवान भी पिछले कई दिनों से रेल गाड़ीयों में जगह के अभाव के कारण स्टेशन पर रुकने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में रोज़गार नहीं है और महंगाई के दिनों में परिवार को पालने के लिए मजबूर हो कर बाहर जाने का ही एकमात्र विकल्प बचता है।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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