शिवांकर की मां कुमकुम देवी ने कहा कि शिवांकर के पिता अपने बेटे की शिक्षा पर बहुत ध्यान देते हैं। परीक्षा से आने के बाद दोनों पिता-पुत्र प्रश्न पत्र की जांच करने बैठ जाते थे और फिर अगले पेपर की तैयारी शुरू कर देते थे।
जिला स्कूल पूर्णिया के छात्र शिवांकार कुमार ने बिहार टॉप किया है। उसे 489 अंक मिले हैं, जो कि 97.8 प्रतिशत होता है। बताते चलें कि टॉप-10 में 51 विधार्थियों ने जगह बनाई है।
बोर्ड द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा 15-23 फरवरी के बीच हुई थी। परीक्षा में क़रीब 16 लाख परीक्षार्थियों ने भाग लिया था, जिनके लिए प्रदेश भर में 1,585 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
जारी परीक्षाफल के अनुसार, कुल 9,835 शिक्षक जो सक्षमता परीक्षा के प्रथम चरण में अनुत्तीर्ण रहे हैं, उन्हें "विशिष्ट शिक्षक" बनने के लिए आगामी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा।
होली के दिन स्कूल खुला रखने से शिक्षक मायूस हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह ने कहा कि स्कूल खुला होने के बावजूद होली त्यौहार के कारण बच्चे विद्यालय नहीं आए ऐसे में स्कूल खोलने का कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग ने 25 मार्च की जगह 26 और 27 मार्च को होली की छुट्टी दी है।
साक्षी ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षक मुमताज़ अंसारी को दिया। साक्षी के पिता भीम तिवारी ट्रांसपोर्टर और मां संध्या देवी गृहिणी हैं।
पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष का पासिंग परसेंटेज बेहतर रहा। आनंद किशोर ने बताया कि 2019 में 79.76%, 2020 में 80.59%, 2021 में 78.04%, 2022 में 80.15% और 2023 में 83.73% विद्यार्थी पास हुए थे।
परीक्षा देने वाले कुल 13,04,352 परिक्षार्थीयों में 6,77,921 छात्र जबकि 6,21,431 छात्राएं थीं। 2 मार्च को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रश्नपत्रों की उत्तर कुंजी जारी की थी।
राजेश कुमार मधुबनी जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के सचिव के पद पर भी तैनात थे। निलंबन अवधि में राजेश कुमार मुख्यालय क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, दरभंगा कार्यालय में रहेंगे।
लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी जिस कारण गया में निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर 16-21 अप्रैल तक परीक्षा आयोजित नहीं होगी। हालांकि, भागलपुर और पूर्णिया में निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर 30 मार्च से 23 अप्रैल तक परीक्षा संचालित होगी।
अपने कॉलेजों का विकल्प ना पाकर छात्र सड़कों पर उतर आए। गुरुवार को ही पटना में छात्रों ने बिहार के सत्तारूढ़ दलों जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
सत्र 2024-25 में 12वीं कक्षा की पढ़ाई डिग्री कॉलेजों में नहीं होगी। इस आदेश के बाद छात्र भड़क गए हैं। गुरुवार को बड़ी संख्या में पटना के छात्र सड़कों पर उतर गए और इस आदेश का विरोध किया। छात्र भाजपा और जदयू कार्यालय पहुंच गए और घेराव किया।