बिहार में अब मौसम का पारा चढ़ने लगा है। मंगलवार (9 अप्रैल) को राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके बावजूद अब तक बिहार के स्कूलों की टाइमिंग नहीं बदली है। दरअसल, पिछले कुछ सालों से गर्मी की छुट्टी से पहले (आमतौर पर अप्रैल में) स्कूल में पठन-पाठन मॉर्निंग शिफ्ट में हो जाता था।
मॉर्निंग शिफ्ट में स्कूल सुबह साढ़े छह बजे से शुरू होती थी और 11.30 बजे तक छुट्टी हो जाती थी।
लेकिन, इस वर्ष स्कूलों में पठन-पाठन का समय मॉर्निंग शिफ्ट में नहीं होने से बच्चे, शिक्षक और अभिभावक परेशान हैं। मौसम के बिगड़ते मिज़ाज को देखते हुए लू लगने का भी खतरा लगा रहता है।
मॉर्निंग शिफ्ट नहीं होने पर सियासत शुरू
स्कूल में पठन-पाठन मॉर्निंग शिफ्ट में नहीं होने पर सियासत भी शुरू हो गई है। पटना के पालीगंज से विधायक संदीप सौरव ने एक्स पर पोस्ट के माध्यम से सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इशारों-इशारों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की भी आलोचना की।
संदीप ने एक्स पर लिखा, “बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों को परेशान करते-करते बिहार के बच्चों और छात्रों से भी खिलवाड़ करने लग गये हैं। होली की छुट्टी के बाद गर्मी की छुट्टी ख़त्म और फिर स्कूलों को मॉर्निंग शिफ्ट में करने पर रोक!”
संदीप ने आगे लिखा, “एक अधिकारी की मनमानी चल रही है और भाजपा-जदयू की सरकार उसका मौन समर्थन किए जा रही है। बच्चे स्कूल में नहीं आयेंगे तब भी शिक्षकों को आना होगा! क्यों? फिर से डीएम से पंगा करेंगे। मुख्यमंत्री के द्वारा एकाधिक बार सदन में कहने के बावजूद स्कूलों की टाइमिंग नहीं बदली! ये डबल इंजन है कि ट्रबल इंजन!”
गिरिराज सिंह ने भी उठाया मुद्दा
भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने भी इस संबंध में अपने ही सरकार के ख़िलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में दख़ल देने की मांग की है।
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मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग को संवेदनहीन बताते हुए कहा कि गर्मी का पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है, लू चल रही है, उसके बावजूद स्कूलों का समय मॉर्निंग में नहीं किया जा रहा है।
“अभिभावक, शिक्षक सभी बेहाल हैं। एक तो परिपाटी थी 1 अप्रैल से मॉर्निंग होने का। वो परिपाटी अभी तक चालू नहीं हुई है। 40 डिग्री टेंपरेचर हो गया है। बच्चों को लू लग रहे हैं। क्या संवेदना खो दी है शिक्षा विभाग ने। संवेदनहीन हो गई है शिक्षा विभाग,” उन्होंने कहा।
गिरिराज ने आगे कहा, “एक तो 9-4 होता है (स्कूल)। मुख्यमंत्री जी ने 10-4 कहा था। अब तो 10-4 या 9-4 का कोई औचित्य नहीं है। मॉर्निंग स्कूल करना चाहिये। अगर नहीं करते हैं तो शिक्षा विभाग को संवेदनहीन कहा जायेगा। मैं मुख्यमंत्री जी से अपील करता हूं कि आप इंटरफेयर करें। नहीं तो यह निरंकुश संवेदनहीन विभाग होते जा रहा है।”
आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी थी सलाह
बिहार में मौसम का मिज़ाज लगातार गर्म हो रहा है और हर रोज़ तापमान बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, 8 अप्रैल को राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था। विभाग का पूर्वानुमान है कि 9 अप्रैल को तापमान 38 डिग्री, 10 अप्रैल को 37 डिग्री और 11-13 अप्रैल को 38 डिग्री सेल्सियस होगा। ऐसे में स्कूली बच्चों को लू लगने का डर भी लगा रहता है।
मौसम के बदलते मिज़ाज को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी विभागों को पत्र लिखकर जरूरी कार्रवाई करने की अपील की थी। इसमें शिक्षा विभाग भी शामिल था।
पत्र में लिखा था, “स्कूली बच्चों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए आवश्यक है कि विद्यालय या तो सुबह की पाली में ही संचालित हों अथवा गर्मी की छुटियाँ निर्धारित समय से पूर्व घोषित कर दी जाय। गर्मी की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को अल्प अवधि के लिए बन्द किया जा सकता है। इसके लिये संबंधित जिला पदाधिकारी के द्वारा समीक्षा कर निर्णय लिया जाना चाहिए।”
इसके अतिरक्त सभी स्कूलों व परीक्षा केन्द्रों में पेयजल, ORS की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कहा गया था। गर्म हवाएं/लू से बचाव के उपाय से संबंधित सामग्री को स्थानीय स्तर पर प्रिंट कर पम्पलेट/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराये जाने की सलाह दी थी। साथ ही कहा गया था कि इसके लिये स्थानीय प्रचार माध्यमों का भी उपयोग किया जा सकता है।
अब तक लागू नहीं हुआ नया टाइम-टेबल
स्कूलों में पठन-पाठन का समय मॉर्निंग शिफ्ट में शुरू नहीं होने से अब तो सरकार के अन्दर से भी विरोध के स्वर उठने शुरू हो गये हैं। सवाल यह है कि क्या विभागीय अधिकारी सरकार की बातों को अनसुना करते हैं?
गिरिराज सिंह ने स्कूलों में पठन-पाठन के टाइम-टेबल को लेकर भी शिक्षा विभाग पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि स्कूल का समय 10-4 बजे होगा, लेकिन अभी तक 9-4 ही स्कूल चल रहा है।
दरअसल, स्कूलों में पठन-पाठन के समय को लेकर अब तक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन में दिये गये बयानों का अनुपालन नहीं किया है। कई शिक्षकों ने बताया कि अभी भी स्कूलों में शिक्षकों के आने का समय 9 बजे ही है और वापस जाने का समय 5 बजे है।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा था?
शिक्षा विभाग ने 28 नवंबर को पत्र जारी कर यह मॉडल टाइम टेबल जारी किया था, जिसमें जिक्र था कि शिक्षक 9 बजे स्कूल आएंगे और 5 बजे स्कूल से घर के लिये निकलेंगे, जिसपर काफी विवाद भी हुआ था।
विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरवरी म्महीने में सदन में बयान दिया था कि स्कूलों के लिये 9-5 का समय सही नहीं है, इसमें सुधार करवाना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि स्कूलों में पठन-पाठन का समय 9-5 बजे के बजाय 10-4 होना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा था कि शिक्षकों को बच्चों से 10-15 मिनट पहले आना चाहिये और बच्चों के जाने के 10-15 मिनट बाद स्कूल से घर के लिये निकलना चाहिये।
मुख्यमंत्री के सदन में दिये गये बयान के बाद भी जब शिक्षा विभाग ने कोई लेटर नहीं जारी किया तो, अगले दिन फिर सदन में विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया। विपक्षी विधायकों ने कहा था कि अधिकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात नहीं मान रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने भी दिया था बयान
इस पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की है, स्कूल उसी के अनुसार चलेगा और शिक्षकों को बच्चों के आने से 15 मिनट पहले आना होगा।
लेकिन, अब तक शिक्षा विभाग ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है। स्कूल अभी भी 9-5 बजे ही चल रहा है।
‘मैं मीडिया’ ने इस संबंध में बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के मोबाइल नंबर पर दो बार फोन किया, लेकिन दोनों ही बार फोन कट कर दिया गया।
‘मैं मीडिया’ ने जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) डॉ. ख़ालिद अनवर के मोबाइल नंबर पर भी कॉल किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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किसी का कोई बात मानने वाले नहीं हैं अपर मुख्य सचिव श्रीमान के के पाठक, कोई मिडिया माननीय मुख्यमंत्री जी से भी पुछने वाले नहीं हैं।