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किशनगंज की मिली कुमारी ने लिखा पहला सुरजापुरी उपन्यास ‘पोरेर बेटी’

उर्दू अदब और हिन्दी साहित्य का संगम थे पूर्णिया के अहमद हसन दानिश

हारुन रशीद ‘ग़ाफ़िल’: सामाजिक मुद्दों पर लिखने वाला कुल्हैया बोली का पहला शायर

Literature की अन्य ख़बरें

वफ़ा मालिकपुरी: वह शायर जो वैश्विक उर्दू साहित्य में था सीमांचल का ध्वजधारक

वफ़ा मालिकपुरी का जन्म 1922 में दरभंगा जिला के मालिकपुरी नामक गांव में हुआ। कहा जाता है कि उन्होंने महज़ 13 साल की उम्र से शायरी शुरू कर दी थी।

मौत पर राहत इंदौरी के कहे 20 उम्दा शेर

राहत इंदौरी को उनके शेर कहने के तरीके और अपने फक्कड़पन के लिए खास तौर पर याद किये जाएंगे। उनकी शायरी का सबसे खास बात ये था कि वे उर्दू या हिंदी के नही बल्कि हिंदुस्तान के शायर थे। वह आसान जबान के मानीखेज़ शायर थे। जिस वजह से उनकी शायरी जेहन में लंबे वक्त तक तैरती रहती है।

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