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अररिया में लिटररी फेस्टिवल शुरू, साहित्य जगत की मशहूर हस्तियां होंगी शरीक

फेस्टिवल में 17 फरवरी को लिटररी सेशन होगा। इस सेशन में सीमांचल में उर्दू अफसानानिगारी का इतिहास, हिंदी साहित्य का वर्तमान परिदृश्य, रेणु साहित्य की विशेषताओं पर चर्चा होगी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
literary festival starts in araria

बिहार के अररिया में शनिवार से अररिया लिटररी फेस्टिवल की शुरुआत हो गयी। इस फेस्टिवल का आयोजन सामाजिक संस्था छांव फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में साहित्य जगत और राजनीति की जानी मानी हस्तियां शरीक हुईं।


फेस्टिवल के उद्घाटन सत्र में बिहार सरकार में पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री और अररिया के जोकीहाट से विधायक शाहनवाज़ आलम, अररिया जिला परिषद के अध्यक्ष आफताब अज़ीम, साहित्यकार चंद्र किशोर जयसवाल, साहित्यकार मुश्ताक़ अहमद नूरी, साहित्यकार भोला पंडित प्रणय, साहित्यकार तसनीम कौसर, अररिया जिला जन संपर्क पदाधिकारी सोनी कुमारी, मोहसिन अहमद कामिल, डॉ सालिक आज़म आदि शरीक हुए।

कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने रंग बिरंगे गुब्बारे उड़ा कर सत्र की शुरुआत की। वक्ताओं ने इस तरह का साहित्यिक आयोजन करने के लिए छांव फाउंडेशन का शुक्रिया अदा किया।


इस अवसर पर विधायक शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इस तरह के लिटररी फेस्टिवल के आयोजन से इलाके में साहित्य का माहौल पैदा होता है और इस तरह का आयोजन होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन करने में उनसे जो भी सहयोग बन पड़ेगा, वह करेंगे।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि उनके पिता और अररिया के पूर्व सांसद स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन भी साहित्य में काफी दिलचस्पी लेते थे और इस तरह के आयोजनों में वह भरपूर मदद भी करते थे।

अररिया जिला परिषद अध्यक्ष आफताब अज़ीम ने भी इस तरह के अदबी कर्यक्रम के लिए छांव फाउंडेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि अररिया की साहित्यिक विरासत को बचाने के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा।

बताते चलें कि अररिया लिटरेरी फेस्टिवल तीन दिनों (17, 18 और 19 फरवरी) तक चलेगा। इन तीन दिनों के दौरान विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

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फेस्टिवल में 17 फरवरी को लिटररी सेशन होगा। इस सेशन में सीमांचल में उर्दू अफसानानिगारी का इतिहास, हिंदी साहित्य का वर्तमान परिदृश्य, रेणु साहित्य की विशेषताओं पर चर्चा होगी।

17 फरवरी को ही करियर काउंसलिंग सत्र भी होगा, जिसमें आईएएस एलेक्स पॉल, आईआरएस सालिक परवेज़, एडीजे अनवर शमीम और मोटीवेशनल स्पीकर वली रहमानी चर्चा करेंगे।

इसके अतिरिक्त हिरावल थियेटर ग्रुप का नाटक और बज़्म सीमांचल के नाम से मुशायरा का आयोजन भी 17 फरवरी को होगा।

इसी प्रकार, 18 फरवरी को मीडिया और साहित्य पर चर्चा, लोक पंच स्टेज प्ले, तरंग गिटार वादन, कॉमेडी शो, दासतानगोई, ग़ज़ल गायकी आदि का प्रोग्राम होगा। इसमें डॉ हैदर सैफ तथा मशहूर कॉमेडियन रहमान खान शरीक होंगे।

वहीं, 19 फरवरी को मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राणा पर एक टॉक शो होगा, जिसमें साहित्य जगत के जाने माने नाम सफदर इमाम कादरी, पप्लु लखनवी, मुश्ताक़ अहमद नूरी और हसन काज़मी शामिल होंगे।

वहीं फेस्टिवल के अंत में एक मुशायरा होगा, जिसमें मशहूर शायर वसीम बरेलवी, अज़हर इक़बाल, नवाज़ देवबंदी, आरती कुमारी, ध्रुव गुप्त, सरफराज बज्मी, ज़फर कमाली, डॉ खालिद मुबशशिर आदि भाग लेंगे।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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