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फरवरी में होगा तीन दिवसीय अररिया लिटररी फेस्टिवल, वसीम बरेलवी सहित ये बड़े नाम होंगे शामिल

साहित्य और कला की दुनिया से मशहूर शायर वसीम बरेलवी, नवाज़ देवबंदी, अज़हर इक़बाल और स्टैंडअप कॉमेडियन रेहमान खान भी इस साहित्योत्सव में शामिल होने अररिया पहुंचेंगे।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
three day araria literary festival will be held in february

बिहार के अररिया में तीन दिवसीय साहित्योत्सव व पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा। इसका आयोजन 17 फरवरी से 19 फरवरी तक होगा जिसमें साहित्य और शिक्षा जगत की कई हस्तियां शामिल होंगी। साहित्योत्सव का आयोजन एक गैर सरकारी संस्था छाँव फ़ाउंडेशन कर रहा है। इस इवेंट का नाम अररिया लिटररी फेस्टिवल , ‘धनक’ रखा गया है।


17 फरवरी 2024 को दोपहर एक बजे धनक साहित्योत्सव का शुभारंभ होगा। 19 फरवरी की रात अखिल भारतीय मुशायरा/कवि सम्मलेन से अररिया लिटरेरी फेस्टिवल, ‘धनक’ का समापन होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस साहित्योत्सव में थिएटर, साहित्यिक परिचर्चा, करियर काउंसिलिंग, टॉक शो, स्टैंड अप कॉमेडी, ग़ज़ल गायिकी, गिटार वादन, ओपन माइक, दास्तानगोई और मुशायरा/कवि सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा।

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इस साहित्योत्सव का आयोजन अररिया के नेताजी सुभाष स्टेडियम में होगा जहां पुस्तक मेला और फ़ूड कोर्ट (वयंजन मेला) भी लगाए जाएंगे। अररिया लिटररी फेस्टिवल, ‘धनक’ में हिंदी, उर्दू साहित्य, सिविल सेवा और शिक्षा क्षेत्र के कई बड़े नाम शामिल होंगे।


साहित्य और कला की दुनिया से मशहूर शायर वसीम बरेलवी, नवाज़ देवबंदी, अज़हर इक़बाल और स्टैंडअप कॉमेडियन रेहमान खान भी इस साहित्योत्सव में शामिल होने अररिया पहुंचेंगे। इसके अलावा आने वाले मेहमानों की सूची में कानूनी विद्वान डॉ फैज़ान मुस्तफा, लेखक नीलोत्पल मृणाल और सामाजिक कार्यकर्त्ता वली रहमानी भी शामिल हैं।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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