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बिहार में पिछले दशक में बने इतने स्टेट हाईवे, ये है सीमांचल-कोसी की स्थिति

BSRDCL की आगामी परियोजनाओं में सीमांचल और कोसी के जिलों के लिये सिर्फ एक परियोजना शामिल है। BSRDCL की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक़, यह एजेंसी आने वाले समय में 10 सड़कों के चौड़ीकरण और विकास से संबंधित परियोजनाओं पर काम करेगी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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road network of bihar

बिहार सरकार का दावा है कि राज्य में सड़कों और राजमार्गों का जाल बिछाया जा रहा है। लेकिन, सवाल यह है कि क्या इन राजमार्गों का जाल पूरे बिहार में बन रहा है या फिर सिर्फ चुनिंदा जिलों में इसका निर्माण हो रहा है?


बिहार में कुल 67 स्टेट हाईवे हैं, जिनकी कुल लंबाई 4,005 किलोमीटर है। इनमें से कई ऐसे स्टेट हाईवे हैं, जिनका निर्माण जारी है, तो कई ऐसे हैं जिनका चौड़ीकरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़, (2018 तक) इनमें से 300 किलोमीटर बेहतरीन स्थिति में, 3,508 अच्छी स्थिति में और 195 किलोमीटर खराब हालत में हैं।

बिहार में राज्य राजमार्गों (एसएच) का जाल बिछाने वाली संस्था बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड है। बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड (BSRDCL), एशियन डेवलपमेंट बैंक की आर्थिक सहयोग से इन राजमार्गों का निर्माण या विकास करती है।


बताते चलें कि BSRDCL की स्थापना 2009 में हुई थी। इससे पहले पथ निर्माण विभाग स्टेट हाईवे का निर्माण करता था। 2009 के बाद से स्टेट हाईवे के निर्माण की जिम्मेदारी BSRDCL को दे दी गई। तब से लेकर अब तक BSRDCL बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट को कई चरणों में बांट कर स्टेट हाईवे का निर्माण कर रही है।

BSRDCL ने फेज़-1 में बनाए 9 राजमार्ग

बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड (BSRDCL) द्वारा पूरे बिहार में ‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट-1’ के तहत 18 जिलों के बीच कुल 9 स्टेट हाइवे निर्मित किये गये, जिनकी कुल लंबाई 824.22 किलोमीटर है।

‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट-1’ के तहत बनने वाली नौ सड़कों में सीमांचल और कोसी (पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, मधेपूरा, सहरसा और सुपौल) के लिये दो सड़कें शामिल थीं।

(BSRDCL) द्वारा ‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट-1’ में स्टेट हाइवे (एसएच)-68 का निर्माण हुआ, जो 82.25 किलोमीटर लंबा है और यह औरंगाबाद जिले के शिवगंज व रफीगंज से होते हुए अरवल जिले के बैदराबाद तक जाता है।

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इसी प्रकार, एसएच-69 गया के डुमरिया व शेरघाटी से गुज़रते हुए जहानाबद के रानीतालाब के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-98 से जुड़ता है। इसकी कुल लंबाई 152.8 किलोमीटर है। वहीं, एसएच-70 गया के फतेहपूर से नवादा के रजौली तक जाता है और इसकी लंबाई 58.23 किलोमीटर है।

85.2 किलोमीटर की लंबाई का एसएच-71 जहानाबद से नालंदा के पर्वतीपुर, एसएच-73 सीवान से छपरा के शीतलपुर (88 किलोमीटर), एसएच-74 हाजीपुर से मुजफ्फरपुर होते हुए मोतिहारी के अरेराज (87.06 किमी), एसएच-75 दरभंगा से माधोपुर (46.75 किमी), एसएच-76 अररिया से सुपौल के भपतियाही (121 किमी) और एसएच-77 कुरसैला से पूर्णिया होते हुए अररिया के फारबिसगंज तक (102.93 किमी) का निर्माण कार्य प्रोजेक्ट-1 में पूरा हो चुका है।

दूसरे चरण में बने 5 स्टेट हाइवे

BSRDCL ने ‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट’ के दूसरे चरण में 3,751 करोड़ रुपये की मदद से 5 स्टेट हाइवे (374.265 किमी) का निर्माण किया। BSRDCL ने इस चरण में एसएच-78 को बनाया, जो बिहटा से सरमेरा के बीच है। 94.2 किलोमीटर लंबे इस निर्माण कार्य की लागत 1,915.69 करोड़ रुपये आई।

इसी चरण में BSRDCL ने 535.34 करोड़ रुपये से सक्कडी से नासरीगंज तक एसएच-81 (83.25 किमी) तथा 203.59 करोड़ रुपये की लागत से सिवान से सिसवान तक एसएच-89 (31.265 किमी) का निर्माण कार्य पूरा किया।

साथ-साथ 504.99 करोड़ रुपये से मुहम्मदपुर से छपरा तक 64.71 किलोमीटर लंबा एसएच-90 और 592.27 करोड़ रुपये की लागत से बीरपुर से उदाकिशनगंज के बीच 100.84 किलोमीटर लंबा एसएच-91 का निर्माण कराया गया।

‘(बीएसएचपी)-2’ के चरण (एएफ) में तीन अन्य स्टेट हाइवे बनाये गये। एसएच-83 बागी-बरबीघा तक (आरओबी निर्माण सहित-38.746 किमी), एसएच-86 सरैया से मोतीपुर तक (28.181 किमी) और 67.486 किलोमीटर लंबा रुन्नीसैदपुर से बिस्वा के बीच एसएच-87 भी इसी चरण में बना।

BSRDCL द्वारा ‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट-2’ में एसएच-88 का निर्माण किया जा रहा है। एसएच-88 एक 120.354 किलोमीटर लंबी राजमार्ग परियोजना है। यह परियोजना 1,126.02 करोड़ रुपये की मदद से वरुणा पुल से रसियारी के बीच चल रही है।

‘बीएसएचपी-3’ दो चरणों में होगा पूरा

बीएसएचपी-3 के तहत एक चरण का काम पूरा हो चुका है। बीएसएचपी-3 के पहले फेज़ में एसएच-58 उदाकिशनगंज से भटगामा तक (29.48 किमी), एसएच-84 घोघा से पंजवारा के बीच (43.35 किमी), एसएच-85 अकबरनगर से अमरपुर तक (29.3 किमी) और 54.52 किमी का एसएच-102 (जगदीशपूर-पीरो-बिहटा रोड) बना।

वहीं, ‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट-3’ के पहले चरण में एसएच-82 का निर्माण कार्य जारी है। 75.1 किलोमीटर लंबी यह परियोजना नवादा के क़ादिरगंज से जमुई के ख़ैरा तक बन रही है, जिसमें कुल 523.65 करोड़ रुपये ख़र्च किये जा रहे हैं।

वर्तमान में सीमांचल के लिये 2 प्रोजेक्ट

BSRDCL द्वारा ‘बिहार स्टेट हाइवेज़ प्रोजेक्ट-3’ के दूसरे चरण में कुल 6 स्टेट हाइवे को निर्मित या विकसित किया जा रहा है। इस चरण में 2,680.35 करोड़ रुपये से 266.549 किलोमीटर लंबी कुल 6 राजमार्गों का निर्माण और विकास कार्य जारी है। BSRDCL की वर्तमान परियोजनाओं में सीमांचल के लिये दो परियोजनाएं शामिल हैं।

खगड़िया के मांसी और सहरसा के सिमरी बख़्तियारपुर तक बनने वाले राज्य राजमार्ग-95 की लंबाई 28.08 किलोमीटर है। बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड की तरफ से 661.65 करोड़ की लागत से इस राजमार्ग को विकसित किया जा रहा है।

BSRDCL वर्तमान में एसएच-98 का निर्माण कर रही है, जिसका निर्माण कार्य कटिहार और बलरामपुर के बीच हो रहा है। यह 62.88 किलोमीटर लंबी परियोजना है और इसको 702.6 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। इस राजमार्ग का अक्टूबर 2026 तक बनकर तैयार होने का अनुमान है।

BSRDCL 602.24 करोड़ रुपये की लागत से पूर्णिया के बायसी से किशनगंज के बहादुरगंज होते हुए दिघलबैंक तक 65.35 किलोमीटर लंबी एसएच-99 का निर्माण भी कर रही है। यह सड़क 2026 में बनकर तैयार होगी। इस राजमार्ग के निर्माण से पूर्णिया के अमौर, बैसा और बायसी में रह रहे लोगों के लिये किशनगंज आना-जाना सुगम हो जायेगा।

साथ-साथ BSRDCL वर्तमान में ही 184.91 करोड़ के बजट से अम्बा से मदनपुर के बीच एसएच-101 (32.47 किमी), 211.69 करोड़ रुपये की लागत से मंझवे से गोविंदपुर तक एसएच-103 (42.069 किमी) और 317.26 करोड़ रुपये की बजट से बेतिया से नरकटियागंज तक 35.7 किमी लंबा एसएच-105 विकसित कर रही है।

अम्बा से मदनपुर के बीच एसएच-101 का कार्य अक्टूबर 2025, मंझवे से गोविंदपुर तक एसएच-103 का काम मई 2025 और बेतिया से नरकटियागंज तक बन रहे एसएच-105 का निर्माण कार्य भी मई 2025 तक खत्म होने की संभावना है।

आनेवाले दिनों में सीमांचल-कोसी के हिस्से सिर्फ एक प्रोजेक्ट

BSRDCL की आगामी परियोजनाओं में सीमांचल और कोसी के जिलों के लिये सिर्फ एक परियोजना शामिल है। BSRDCL की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक़, यह एजेंसी आने वाले समय में 10 सड़कों के चौड़ीकरण और विकास से संबंधित परियोजनाओं पर काम करेगी।

BSRDCL की आगामी परियोजनाओं में गया और नवादा के बीच 621.8 करोड़ रुपये की लागत से एनएच-82 से बाणगंगा-जेठियन-गेहलौर-बिंदस रोड (41.6 किमी), मुंगेर, भागलपुर व बांका जिलों के बीच 516.2 करोड़ रुपये की मदद से धौरैया-इंग्लिश मोड़-असरगंज रोड (58 किमी) और 382.7 करोड़ की लागत से सुपौल व अररिया जिलों के मध्य एसएच-92 गणपतगंज-परवाहा रोड (53.5 किमी) को विकसित किया जायेगा।

मधुबनी में 511.07 करोड़ रुपये से मधुबनी-राजनगर-बाबूबढ़ी-खुटौना रोड (41.1 किमी) और मधुबनी व सीतामढ़ी के मध्य 517.05 करोड़ रुपये के खर्च से 51.35 किमी लंबा एसएच-52 (सीतामढ़ी-पुपरी-बेनीपट्टी रोड) को भी चौड़ा किया जायेगा।

साथ-साथ 768.3 करोड़ रुपये से सारण व सिवान के बीच छपरा-मांझी-दरौली-गुठनी रोड (71.6 किमी), भोजपुर में 331.2 करोड़ रुपये से आरा-एकौना-ख़ैरा सहार रोड (32.3 किमी), बक्सर में 902.8 करोड़ से ब्रह्मपूर-जलीलपुर रोड व इटारही बक्सर रोड (80 किमी) का निर्माण कार्य भी आनेवाले दिनों में होगा।

इसके अतिरिक्त सीतामढ़ी और दरभंगा जिलों के बीच 1,041 करोड़ रुपये की लागत से अतरबेल से घोघराचट्टी तक एसएच-97 (31.7 किमी) और मुजफ्फरपुर में 601.6 करोड़ से हथौड़ी-औराई रोड पर पुल व एप्रोच रोड (0.915 किमी) का विकास भी BSRDCL की आगामी परियोजनाओं में शामिल है।

462.065 किलोमीटर की कुल लंबाई और 6,193.92 करोड़ रुपयों की लागत से बनने वाले BSRDCL की इन भारी भरकम परियोजनाओं में सीमांचल और कोसी के ज़िलों के लिये सिर्फ एक परियोजना शामिल है।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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