बिहार के सुपौल जिले में कोसी नदी पर बन रहा भेजा-बकौर पुल का एक बड़ा हिस्सा शुक्रवार को टूट कर नीचे गिर गया। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई जबकि नौ लोग घायल हो गए।
सुपौल के जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि सुबह जानकारी मिली कि निर्माणाधीन भेजा-बकौर पुल का एक हिस्सा नीचे गिर गया है। अब तक मिली सूचना के मुताबिक इस घटना में नौ लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है। घायलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने आगे बताया कि राहत कार्य अभी भी जारी है और मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
घटना के बाद पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। एनएचएआई को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है।
बताया जाता है कि शुक्रवार को सुबह पुल का तीन पिलर 50, 51 और 52 का गाडर नीचे गिर गया। घटना की सूचना के बाद ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है।
खबरों के मुताबिक, स्थानीय लोग पहले से ही पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे थे। भेजा-बकौर पुल देश का सबसे लंबा निर्माणाधीन सड़क पुल है। बिहार के मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर के बीच कोसी नदी के ऊपर देश के सबसे लंबे 10.2 किमी सड़क पुल के साथ 3.01 किमी का पहुंच (एप्रोच) पथ का कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना की कुल लागत 1199.58 करोड़ रुपये है। इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। इस पुल के निर्माण के बाद सुपौल से मधुबनी की दूरी कम से कम 30 किलोमीटर कम हो जाएगी।
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हादसे की जांच करायेगी सरकार
बिहार सरकार निर्माणाधीन भेजा-बकौर पुल का हिस्सा गिरने की घटना की जांच कराएगी। बिहार के उप मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सुपौल-मधुबनी के भेजा-बकौर के बीच कोसी नदी पर निर्माणाधीन पुल के एक हिस्से की गिरने की सूचना मिली है, जिसमें एक मजदूर की मौत और कुछ अन्य मजदूर के घायल होने की सूचना है। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि प्रशासन को घायलों की अविलंब मदद करने और समुचित मुआवजा देने का निर्देश दे दिया गया है।
सिन्हा ने कहा कि निर्माणधीन पुल गिरने की जांच कराई जाएगी और दोषी पदाधिकारियों, अभियंताओं और कार्यरत कंपनी के विरुद्ध नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
“डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और लोक निधि की लूट की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। यदि जांच में यह बात सामने आएगी तो जिम्मेदार कर्मियों और कंपनी पर विधि सम्मत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को लेकर लगातार एनएचएआई के अधिकारियों से संपर्क में हैं और सारी कारवाई की जा रही है,” उन्होंने कहा।
बिहार में पहले भी गिरा कई पुल
बिहार में पुल गिरने की यह कोई नई घटना नहीं है। प्रदेश में निर्माणाधीन पुल गिरने की पहले भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
इससे पहले भागलपुर के सुल्तानगंज में अगवानी घाट पर बन रहा पुल पिछले साल जून में गिर गया था। गंगा नदी पर बन रहे इस पुल के गिरने के बाद खूब राजनीति हुई थी। शायद इस घटना से सरकार ने सबक नहीं लिया और फिर एक घटना घट गई।
मार्च में सारण में तरैया थाना क्षेत्र के भलुआ में एक पुराना पुल गिरा था। जनवरी 2023 में दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पश्चिमी के सतीघाट-राजघाट मार्ग के सोहरबा स्थित कमला नदी पर बना पुल गिर गया था।
इसके अलावा, नवंबर 2022 में नालंदा के हरनौत में भागन बिगहा नेशनल हाईवे 20 पर निर्माणाधीन पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर गया था।
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