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बिहार का खंडहरनुमा स्कूल, कमरे की दिवार गिर चुकी है – ‘देख कर रूह कांप जाती है’

तीन कमरों के इस विद्यालय का एक कमरा ध्वस्त हो चुका है। बाकी बचे दो कमरों में से एक में समूह कक्षा चलती है और दूसरे कमरे का उपयोग कार्यालय और अनाज रखने के लिए किया जाता है। स्कूल में रसोई की सुविधा भी नदारद है जिसके कारण रसोइया को स्कूल के बरामदे में ही खाना बनाना पड़ता है।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
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यह खंडहरनुमा ढांचा बिहार के एक सक्रिय स्कूल का हिस्सा है। कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत चन्दहर पंचायत का प्राथमिक विद्यालय कई सालों से जर्जरता का शिकार है। स्कूल के एक कमरे की दीवार टूटकर पीछे तालाब में गिर चुकी है। स्कूल के बाकी हिस्सों की हालत भी बेहद खस्ता है। दीवारों में मोटी मोटी दरारें आ चुकी हैं जबकि छत पर कई जगहों पर सुराख भी देखे जा सकते हैं।

तीन कमरों के इस विद्यालय का एक कमरा ध्वस्त हो चुका है। बाकी बचे दो कमरों में से एक में समूह कक्षा चलती है और दूसरे कमरे का उपयोग कार्यालय और अनाज रखने के लिए किया जाता है। स्कूल में रसोई की सुविधा भी नदारद है जिसके कारण रसोइया को स्कूल के बरामदे में ही खाना बनाना पड़ता है।

बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा से चयनित होकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आईं शिक्षिका मोनिका सिंह ने कहा कि जब वह पहले दिन स्कूल आईं तो इसकी दुर्दशा देख कर वह काफी डर गई थीं। स्कूल के खस्ता हाल के कारण बच्चे स्कूल आने से कतराते हैं।


प्राथमिक विद्यालय चन्दहर में 7 शिक्षक और 256 विद्यार्थी हैं। पहली और दूसरी कक्षा के बच्चे स्कूल के बरामदे में बैठकर पढ़ते हैं जबकि बाकी तीन कक्षाओं के बच्चे एक ही कमरे में किसी तरह समायोजित होकर पढ़ने पर मजबूर हैं।

स्कूल की प्रधानाध्यापिका मेहनिगार 2007 से इस प्राथमिक विद्यालय में पढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि जब से वह आई हैं तब से स्कूल की हालत ऐसी ही है। कुछ दिनों पहले बीडीओ और सरकारी इंजीनियर स्कूल की तस्वीरें लेकर गए हैं लेकिन उसके आगे क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

चन्दहर गांव में ऐसे कई लोग मिले जिन्होंने इसी विद्यालय से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की है। उन्होंने बताया कि सालों पहले जब वह छात्र थे तब भी यह स्कूल इसी तरह जर्जर था, समय के साथ इसकी इमारत और खराब होती गई।

प्राथमिक विद्यालय चन्दहर के पूर्व छात्र मोहम्मद अली हसन ने बताया कि यह गांव का एकलौता स्कूल है लेकिन सालों से इसके पुनः निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

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प्राथमिक विद्यालय की जर्जर हालत को देख कर बच्चों के अभिभावक काफी चिंतित हैं। अशोक शर्मा और शंकर शर्मा के बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि हादसों का डर तो रहता है लेकिन गांव में वही एक स्कूल है इसलिए बच्चों को मजबूरन वहां पढ़ने भेजना पड़ता है।

स्कूल के पीछे तालाब होने से बरसात के दिनों में स्कूल प्रबंधन और बच्चों को काफी दिक्कतें आती हैं। चन्दहर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राग़िब शजर ने कहा कि स्कूल के नए भवन के निर्माण के लिए विधायक, सांसद और शिक्षा विभाग को कई बार स्कूल के भवन निर्माण के लिए कहा गया लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर अगले दो से तीन महीने में स्कूल का नया भवन तैयार नहीं किया गया तो गांव वाले जन आंदोलन करेंगे।

इस मामले में हमने कटिहार शिक्षा विभाग के DPO से बात की। उन्होंने कहा कि जल्द इंजीनियर से सर्वे करवा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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