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किशनगंज सदर अस्पताल में सीटी स्कैन रिपोर्ट के लिए घंटों का इंतज़ार, निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

कुछ मरीजों के परिजनों ने अस्पताल पर जांच के लिए भारी रकम लेने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीटी स्कैन के नाम पर सदर अस्पताल में निर्धारित शुल्क से काफी अधिक पैसा लिया जाता है और समय पर रिपोर्ट नहीं दी जाती है। रिपोर्ट लेने के लिए बार बार अस्पताल का चक्कर काटना पड़ता हैं। टोमोग्राफी स्कैन मशीन के खराब होने से दूर दराज़ से आये मरीज़ों के परिजन सबसे अधिक परेशान दिखे।

Avatar photo Reported By Amit Singh |
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बिहार के किशनगंज जिले के सदर अस्पताल में सीटी स्कैन सुविधा ठप होने से मरीज खासे परेशान हैं। स्कैन कराने आये मरीजों को बिजली न होने के कारण कर्मचारियों ने घंटों बिठाये रखा। बिजली आई तो पता चला कि सीटी स्कैन मशीन ही खराब है।

कुछ मरीजों के परिजनों ने अस्पताल पर जांच के लिए भारी रकम लेने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीटी स्कैन के नाम पर सदर अस्पताल में निर्धारित शुल्क से काफी अधिक पैसा लिया जाता है और समय पर रिपोर्ट नहीं दी जाती है। रिपोर्ट लेने के लिए बार बार अस्पताल का चक्कर काटना पड़ता हैं। टोमोग्राफी स्कैन मशीन के खराब होने से दूर दराज़ से आये मरीज़ों के परिजन सबसे अधिक परेशान दिखे।

घंटों स्कैन के लिए बैठे रहे दूर से आए मरीज़

टेढ़ागाछ प्रखंड के बैगना से एक मरीज को स्कैन कराने लाये चंदर प्रसाद सिंह ने कहा कि वह सुबह 10.30 बजे से प्रतीक्षा कर रहे हैं। बिजली न होने के कारण उन्हें 2 बजे तक प्रतीक्षा करने को कहा गया।


उन्होंने कहा, “बोल रहा है कि 2 बजे के बाद होगा, अभी बिजली नहीं है। हमलोग सुबह लगभग साढ़े 10 बजे आए तब से इंतज़ार कर रहे हैं। अभी एक बजे से ज्यादा हो गया है। अब हम क्या कर सकते हैं, जो बोलेगा वही मानना पड़ेगा। डॉक्टर को रिपोर्ट भी दिखलाना है, हमलोग टेढ़ागाछ क्षेत्र से आए हैं, घर काफी दूर है। घर किस समय जाएंगे?”

एक और मरीज के परिजन मोहन लाल ने कहा कि मरीज की स्थिति सही नहीं है। उनको बोलने में बहुत तकलीफ है, पहले कहा गया बिजली नहीं है जब बिजली आई तो कहा गया कि मशीन में खराबी है, शाम तक ठीक होगा।

“सीटी स्कैन मशीन डिस्टर्ब बताया गया है। बोल रहे हैं कि शाम के बाद होगा। यह तो नहीं बता रहे कि क्या दिक्कत है, बस कह रहा है कि मशीन में खराबी है। मरीज का स्थिति सही नहीं है, बोल नहीं पा रहा है। एक महीने से इसका ऐसा हाल है। यहां लेकर आए तो काम नहीं हो रहा है,” मोहन लाल कहते हैं।

निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

तस्लीमुद्दीन अपने पिता का स्कैन कराने सदर अस्पताल पहुंचे तो उनसे 3,300 रुपये ले लिये गये वहीं एक अन्य मरीज़ ने बताया कि उनसे भी स्कैन के लिए 1100 रुपये लिये गये। तस्लीमुद्दीन ने बताया कि उन्होंने अपने पिता का स्कैन बीती रात ही कराया था लेकिन दिन के दोपहर 2 बज गए पर उन्हें रिपोर्ट नहीं दी गई।

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तस्लीमुद्दीन कहते हैं, “पापा का सीटी स्कैन करने आए थे। पहले पैसा दिए इसको, 3,300 रुपया। बोला कि कल सुबह 8- 9 बजे दे देंगे रिपोर्ट। अभी तो 2 बज गया अभी तक नहीं मिला। कभी बोलता है लाइट नहीं है, कभी बोलता है मशीन खराब है। हम से 3,300 रुपये लिये और बिल दिया 3,027 रुपये का। पैसा रात में लिया था, बिल अभी दिया। हमसे 3300 मांगा तो हम 3300 ही दिए थे।”

निजी जांच केंद्रों को लाभ पहुंचाना चाहता है सदर अस्पताल?

स्थानीय कार्यकर्त्ता मोहम्मद अशरफ ने कहा कि सरकारी दर के अनुसार 750 रुपये स्कैन के लिए लिया जाना चाहिए, लेकिन अस्पताल में मनमानी तरीके से पैसे लिए जा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बीती रात उनके एक करीबी की दुर्घटना हो गई थी जिसके बाद देर रात उनका सीटी स्कैन कराया गया लेकिन स्कैन की रिपोर्ट अब तक नहीं दी गई है। वहीं शोर मचाने के बाद 4,100 रुपये का बिल बनाया गया और 4,300 रुपये लिए गए।

उन्होंने अस्पताल पर आरोप लगाया कि अस्पताल निजी जांच केंद्रों से गठजोड़ बना कर काम कर रहा है और लोगों को जान बूझ कर तंग कर रहा है ताकि लोग परेशान होकर निजी जांच केंद्रों में जाकर स्कैन कराएं।

अस्पताल के कर्मचारियों ने आरोपों पर क्या जवाब दिया

अस्पताल के रिसेप्शनिस्ट अभिजीत चौहान सीटी स्कैन कराने आए मरीज़ों के बिल बनाते दिखे। उन्होंने बताया कि रात से बिजली न होने के कारण कुछ समय के लिए जांच और बिलिंग की व्यवस्था ठप हो गई थी। बिजली आने के बाद बाकि कामों को सुचारू रूप से चालु कर दिया गया है। सीटी स्कैन में अचानक खराबी आने की वजह से मरीजों को कुछ घंटों का इंतजार करना पड़ता है जिसकी शिकायत की गई है, जल्द मशीन को ठीक करा लिया जाएगा।

“अभी लाइट आई है लेकिन थोड़ी सी दिक्कत आ रही है, हमलोग ने कॉल लॉग वगैरह सारा कम्प्लेन कर चुके हैं। कोशिश है कि जितना जल्दी हो सकेगा हमलोग इसको ठीक कर देंगे। मशीन में खराबी नहीं है यूपीएस में दिक्कत आ रही है। कल रात 5-6 घंटे बिजली न रहने के कारण यूपीएस दिक्कत कर रहा है। हम लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं जितना जल्दी हो सके इसको रिकवर कर लें, ” अभिजीत ने कहा।

वह आगे कहते हैं, “रात का केस है, रात में बिजली नहीं होने से कर्मचारी को दिक्कत हो रही थी। हमलोग मरीज़ के लिए लग गए हैं। जल्द इसको ठीक किया जाए, इसी में हम लोग लगे हुए हैं।”

अभिजीत ने मरीजों से जांच के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने के आरोप को गलत बताया और कहा कि उनका पैसा उन्हें बिल सहित वापस नहीं किए होंगे जिसे वापस कर दिया जाएगा । बिजली न होने के कारण रात को बिल नहीं दिया जा सका होगा।

जनरेटर की कमी के कारण घंटों ठप रहता सीटी स्कैन

एक अन्य अस्पताल कर्मचारी सद्दाम ने आश्वासन दिया कि एक घंटे में मशीन दोबारा चालु हो जाएगी। निजी जांच केंद्रों से मिलकर जान बूझ कर सदर अस्पताल में मरीजों को परेशान करने के आरोप को उन्होंने गलत बताया और कहा कि जनरेटर न होने के कारण बार बार काम रुक जाता है।

“बिजली कट जाने से यूपीएस बैठ जाता है। जनरेटर होता तो दिक्कत नहीं होती। रात को बिजली कट जाने से रिपोर्ट भेजी नहीं जा सकी, इसलिए देर हो गयी रिपोर्ट देने में। बिल हम लोग हाथों हाथ देते हैं। बिजली उपकरण है इसमें कभी भी कुछ हो सकता है। अभी यह चालु हुआ है कुछ देर में मैं रिपोर्ट बनाने के (मरीजों को) भेज दूँगा,” सद्दाम ने कहा।

आगे उन्होंने बताया कि बिजली की समस्या करीब 6 महीने से है। विभाग को शिकायत करने पर यूपीएस की सुविधा दी गई ताकि कुछ देर कंप्यूटर में काम हो सके। यूपीएस से बिजली जाने के बाद 4-5 मरीजों का स्कैन किया जा सकता है।

वहीं अस्पताल के प्रबंधक मोहममद अशरफ ने कहा कि मशीन को ठीक किया जा रहा है, थोड़े समय में सीटी स्कैन कराने आये मरीजों की जांच शुरू हो जाएगी। जांच के लिए निर्धारित शुल्क से काफी अधिक पैसे लेने की बात को उन्होंने गलत बताया और कहा कि अगर इस तरह के कार्य में कोई कर्मचारी पकड़ा गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।

“यह गलत है। जो भी निर्धारित फीस से अधिक लिया है उस पर हम लोग कार्रवाई करेंगे। शार्ट सर्किट हुआ है, मशीन में ये सब हो सकता है, अभी ठीक हो जाएगा। जल्द यह ठीक कर लिया जाएगा।”

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Amit Kumar Singh, a native of Kishanganj, Bihar, holds a remarkable 20-year tenure as a senior reporter. His extensive field reporting background encompasses prestigious media organizations, including Doordarshan, Mahua News, Prabhat Khabar, Sanmarg, ETV Bihar, Zee News, ANI, and PTI. Notably, he specializes in covering stories within the Kishanganj district and the neighboring region of Uttar Dinajpur in West Bengal.

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