बिहार के कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने पर मामला गरमा गया है। कॉलेजों से 11वीं के छात्र-छात्राओं को नामांकन खत्म कर 12वीं में प्लस टू स्कूलों में नामांकन ट्रांसफर करने के निर्णय के विरोध में पटना में गुरुवार को बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा सड़क पर उतर गए और जमकर हंगामा किया।
इस दौरान विद्यार्थियों ने बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय का घेराव किया। बाद में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आश्वासन के बाद छात्रों का गुस्सा शांत हुआ।
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दरअसल, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 11वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों व अभिभावकों को डिग्री कॉलेज से नामांकन स्थानांतरित करने को कहा है। समिति ने कहा है कि सत्र 2023-25 के लिए इंटर कक्षा में राज्य के सभी डिग्री कॉलेजों में 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स 12वीं की पढ़ाई के लिए डिग्री कॉलेजों से स्थानांतरित कर इंटरस्तरीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों (प्लस टू स्कूल) में नामांकन लेंगे।
सत्र 2024-25 में 12वीं कक्षा की पढ़ाई डिग्री कॉलेजों में नहीं होगी। इस आदेश के बाद छात्र भड़क गए हैं। गुरुवार को बड़ी संख्या में पटना के छात्र सड़कों पर उतर गए और इस आदेश का विरोध किया। छात्र भाजपा और जदयू कार्यालय पहुंच गए और घेराव किया।
इस प्रदर्शन के कारण पटना की कई सड़कें घंटों जाम रहीं। बाद में, भाजपा कार्यालय के सामने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सत्र 2023-25 के छात्रों के लिए यह आदेश लागू नहीं होगा। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों से हट गए।
फरवरी में जारी हुआ था आदेश
दरअसल, शिक्षा विभाग ने कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई खत्म करने से संबंधित आदेश 21 फरवरी को दिया था। आदेश में कहा गया था कि बिहार के कॉलेजों में इस सत्र से इंटर की पढ़ाई नहीं होगी। इंटर की पढ़ाई अब सिर्फ प्लस टू स्कूलों में होगी। बिहार कैबिनेट ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में पटना विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न कॉलेजों से इन्टर स्तर की पढ़ाई बंद की गई थी। इसके बाद अन्य विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कॉलेजों से भी इंटर की शिक्षा को अलग किया जाना था, ताकि राज्य के प्लस टू स्कूलों में इंटर (+2) स्तर की शिक्षा दी जा सके।
परन्तु, उस समय प्लस टू स्कूलों में आधारभूत संरचना की कमी व शिक्षकों के अभाव में पटना विश्वविद्यालय के अतिरिक्त अन्य विश्वविद्यालयों से इंटर (+2) स्तर की पढ़ाई बंद नहीं हो सकी।
राज्य सरकार ने इन दो दशकों में प्लस टू स्कूलों की आधारभूत संरचना का बड़े पैमाने पर निर्माण कराया है तथा कुछ निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। साथ ही विशेष अभियान चला कर 67,961 प्लस टू शिक्षक तथा 65,737 हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है।
विभाग का मानना है कि वर्तमान में आधारभूत संरचना व प्लस टू स्कूलों में विषय विशेष के शिक्षकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि राज्य में अवस्थित केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों में (+2 स्कूलों में) इंटर की शिक्षा का संचालन किया जाए।
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