बिहार के कॉलेजों में इस सत्र से इंटर की पढ़ाई नहीं होगी। इंटर की पढ़ाई अब सिर्फ प्लस टू स्कूलों में होगी। बिहार कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी है। मालूम हो कि वर्त्तमान में राज्य में इंटर की पढ़ाई प्लस टू स्कूलों, कॉलेजों, एसोशियेट कॉलेजों तथा विभाग से स्वीकृति प्राप्त कॉलेजों में हो रही है।
बताते चलें कि देश में लागू नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश में 10+2+3 फॉर्मूला शिक्षण व्यवस्था का एक अहम तत्व है। विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रावधान है कि कॉलेजों से इन्टर की शिक्षा को अलग किया जायेगा।
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इसी प्रावधान के तहत आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स तथा अन्य विषयों के लिए डिग्री कॉलेजों में दी जा रही (+2) स्तर की पढ़ाई को अलग करने की आवश्यकता विभाग को महसूस हुई।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में पटना विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न कॉलेजों से इन्टर स्तर की पढ़ाई बंद की गई थी। इसके बाद अन्य विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों से भी इंटर की शिक्षा को अलग किया जाना था, ताकि राज्य के प्लस टू स्कूलों में इंटर (+2) स्तर की शिक्षा दी जा सके।
परन्तु, उस समय प्लस टू स्कूलों में आधारभूत संरचना की कमी व पर्याप्त संख्या में शिक्षकों के अभाव में पटना विश्वविद्यालय के अतिरिक्त अन्य विश्वविद्यालयों से इंटर (+2) स्तर की पढ़ाई बंद नहीं हो सकी।
राज्य सरकार द्वारा इन दो दशक में प्लस टू स्कूलों के आधारभूत संरचना का बड़े पैमाने पर निर्माण कराया गया है तथा कुछ निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। साथ ही विशेष अभियान चला कर 67,961 प्लस टू शिक्षक तथा 65,737 हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है।
विभाग का मानना है कि वर्त्तमान में आधारभूत संरचना व प्लस टू स्कूलों में विषय विशेष के शिक्षकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि राज्य में अवस्थित केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों में (+2) स्तर की शिक्षा का संचालन किया जाए।
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