सड़क किनारे मिट्टी के टीले पर बना यह कच्चा मकान बीते 16 फरवरी को आग की चपेट में आ गया जिसमें एक ही परिवार के तीन बच्चों की जान चली गई जबकि पिता गंभीर रूप से घायल है। मामला बिहार के कटिहार जिला अंतर्गत कदवा प्रखंड के जाजा गांव का है जहां दिनेश सिंह नामक एक व्यक्ति और उसके तीन बच्चे आग में झुलस गए।
ग्रामीणों का कहना है कि दिनेश सिंह ने पत्नी से विवाद और तनाव के कारण खुद को और अपने बच्चों को पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया। शुक्रवार देर रात लोगों को घटना की जानकारी मिली लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटनास्थल पर 11 वर्षीय राजा सिंह और 13 वर्षीय सुभांकर सिंह की मौत हो गई जबकि 9 वर्षीय पिंकी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। अगली सुबह मृतकों के पिता दिनेश सिंह को ग्रामीणों ने झुलसी हुई व्यवस्था में पड़ोस के खेत में पाया और अस्पताल ले गए। अभी दिनेश भागलपुर में इलाजरत है।
दिनेश के परिवार वालों का कहना है कि उसकी पत्नी सुरुपजान देवी ने गांव में नॉन बैंकिंग ग्रुप से लोन लिया था जिसे वसूलने के लिए लोग घर पर आते थे। दिनेश सिंह के बड़े भाई गोपाल सिंह ने बताया कि वह हैदराबाद में काम करता था और कुछ दिन पहले ही घर आया था।
16 फरवरी को रात 10 बजे घर में आग लगी। दिनेश का घर बाकी परिवार वालों से दूर है इसलिए घटना की खबर देर से मिली जिसके बाद एम्बुलेंस को सूचना दी गई लेकिन एम्बुलेंस के आने में देर हुई और दो बच्चों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि छोटी बेटी की अस्पताल में मृत्यु हुई।
दिनेश सिंह के छोटे भाई की पत्नी तारा देवी ने कहा कि दिनेश की पत्नी सुरुपजान देवी ने दो तीन ग्रुप लोन के अलावा कुछ और कर्ज़ भी लिया था। पैसा वसूलने लोग घर पर आते थे जिसको लेकर पति-पत्नी में अक्सर विवाद होता रहता था। घटना के कुछ दिन पहले दिनेश की पत्नी घर छोड़ कर चली गई थी। इसी से परेशान होकर दिनेश ने बच्चों समेत खुद को आग लगा दी।
पड़ोस के गांव के मुजीबुर रहमान ने बताया कि उन्होंने दिनेश को हैदराबाद की एक फैक्ट्री में काम पर लगाया था। वह अच्छा पैसा कमा रहा था लेकिन उसे जुआ खेलने की लत लग गई थी। दिनेश कमा कर घर पैसा भेजता था। वह कुछ दिनों पहले ही घर आया था और अपनी पत्नी से पैसों का हिसाब मांगने पर दोनों के बीच विवाद हुआ था।
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घटना के बाद अंतिम संस्कार में कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी और कदवा विधानसभा विधायक विधायक शकील अहमद ख़ान पहुंचे। शकील अहमद ने कहा कि इस तरह की घटना का मुख्य कारण गरीबी है और क्षेत्र में जीवनयापन के लिए जरूरी मानवीय संसाधनों की भारी कमी होने के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।
उन्होंने आश्वासन दिया कि वह विधानसभा सत्र में क्षेत्र की बदहाली का मामला उठाएंगे ताकि इस तरह के मामलों को रोका जा सके।
दिनेश सिंह की पत्नी सुरुपजान देवी से बात नहीं हो सकी है। वह कहां है यह स्पष्ट नहीं है। लोगों ने बताया कि घटना के बाद वह पुलिस के साथ अपने बच्चों के अंतिम संस्कार में पहुंची थी।
हिंदुस्तान अख़बार में छपी खबर के मुताबिक, सुरुपजान देवी अपनी मां के घर पर रह रही है। उसने अखबार को बताया कि 16 फरवरी की रात करीब 8 बजे उसकी मंझली बेटी पिंकी कुमारी अपनी नानी के यहां आई और उसने अपनी मां से कहा कि उसका पिता दिनेश उसे और उसके सभी भाई बहनों को जला कर मारने की धमकी दे रहा है।
इस मामले में हमने कदवा थाना प्रभारी सुजीत कुमार से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि सुरुपजान देवी ने अपने पति पर बच्चों की हत्या का मामला दर्ज कराया है। हालांकि कर्ज़ की वजह से आग लगाने की बात को थाना प्रभारी ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि दिनेश की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है संभवतः इसी कारण उसने ऐसा कदम उठा लिया।
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