Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

BPSC TRE-3 की 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज़, “रद्द नहीं हुई परीक्षा तो कट-ऑफ बहुत हाई होगा”

कथित पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने मुख्य आरोपी विशाल कुमार चौरसिया के साथ-साथ 276 अन्य नामज़द आरोपियों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज की है। आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं 420, 467, 468, 471, 120 (बी), बिहार परीक्षा अधिनियम-1981 की धाराएं 3 तथा 10 और आईटी एक्ट-2000 की धारा 66 के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 15 मार्च को आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द करने पर संशय बरक़रार है। परीक्षा में शामिल शिक्षक अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं कि 15 मार्च को हुई परीक्षा रद्द कर देनी चाहिये।

अभ्यर्थियों का मानना है कि जब इतनी बड़ी संख्या में पुलिस ने पेपर लीक में शामिल अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है, तो फिर परीक्षा दोबारा होनी चाहिये।

उल्लेखनीय है कि बीपीएससी के तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा 15 मार्च को दो पालियों में आयोजित की गई थी।


क्या है पेपर लीक से जुड़ा मामला

दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 15 मार्च की शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE-3.0) के प्रश्न-पत्र के कथित रूप से लीक होने के सम्बंध में 16 मार्च को बिहार पुलिस की आर्थिक व साइबर अपराध इकाई ने आयोग को जानकारी उपलब्ध कराई थी।

साथ ही, आर्थिक अपराध इकाई और झारखंड पुलिस ने संयुक्त तौर पर कार्रवाई कर झारखंड के हजारीबाग स्थित बरही से 90, पेलावल से 70, पदमा से 80, कोर्रा से 15 और कटकमसांडी से 15 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने प्रश्न पत्र सॉल्वर गैंग के पांच सदस्यों को भी गिरफ्तार किया था। रैकेट का संचालन करने वाले जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके पास से प्रश्नपत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद हुए हैं।

बताया जा रहा है कि अभ्यर्थियों के पास से जो प्रश्न पत्र मिले हैं, वही प्रश्न शुक्रवार को आयोजित परीक्षा में पूछे गए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस रैकेट के संचालन में बिहार सरकार के कई अफसरों की संलिप्तता के सबूत भी मिल रहे हैं।

कथित पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने मुख्य आरोपी विशाल कुमार चौरसिया के साथ-साथ 276 अन्य नामज़द आरोपियों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज की है। आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराएं 420, 467, 468, 471, 120 (बी), बिहार परीक्षा अधिनियम-1981 की धाराएं 3 तथा 10 और आईटी एक्ट-2000 की धारा 66 के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है।

विपक्षी नेताओं ने भी उठाए सवाल

शिक्षक भर्ती परीक्षा के कथित पेपर लीक को लेकर अब विपक्ष ने भी आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस कथित पेपर लीक को लेकर सरकार की आलोचना की है।

तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, “हमारे 𝟏𝟕 महीनों का सुनहरा कार्यकाल, जिसमें पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से युवाओं को 𝟒 लाख से अधिक नौकरियां दी गयीं, वह बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं का स्वर्णिम काल था।”

उन्होंने आगे लिखा, “अब नीतीश-भाजपा सरकार ने डेढ़ महीने में ही 𝟏𝟕 साल के पुराने कारनामों को दोहराते हुए नक़ल माफिया को इतना प्रोत्साहन दे दिया कि BPSC शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में प्रतियोगी परीक्षाओं के विश्व इतिहास में प्रथम बार एडमिट कार्ड में ही आंसर-की बताये जा रहे हैं। और तो और पेपर लीक कराने वाले नकल माफिया को बचाने के लिए इनके वरिष्ठ मंत्री प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। पुलिस को फोन कर रहे मंत्रियों का नाम बूझो तो जाने?”

वहीं, पटना के पालीगंज से सीपीआई (एमएल) विधायक संदीप सौरव ने भी सूबे की एनडीए समर्थित नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर कई पोस्ट के माध्यम से TRE-3 रद्द करने की मांग की।

एक पोस्ट में संदीप सौरव ने लिखा, “अभी तक TRE-3 की परीक्षा रद्द क्यों नहीं हुई, जबकि पेपर लीक की बात आर्थिक अपराध इकाई ने भी स्वीकार की है! क्या सरकार चाहती है कि इसके लिए भी युवाओं को सड़कों पर उतर कर आंदोलन करना पड़े? अगर यही है, तो बिहार के युवा इसके लिए भी तैयार हैं! लेकिन याद रखिये इसका हिसाब होगा।”

एक अन्य पोस्ट में संदीप ने लिखा, “जब आर्थिक अपराध इकाई ने BPSC TRE 3 परीक्षा के #PaperLeak की पुष्टि कर दी है तो सरकार परीक्षा रद्द करने की घोषणा क्यों नहीं करती। कहा जा रहा है कि इसमें शामिल अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपये लिये गये। 300 अभ्यर्थी पकड़े गये और न जाने कितने होंगे। लेकिन सवाल है कि ये पैसा जा कहां रहा था। इसकी भी जांच होनी चाहिए।”

“परीक्षा रद्द नहीं हुई तो कट-ऑफ बहुत हाई होगा”

15 मार्च को हुई परीक्षा के कथित पेपर लीक को लेकर मैं मीडिया ने कई शिक्षक अभ्यर्थियों से बात की। अभ्यर्थियों ने कहा कि बीपीएससी को 15 मार्च की परीक्षा रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित करवानी चाहिये।

परीक्षा में शामिल हुए शिक्षक अभ्यर्थी बालकिशोर ने मैं मीडिया को बताया कि इस तरह के पेपर लीक के आरोप से आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा होता है, इसलिये बीपीएससी को 15 मार्च की हुई परीक्षा रद्द कर देनी चाहिये।

“15 मार्च को हुआ एग्ज़ाम कैंसिल होना चाहिये। पेपर लीक को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपनी रिपोर्ट में जो दर्शाया है, उसके हिसाब से आयोग को चलना चाहिये। अभी जो क्वेश्चन आउट हुआ है, उसका कट-ऑफ क्या होगा? आप अनुमान लगा सकते हैं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने आगे कहा, “कट-ऑफ तो हाई होगा ही, क्योंकि लोगों को रटाया गया है क्वेश्चन। हमलोग सामान्य स्टूडेंट हैं, पढ़ कर एग्ज़ाम दिये हैं तो हमलोगों को तो तकलीफ होगा ही पेपर लीक होने से…इसीलिये हमलोग चाहते हैं कि एग्ज़ाम कैंसिल हो।”

15 मार्च को हुई परीक्षा में शामिल शिक्षक अभ्यर्थी राही अनवर ने भी परीक्षा रद्द करने की मांग की। उन्होंने मैं मीडिया को बताया कि परीक्षा रद्द नहीं हुई तो उनलोगों को फायदा होगा, जो कथित लीक प्रश्न पत्र को रट कर परीक्षा में बैठे होंगे।

“हमलोग चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो और बीपीएससी फिर से परीक्षा आयोजित कराए। ऐसा नहीं हुआ तो उनलोगों को फायदा होगा, जो लीक क्वेश्चन पेपर रट कर परीक्षा में बैठे होंगे। अगर ऐसा हुआ है तो इससे सभी सब्जेक्ट का कट-ऑफ बहुत हाई चला जायेगा और इससे योग्य शिक्षक अभ्यर्थी को बहुत नुक़सान होगा,” उन्होंने कहा।

एक अन्य शिक्षक अभ्यर्थी मनमोहन ने भी परीक्षा रदद् करने की मांग को दोहराते हुए कहा कि जब पेपर लीक हो गया है, फिर तो परीक्षा रद्द कर देनी चाहिये।

“जैसा कि एडमिट कार्ड के पीछे आंसर सोशल साइट्स पर दिख रहा है, उससे तो साफ जाहिर है कि परीक्षा में कुछ ना कुछ गड़बड़ी हुई है…मेरे समझ से तो एग्जाम कैंसिल होना ही चाहिये,” उन्होंने कहा।

पेपर लीक के ठोस सबूत उपलब्ध नहीं हैं: BPSC

बिहार लोक सेवा आयोग ने इस पूरे प्रकरण पर सफाई पेश करते हुए प्रेस रिलीज जारी किया है। आयोग ने सोमवार (18 मार्च) को जारी प्रेस रिलीज में बताया कि 15 मार्च को हुई तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के ठोस सबूत उपलब्ध नहीं हैं।

आयोग ने आगे बताया कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई द्वारा उपलब्ध कराये गये अब तक के सबूत और जानकारी के आधार पर परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती है।

आयोग ने साफ कर दिया है कि मामले को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है और आयोग द्वारा परीक्षा प्रारम्भ होने के पूर्व प्रश्न-पत्र तथा उत्तर लीक होने सम्बंधी ठोस साक्ष्य की मांग आर्थिक अपराध इकाई से की गई है। ठोस साक्ष्य प्राप्त होने पर समीक्षा के बाद 15 मार्च को आयोजित परीक्षा के सम्बंध में आयोग निर्णय लेगा।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

बिहार में डीएलएड प्रवेश परीक्षा 30 मार्च से, परीक्षा केंद्र में जूता-मोज़ा पहन कर जाने पर रोक

बिहार के कॉलेजों में सत्र 2023-25 में जारी रहेगी इंटर की पढ़ाई, छात्रों के विरोध के बाद विभाग ने लिया फैसला

बिहार के कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई खत्म करने पर छात्रों का प्रदर्शन

बिहार बोर्ड द्वारा जारी सक्षमता परीक्षा की उत्तरकुंजी में कई उत्तर गलत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?