सीटीईटी परीक्षा, इसके पाठ्यक्रम, भाषा, पात्रता मानदंड, परीक्षा शुल्क, परीक्षा शहर और महत्वपूर्ण तिथियों का विवरण से संबंधित विस्तृत सूचना बुलेटिन शीघ्र ही सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट https://ctet.nic.in/ पर अप्लोड किया जायेगा।
विभाग ने सूचना जारी कर बताया है कि यह पूर्णतः गलत, अवांछनीय तथा गैरकानूनी है और इसके लिए ऐसे असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि इंटरमीडिएट और मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाएं पूरी तरह बारकोडेड हैं और उनकी गोपनीयता सुरक्षित है।
विभाग का मानना है कि रजनीश कुमार झा द्वारा सरकारी बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक करना बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली-1976 का उल्लंघन है। साथ ही विभाग ने इसे कर्तव्य के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता माना है।
शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को स्कूलों में योगदान करने का अंतिम अवसर दिया है।
विपक्षी विधायकों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह आश्वस्त कर देना चाहते हैं कि इस संशोधन बिल से बिहार के मदरसों में चल रहे सिलेबस में कोई तब्दीली नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे दीनी तालीम के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा (प्रोफेशनल एजुकेशन) भी प्राप्त करें, ताकि वो किसी भी फील्ड में पीछे ना रहें।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET)-2024 के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा की है। समिति ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। अब एसटीईटी अभ्यर्थी 1 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सूची में आवेदन रद्द करने के तीन कारण दिए गए हैं। कुछ आवेदकों की शिक्षा का माध्यम और आवेदन पत्र में आवश्यक भाषा अलग अलग रहने पर उन्हें एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया जबकि एक से अधिक बार आवेदन भरने वालों को भी राज्य स्तरीय चयन परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिली। तीसरा कारण था स्नातक डिग्री में प्राप्त किये गये कुल अंक को आवेदन पत्र में न देना।
बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए सोमवार से सक्षमता परीक्षा शुरू हो गई। छह मार्च तक चलने वाली यह परीक्षा राज्य के 9 जिलों में कुल 52 कंप्यूटर केंद्रों पर ली जा रही है।
मध्याह्न भोजन योजना के दरभंगा उप निदेशक मोतिउर रहमान को किशनगंज का जिला शिक्षा पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।
विपक्षी विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में घोषणा की थी कि शिक्षक कक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले यानी सुबह 9.45 बजे स्कूल आएंगे और कक्षा समाप्त होने के 15 मिनट बाद यानी 4:15 बजे वापस जाएंगे। शिक्षा विभाग ने अभी तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है।
वर्ष 2006 में पटना विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न कॉलेजों से इन्टर स्तर की पढ़ाई बंद की गई थी। इसके बाद अन्य विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों से भी इंटर की शिक्षा को अलग किया जाना था, ताकि राज्य के प्लस टू स्कूलों में इंटर (+2) स्तर की शिक्षा दी जा सके।
नियमावली के मुताबिक़, राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में हेडमास्टरों की बहाली के लिये बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा का आयोजन करेगी। इस परीक्षा में कोई भी शिक्षक, जिनके पास सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में न्यून्तम 8 वर्षों का शिक्षण अनुभव हो, भाग ले सकते हैं। लेकिन, इसके लिये शिक्षकों की उम्र 58 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।
नीतीश कुमार ने कहा था, “डिपार्टमेंट ने 9 बजे से 5 बजे (स्कूल का समय) तक किया था। हमने तो पहले ही कहा था कि 9 बजे से 5 बजे नहीं होना चाहिये। 10 बजे से 4 बजे होना चाहिये।”
सरकारी स्कूलों में अब पहली घंटी 10:00 से 10:40 बजे तक, दूसरी घंटी 10:40 से 11:20 बजे तक, तीसरी घंटी 11:20 से 12:10 बजे तक और चौथी घंटी 12:10 से 12:50 बजे तक होगी।
बिहार में डोमिसाइल नीति को लागू करने को लेकर चंद्रशेखर ने कहा कि वह डोमिसाइल नीति को लागू करवाने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कई बार गये थे, लेकिन नीतीश कुमार ने 25 जून को डोमिसाइल नीति को निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि ना चाहते हुए भी उनको यह फैसला स्वीकार करना पड़ा।