Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

क्रिकेट वर्ल्ड कप के गम के बीच मत भूलिए कि आठ दिन से 41 मज़दूर सुरंग में फंसे हैं

हादसा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ है। पहले बताया जा रहा था कि सुरंग में 40 व्यक्ति फंसे हुए हैं, लेकिन बाद में पता चला कि वहां कुल 41 लोग फंसे हुए हैं।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
tarkashi tunnel

रविवार को पूरा भारत क्रिकेट वर्ल्ड कप में व्यस्त था और उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित एक सुरंग में देश के 41 मजदूर अपनी आखिरी सांसें गिन रहे हैं। इन मज़दूरों में बिहार के 5 मजदूर भी शामिल हैं। अब तक इन मज़दूरों को निकालने में सफलता प्राप्त नहीं हुई है।


इन सबके बीच गुजरात के अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मैच का आयोजन हुआ, जिसमें लगभग 1 लाख 20 हज़ार लोग शरीक हुए। मैच देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंचे हुए थे।

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों में बिहार के 5, झारखंड के 15, पश्चिम बंगाल के 3, उड़ीसा के 5, उत्तर प्रदेश के 8, असम के 2, हिमाचल प्रदेश के 1 और उत्तराखंड के 2 मज़दूर शामिल हैं।


हादसा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ है। पहले बताया जा रहा था कि सुरंग में 40 व्यक्ति फंसे हुए हैं, लेकिन बाद में पता चला कि वहां कुल 41 लोग फंसे हुए हैं।

41वें व्यक्ति का नाम दीपक कुमार है, जो बिहार के मुजफ्फरपुर के गिजास टोला का निवासी है। दीपक कुमार के अलावा भोजपुर के सबाह अहमद, बांका के वीरेन्द्र किस्कू तथा अलग-अलग जिलों के सोनू शाह व सुशील कुमार सुरंग में फंसे हुए हैं।

ज्ञात हो कि उत्तराखंड के निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा धंस जाने के वजह से पिछले रविवार (12 नवंबर) से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें लगातार ड्रिल किए गए स्टील पाइप के माध्यम से भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है। भोजन के लिए श्रमिकों को चार इंच की कंप्रेसर पाइपलाइन के माध्यम से चना, मुरमुरे, दवाइयों के साथ-साथ ड्राईफ्रूट जैसी चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

बताते चलें कि निर्माणाधीन सुरंग महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा है, जो बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे हिंदू तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये बनाया जा रहा है।

पड़ोसी राज्य झारखंड के भी 15 मज़दूर फंसे

सुरंग में बिहार के पांच मजदूरों के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड के भी 15 मज़दूर फंसे हुए हैं। मलबे में फंसे झारखंड के श्रमिकों के परिजनों का सब्र का बांध टूट रहा है। उनके रेस्क्यू में हो रही देरी ने घर वालों की चिंता बढ़ा दी है।

झारखंड के अफसरों की एक टीम उत्तरकाशी में मौके पर मौजूद है, और पल-पल का अपडेट ले रही है। रांची के ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के तीन श्रमिक अनिल बेदिया, राजेंद्र बेदिया और सुकराम बेदिया सुरंग में फंसे हैं।

उनके परिजनों को मंगलवार को जब झारखंड सरकार की ओर से उनके सुरक्षित होने की खबर दी गई तो वे थोड़े इत्मीनान हुए, लेकिन बुधवार शाम तक रेस्क्यू अभियान की प्रगति धीमी पड़ने की खबर से वे फिर से बेचैन हैं।

सुरंग में फंसा राजेंद्र बेदिया नामक श्रमिक के पिता श्रवण बेदिया दिव्यांग हैं। उनकी आंखों में आंसू हैं। मां फूलकुमारी और बहन चांदनी के भी आंसू नहीं थम रहे। एक अन्य श्रमिक सुकराम बेदिया की मां पार्वती देवी भी दिव्यांग हैं।

झारखंड सरकार की ओर से उत्तरकाशी भेजी गई अफसरों की टीम ने वहां के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रोहिला से मुलाकात कर उनसे रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने बताया कि मंगलवार रात से जो रेस्क्यू की प्रक्रिया चल रही थी, उसमें रुकावट आयी है। मशीन ख़राब हो गई है। साथ ही पत्थर आ जाने के कारण रेस्क्यू में रुकावट हुई है।

Also Read Story

सुपौल: सऊदी अरब गए व्यक्ति की हत्या की आशंका को देखते परिजन ने शव बरामदगी की लगाई गुहार

“बिहार में कुत्ता और नेता एक बराबर है”- सहरसा जंक्शन पर बिहार के प्रवासी मज़दूरों ने सरकार से नाराज़गी की वजह बताई

कर्नाटक के विजयपूरा गोदाम हादसे में समस्तीपुर के 7 लोगों की मौत

किशनगंज: सऊदी अरब में सड़क दुर्घटना में मृत कोचाधामन के शाह आलम की लाश गांव पहुंची

कम मजदूरी, भुगतान में देरी – मजदूरों के काम नहीं आ रही मनरेगा स्कीम, कर रहे पलायन

किशनगंज: रेलवे स्टेशन से सुरक्षा बलों ने तीन नाबालिग बच्चों को किया रेस्क्यू

बिहार से पलायन का दर्दनाक मंज़र, ट्रेन में ठुंस कर जा रहे दिल्ली-पंजाब

बंगाल के श्रीकांत दो भयंकर हादसों में बाल-बाल बचे, ट्रेन हादसे में हुए घायल

ओडिशा ट्रेन हादसे में बचकर आई नाबालिग बच्ची से अधिकारी ने पूछे ऊल-जुलूल सवाल

झारखंड की टीम ने घटनास्थल से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर एक प्रवासी नियंत्रण कक्ष-होटल अनंतम ब्रह्मखाल, उत्तरकाशी में खोल दिया गया है, ताकि श्रमिकों या उनके शुभचिंतकों को कोई भी जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जा सकेI

पीएमओ से लेकर केंद्रीय एजेंसियों ने संभाला मोर्चा

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए पीएमओ और केंद्रीय एजेंसियों के साथ ही प्रदेश की तमाम एजेंसियां मोर्चा संभाले हुए हैं। टनल में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन, ऑक्सीजन और बिजली उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उनकी परिजनों से लगातार बात भी कराई जा रही है।

शनिवार (18 नवंबर) को सुरंग में हुए भूस्‍खलन के 7वें दिन शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने घटनास्थल का मुआयना किया।

प्रधानमंत्री कार्यालय से पांच सीनियर अफसरों की टीम रेस्क्यू स्थल पर पहुंची थी। टीम में मंगेश घिल्डियाल के अलावा जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी, उप सचिव महमूद अहमद, ओएसडी-टूरिज्म भास्कर खुल्वे और एक्सपोर्ट इंजीनियर अरमांडो कैपलैन शामिल हैं। यह टीम रेस्क्यू टीम के साथ समन्वय बनाकर काम कर रही है।

टीम के सदस्य जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी ने कहा, “हम इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि रेस्क्यू में और क्या-क्या किया जा सकता है। विचार-विमर्श से जो निष्‍कर्ष निकलेगा, उसी मुताबिक काम को आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री पल-पल का अपडेट ले रहे हैं।”

पीएमओ में उप सचिव भास्कर खुल्बे ने कहा, “हमारी प्राथमिकता सात दिन से सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की है। हम फंसे लोगों के पास जल्‍द पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। विदेशी एजेंसियां जो हमारे देश में तकनीकी कार्यों में लगी हैं, उन सबकी मदद भी ली जा रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें हाथ बंटा रहे हैं। नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे हैं। रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं।”

सिलक्यारा सुरंग से मलबा हटाने में दो ऑगर मशीनें पहले से लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि इन भारी मशीनों से ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में कंपन हो रहा है। इससे और मलबा गिरने का खतरा बढ़ गया है। सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन 1750 हॉर्स पॉवर की है। अभी तक पांच पाइपों को जोड़कर सुरंग में डाला गया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घटनास्थल का लिया जायजा

रविवार को केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उत्तरकाशी में रेस्क्यू कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत व बचाव कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही पूरे मामले की समीक्षा की। उनके साथ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव एसएस संधू भी मौजूद रहे।

इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह भी निरीक्षण कर चुके हैं। माना जा रहा है कि सुरंग में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू में अभी चार से पांच दिन और लग सकते हैं। अब छह टीमों की मदद से अभियान शुरू कर दिया गया है।

भारतीय वायुसेना की भी ली जा रही मदद

संकट से निपटने के लिए थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड समेत कई देशों के एक्सपर्ट से भी ऑनलाइन सलाह ली जा रही है। साथ ही भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना की भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद ली जा रही है।

घटनास्थल पर भारतीय वायुसेना ने टनल में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए 27,500 किलोग्राम रेस्क्यू इक्यूपमेंट को कड़ी चुनौती के बीच बजरी वाले एयरस्ट्रिप पर पहुंचाया है। इस इक्यूप्मेंट की मदद से ड्रिलिंग करके मलबे को हटाया जाएगा, ताकि मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम शुरू किया जा सके।

भारतीय वायुसेना के लिए ये ऑपरेशन बहुत मुश्किल था। धरासू में एएलजी यानी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड की लंबाई बहुत कम है। और वहां वायुसेना के विमान वज़नदार रेस्क्यू इक्यूप्मेंट की वजह से हाई लैंडिंग वेट के साथ आ रहे थे। इसकी जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इस इक्यूप्मेंट का वजन एक पूरी तरह से लोडेड बड़े ट्रक के बराबर है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

अररिया के बच्चे जा रहे थे मदरसा, महाराष्ट्र पुलिस ने बताया तस्करी

सुडान में मौत से नजर मिलाकर लौटे सपन ने सुनाई हैरतअंगेज दास्तां

जीवन यापन के लिए अररिया में ड्राम बेच रहे मध्यप्रदेश के बंजारे

“2-4 नारियल कम बिकेगा, पर जान तो बची रहेगी”

नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों की मौत

Pune में स्लैब गिरने से Katihar के पांच मजदूरों की मौत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

चचरी के सहारे सहरसा का हाटी घाट – ‘हमको लगता है विधायक मर गया है’

अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर प्रदर्शन – सिर्फ 400 रुपया पेंशन में क्या होगा?

फिजिकल टेस्ट की तैयारी छोड़ कांस्टेबल अभ्यर्थी क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

बिहार में पैक्स अपनी ज़िम्मेदारियों को निभा पाने में कितना सफल है?

अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती किशनगंज की रमज़ान नदी