Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

पलायन का दर्द बयान करते वायरल गाना गाने वाले मज़दूर से मिलिए

इन दिनों एक मजदूर की दर्द भरी आवाज में पलायन के ऊपर गाए गए इस गाने को खूब पसंद किया जा रहा है। इसका वायरल वीडियो आपने किसी ना किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर देखा होगा जिसमें यह मजदूर दो ट्रेनों के बीच खड़ा होकर इस गाने के माध्यम से अपना दुख व्यक्त कर रहा है।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
Published On :

इन दिनों एक मजदूर की दर्द भरी आवाज में पलायन के ऊपर गाए गए इस गाने को खूब पसंद किया जा रहा है। इसका वायरल वीडियो आपने किसी ना किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूर देखा होगा जिसमें यह मजदूर दो ट्रेनों के बीच खड़ा होकर इस गाने के माध्यम से अपना दुख व्यक्त कर रहा है।

इसके बारे में ‘मैं मीडिया’ ने पड़ताल की तो पता चला की यह मजदूर अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के बिशनपुर पंचायत के बिशनपुर वार्ड नं0 12 का रहने वाला है। इसकी जिंदगी के बारे में और जानने के लिए मैं मीडिया की टीम उसके घर पहुंची।

Also Read Story

“250 रुपये की दिहाड़ी से नहीं होता गुजारा”- दार्जिलिंग के चाय श्रमिक

“कार्ड मिला है तो धो धोकर पीजिये” – कई सालों से रोजगार न मिलने से मनरेगा कार्डधारी मज़दूर निराश

किशनगंज: बच्चों की तस्करी के खिलाफ चलाया गया जनजागरूकता अभियान

सूरत में मारे गये प्रवासी मजदूर का शव कटिहार पहुंचा

“यहाँ हमारी कौन सुनेगा” दिल्ली में रह रहे सीमांचल के मज़दूरों का दर्द

दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिक ₹232 में मज़दूरी करने पर मजबूर

चाय बागान मजदूरों का करोड़ों दबाए बैठे हैं मालिकान!

मोतिहारी ईंट-भट्ठा हादसा: “घर में छोटे छोटे पांच बच्चे हैं, हम तो जीते जी मर गए”

नौकरी के नाम पर म्यांमार में बंधक बनाए गए किशनगंज के दो युवक मुक्त

इस मजदूर का नाम मोहम्मद मुहर्रम है। इसकी आवाज में जो दर्द है वह दरअसल इसकी असल जिंदगी की कहानी को ही बयां करता है। मुहर्रम ने आठवीं तक कि पढ़ाई की है। उसके पिता की मृत्यु एक सड़क दुर्घटना में हो गई जिसके बाद मोहर्रम के कंधों पर तीन छोटे भाई बहन की जिम्मेदारी आ गई। उसको परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूरन हरियाणा के सोनीपत के मुरथल गांव में मजदूरी करने जाना पड़ा।


पटरी पर गाने वाले वायरल वीडियो के बारे में पूछने पर मोहम्मद मोहर्रम ने बताया कि वह हाल में ही हरियाणा से अपने घर सिमराहा स्टेशन पहुंचा था जहां पर हजारों की संख्या में ट्रेन में उसको अपने जैसे प्रवासी मजदूर दिखे और उनका दर्द उसे बिल्कुल अपने जैसा महसूस हुआ। उसी समय उसने गाने के माध्यम से इसको बाकी जनता और सरकार तक पहुंचाने का फैसला किया।

वहीं बिशनपुर के मुखिया सत्य नारायण सिंह से हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि उनके इलाके में पलायन बहुत बड़ी समस्या है। उनका कहना है कि इस इलाके में सबसे बड़ी कैश क्रॉप मकई है और यह रॉ मैटीरियल के रूप में महाराष्ट्र पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य में जाती है, क्योंकि यहां कोई फैक्ट्री नहीं है। अगर यहीं पर फैक्ट्री खुल जाए तो हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। वह चिंता जताते हुए कहते हैं कि गांव बहुत तेज रफ्तार से समाप्त हो रहा है क्योंकि यहां लगभग 70% लोग मजदूरी पर ही निर्भर है जिनको काम के लिए शहर पलायन करना पड़ता है।

बरहाल मजदूर मोहम्मद मोहर्रम के दर्द भरी आवाज वाला गाना फिलहाल तो लोगों को खूब पसंद आ रहा है, जो कि बिहार से हो रहे पलायन की असली कहानी बयां करता है, लेकिन पलायन का यह दर्द असल में कब दूर होगा फिलहाल इसका किसी के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

Related News

सीमांचल में क्यों बढ़ रही नाबालिग शादियां व तस्करी

विदेशों में काम की चाहत में ठगों के चंगुल में फंस रहे गरीब

शादी कर चंडीगढ़ में देह व्यापार में धकेली जा रही किशनगंज की लड़कियां

नागालैंड में कटिहार के चार मजदूरों की मौत

किशनगंज रेड लाइट एरिया में छापेमारी, एक नाबालिग लड़की को किया रेस्क्यू

Hyderabad में जहां Seemanchal के मजदूर मरे, वहां से ग्राउंड रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?