कम्बोडिया में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर म्यांमार में बंधक बनाकर गलत तरीके से कार्य करा रहे दो भारतीय युवकों को किशनगंज पुलिस ने मुक्त कराया है।
किशनगंज पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 16 दिसंबर 2022 को किशनगंज ज़िले के पोठिया थाना अंतर्गत गोगनाती निवासी गफ़रुद्दीन ने एक आवेदन दिया कि उनके पुत्र फकरुद्दीन को पश्चिम बंगाल का एक व्यक्ति इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद कम्बोडिया में नौकरी की बात दो वर्षों से कह रहा था। उक्त व्यक्ति की पहचान उत्तर दिनाजपुर ज़िले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत पांचगछिया निवासी अब्दुल हमीद के रूप में हुई है।
अब्दुल हमीद द्वारा बार-बार आग्रह करने के बाद फकरुद्दीन और उसका दोस्त कम्बोडिया जाने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद अब्दुल हमीद ने कम्बोडिया में नौकरी के नाम पर इन दोनों से पांच लाख रुपए लिये।
कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि उनके पुत्र और उसके दोस्त को कम्बोडिया न ले जाकर, उन्हें कहीं और ले गए। उन्हें इंजीनियरिंग की नौकरी न देकर उनसे मज़दूरी कराई जा रही थी और मानसिक प्रताड़ना दी रहा थी। इसको लेकर परिवार ने पोठिया थाने में धारा 363/365 के तहत अपहरण का मामला दर्ज़ करवाया।
किशनगंज पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि उक्त युवकों को नौकरी का झांसा देकर थाईलैंड ले जाया गया था, जहाँ से उन्हें समुद्री मार्ग से म्यांमार भेज दिया गया। उन दोनों को बंधक बनाकर उनसे रंगदारी की मांग की जा रही थी। उन लोगों को कोई नौकरी नहीं दी गई थी, बल्कि साइबर फ्रॉड में उनका उपयोग किया जा रहा था।
किशनगंज पुलिस ने म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क स्थापित कर दोनों युवकों को वहां से मुक्त कराकर उनके घरवालों के सुपुर्द कर दिया।
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म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास अनुसार यह एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट है, जो थाईलैंड और म्यांमार में नौकरी की पेशकश के साथ भारतीय नागरिकों का शोषण कर रहा है। नौकरी के नाम पर गुमराह कर उन्हें म्यांमार-थाई सीमा पर सीमावर्ती क्षेत्र में लाया जाता है। यह क्षेत्र पूरी तरह से म्यांमार सरकार के नियंत्रण में नहीं है। इस म्यावाड़ी इलाके में भारतीय नागरिक के अलावा अन्य नागरिक भी फंसे हुए हैं।
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