सड़क पर उतरी ग्रामीण महिलायें, युवाओं ने कहा ‘मोदी-शाह फेक है, हिन्दू-मुस्लिम एक है’
नागरिकता कानून के विरोध में राजद के बिहार बंद को लेकर अररिया में लोग सड़क पर उतर आये हैं। ग्रामीण महिलाओं ने भी इसका भरपूर समर्थन किया है।
बैरगाछी चौक में महिलायें सड़क पर उतर कर इस नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार ने जो कानून लाया है, वह सबके खिलाफ है, इसीलिए इस कानून को सरकार वापस ले, अन्यथा हमारा आंदोलन जारी रहेगा और हम लोग सड़क पर उतर कर इसका विरोध करते रहेंगे।
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वहीं महागठबंधन के कार्यकर्ताओं के द्वारा फारबिसगंज स्टेशन पर जोगबनी कटिहार पैसेंजर ट्रेन 75758 को रोक विरोध प्रदर्शन किया गया। अररिया शहर के चांदनी चौक में प्रदर्शनकारी हाथों में महात्मा गांधी और बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर की तस्वीर लेकर CAA के विरुद्ध नारा लगाते नज़र आये।
बिहार बंदी का खासा असर पूर्णिया में भी देखने को मिला। इस बंदी में कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, वीआईपी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा पूर्ण समर्थन दिया गया। भारी संख्या में छात्र एवं महागठबंधन दल के कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़कों पर आवागमन को अवरुद कर एनआरसी और सीएए कानून को वापस लेने की मांग की। मौके पर समर्थकों ने पैदल आक्रोश मार्च एवं मोटरसाइकिल जुलूस निकालकर लोगों से इस बंदी में पुरजोर समर्थन देने की अपील की। वही सदर एसडीपीओ ने बताया कि बंद समर्थक शांतिपूर्ण माहौल में बंदी को सफल बनाने में लगे हुए है, कही से कोई शिकायत नही मिला रही है।
कटिहार के शहीद चौक को जाम कर घंटो प्रदर्शन किया गया। इस दौरान शहर के साथ साथ NH को भी पूरी तरह जाम कर दिया गया। इस दौरान सभी दुकाने भी बंद रही। प्रदर्शन में दौरान राजद के साथ भाकपा माले, भीम आर्मी का भी समर्थन रहा। प्रदर्शन कर रहे राजद नेताओं ने कहा की जब तक केंद्र सरकार बिल वापस नहीं लेती है, यूँ ही सरकार के काला कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा।
किशनगंज में राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। शहर के विभिन्न चौक चौराहों सहित राष्ट्रीय राज मार्ग 31 को जाम कर प्रदर्शन किया गया, साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर इस एक्ट को वापस लेने की मांग किया। वही सेवन सिस्टर का मुख्य प्रवेश द्वार किशनगंज में राज मार्ग 31 जाम होने से देश के सात राज्यों में इसका असर देखने को मिला, इन राज्यो में यातायात ठप पड़ गया। राजद के नेताओ ने इस एक्ट को काला एक्ट बताया तो वही कांग्रेस के नेता इसे देश के संविधान के खिलाफ बताया।
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