Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

अररिया: साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की 103वीं जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन

साहित्यकार और प्रसिद्ध उपन्यास ‘मैला आंचल’ के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु की 103वीं जयंती पर बिहार के अररिया जिला मुख्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
Published On :

साहित्यकार और प्रसिद्ध उपन्यास ‘मैला आंचल’ के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु की 103वीं जयंती पर बिहार के अररिया जिला मुख्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिले के रेणु कुंज स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया।

अररिया हाई स्कूल के मैदान में मुख्य राजकीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें अतिथियों ने उनके तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम की शुरुआत में जिले के लोक गायक अमर आनंद और प्रिया ने गीत प्रस्तुत कर लोगों का स्वागत किया।

Also Read Story

अररिया: पुलिस की गाड़ी पर बैठ रील बनाने वाले दो युवक गिरफ्तार

किशनगंज: शिक्षिका से 3 लाख रुपये लूटने वालों के घर छापेमारी में ढाई लाख बरामद, दो आरोपी फरार

BPSC TRE-3 के 15 मार्च की परीक्षा रद्द होने की संभावना, पुलिस ने किया पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

बिहार सरकार ने महंगाई भत्ते में किया इज़ाफ़ा, सरकारी पेंशन लेने वालों को मिली राहत

BPSC TRE-3 के पेपर लीक होने की आशंका, 300 परीक्षार्थी पुलिस हिरासत में

आजमनगर डकैती कांड का उद्भेदन, सोने के घड़े के लालच में आए थे डकैत

किशनगंज में एएसआई ने होमगार्ड जवान से की हाथापाई, जवानों ने की कार्रवाई की मांग

बिहार में बड़े स्तर पर बीडीओ का ट्रांसफर, मो. आसिफ बने किशनगंज के पोठिया प्रखंड के नये बीडीओ

ओडिशा से आया था नीरज पासवान हत्याकांड का शूटर, कटिहार एसपी ने और क्या क्या बताया

कार्यक्रम में अररिया की जिला पदाधिकारी इनायत खान, एसपी अमित रंजन, अररिया जिला परिषद अध्यक्ष आफताब अजीम पप्पू के साथ कई साहित्यकार व अधिकारी मौजूद थे।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी इनयात ख़ान ने कहा कि आज फणीश्वरनाथ रेणु की लेखनी को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को समझ आएगा के किस तरह से संघर्ष कर लोग ऊंचे मुकाम पर पहुंचते हैं।

कार्यक्रम में फणीश्वरनाथ रेणु की जीवनी पर साहित्यकारों ने चर्चा की। जिले के लगभग 14 साहित्यकारों ने इस परिचर्चा में भाग लिया। वक्ताओं ने उन्हें साहित्यकार के साथ-साथ एक बेहतर राजनीतिज्ञ भी बताया।

बताते चलें कि महान साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म 4 मार्च 1921 को अररिया के फारबिसगंज अनुमंडल स्थित औराही हिंगना गांव में हुआ था। फणीश्वर शनाथ रेणु ने अपनी कहानियों और उपन्यासों से सामाजिक क्रांति लाने का काम किया।

उनके द्वारा लिखी गई कहानी ‘मारे गए गुलफाम’ पर बॉलीवुड फिल्म ‘तीसरी क़सम’ बनी थी, जिसमें फिल्म इंडस्ट्रीज के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर ने अभिनय किया था।

इस फिल्म की पटकथा और पृष्ठभूमि अररिया ही थी। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे सामाज में होने वाली कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। इस फिल्म ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपना कृतिमान स्थापित किया है।

रेणु ने नेपाल की क्रांति में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। उन्होंने अपने साहित्य से एक नई क्रांति लाई थी। माना जाता है कि फणीश्वरनाथ रेणु ठेठ भाषा के बड़े जानकार थे। उनकी रचना की तुलना हिंदी साहित्य के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद से की जाती है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

Related News

सागर कुमार बने किशनगंज के नए एसपी, मनेश कुमार कटिहार के नये डीएम

बिहार: महागठबंधन सरकार में निकली सुरक्षा प्रहरी वैकेंसी को एनडीए सरकार ने किया रद्द

केके पाठक की शिक्षा विभाग से छुट्टी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जायेंगे पाठक

शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ा रहे पुलिस और आबकारी पदाधिकारी

कटिहार जिले के पांच ओपी को मिला थाने का दर्जा

किशनगंज के डे मार्केट सब्जी मंडी को हटाये जाने के विरोध में सब्जी विक्रेता हड़ताल पर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?