अररिया जिले के रानीगंज और कुसियारगंज में अब तक कई बार अजगर सांप देखा जा चुका है, जिससे लोगों में खौफ है।
नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश होने से किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड की 12 पंचायतों में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। दरअसल ज़िले से होकर बहनेवाली महानंदा, कनकई, डोंक, मेची और रतुआ नदियां भारी बारिश के चलते उफान पर हैं। भारी बारिश से जिले के चार प्रखंड बुरी तरह से प्रभावित हैं।
पूर्णिया जैसी ही स्थिति किशनगंज और अररिया के साथ-साथ समस्तीपुर, सुपौल और बेगूसराय के किसानों की भी है। बारिश के कारण इन जिलों की फसल भी ख़राब हो गई है।
देश की आजादी के 70 साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है। इन 70 सालों में कितनी ही सरकारें आईं और चली गईं। इन दशकों में लोगों की प्राथमिकताएं भी बदलीं। स्मार्ट फोन, फास्ट कनेक्टिविटी लोगों की आवश्यक जरूरतें बन गईं। लेकिन, किशनगंज जिले में नेपाल से सटा एक ऐसा भी गांव है, जिसे देखकर […]
अब्दुल मजीद बिहार के सीमांचल में आने वाले किशनगंज जिले में ठाकुरगंज प्रखंड के दल्लेगांव के निवासी है। इस गांव के पास से होकर मेची नदी बहती है, जो हर साल सैकड़ों एकड़ जमीन अपने साथ बहा ले जाती है। नतीजतन हर साल कोई न कोई परिवार अब्दुल मजीद की नियति को प्राप्त हो जाता है।
किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित ये बगलबाड़ी गांव है, इस गांव में कभी हँसते खेलते सैंकड़ों परिवार हुआ करते थे। यहाँ के किसान अपनी उपजाऊ जमीन में खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे। लेकिन पिछले कई सालों से महानंदा नदी के तांडव से गांव उजड़ गया, लोग बेघर हो गए।
पिछले दिनों पश्चिम भारत के इलाकों पर चक्रवाती तूफान (Tauktae) ‘तौकते’ ने कहर बरपाया जिसमें करीब 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। अब मौसम विभाग ने चेतावानी जारी कर दी है कि पूर्वी भारत के इलाके बंगाल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, झारखंड और बिहार में लोगों को चक्रवाती तूफान ‘यास’ (Yaas) का सामना करना पड़ सकता है।
किशनगंज से लगभग सात किलोमीटर दुरी पर स्थित है गाछपाड़ा पंचायत और इसी गांव होकर गुजरती है महानंदा और डोंक नदी। राज्य सरकार ने दोनों नदियों से ग्रामीणों की जान माल की रक्षा करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर बांध का निर्माण करवाया था। लेकिन चंद पैसे की लालच में बालू माफिया इसी पंचायत के खाड़ी बस्ती के समीप बांध को काटकर अवैध तरीके से बालू ढुलाई के लिए रास्ता बना दिया है जिससे नदी किनारे बसे ग्रामीणों को डर सता रहा है की वर्ष 2017 की भांति पुन बाढ़ की स्थिति उत्पन्न ना हो।
कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है, यह जब उफनाती है तो तबाही लाती ही है और जब शांत होती है तो भी तबाही लाती है। दोनों ही हालात में लोगों पर कहर बनकर टूटती है।
गया में बिहार का पहला रबड़ डैम बनेगा। 22 सितंबर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस डैम का उद्घाटन किया है। यह डैम गया की ऐतिहासिक फल्गू नदी पर बनने जा रहा है। राज्य में ऐसा पहली बार होगा कि कोई रबड़ डैम बनेगा।
[vc_row][vc_column][vc_column_text]नेपाल की तराई इलाकों में हो रहे लगातार बारिश से अररिया जिले की सिकटी प्रखंड में बाढ़ तांडव करने लगा है। नुना नदी एक बार फिर से अपने रौद्र रूप लेकर कई पंचायतों को अपने गिरफ्त में ले लिया है। पंचायत में लोग जान हथेली पर लेकर उचे स्थान पर जाने को मजबूर हैं। अररिया […]
[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार के किशनगंज जिले में ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा करोड़ों की लागत से बन रहा एक पुल उद्घाटन से पहले ही धंस गया है। जिले के दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत स्थित गोआबाड़ी गांव में ये पुल एक करोड़ 42 लाख की लागत से बन रहा था। पुल निर्माण का कार्य 25 जून 2019 को शुरू […]
खबर ये है कि उनके उद्घाटन से पहले ही गोपलगंज में बने बंगरा घाट महासेतु की अप्रोच रोड बह गई और उससे भी खास बात ये है कि जिस वक्त नीतीश कुमार इस महासेतु समेत तमाम योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे थे, ठीक उसी समय अप्रोच रोड की मरम्मत का काम चल रहा था।
दरभंगा में एक गर्भवती महिला को अचानक पेट में दर्द शुरू हुआ, दर्द से महिला का बुरा हाल हो रहा था लेकिन पूरा गांव पानी में डूबा हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों ने ट्यूब से एक जुगाड़ नाव बनाई और महिला और उसकी माँ को बिठाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उसका इलाज किया।
आरोप-प्रत्यारोप के बीच मैं मीडिया ने इस High profile घटना के उस किरदार को ढूंढ निकाला है जिसने पुल ढहने के एक दिन पहले ही प्रशासन और सरकार को इसकी चेतावनी दे दी थी।