बिहार विधानसभा परिसर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के विधायकों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के विरोध में मार्च निकाला। फिलिस्तीन के गाजा में इजराइल द्वारा की जा रही लगातार बमबारी को लेकर विधायकों ने नारेबाजी की। विधायकों ने भारत सरकार की विदेश नीति की भी आलोचना की।
मार्च के दौरान विधायकों ने “गाजा-फिलिस्तीन पर हमला बंद करो, फिलिस्तीनियों का नरसंहार बंद करो, भारत की विदेश नीति को इजराइल-अमरीकी धुरी के समक्ष गिरवी रखना बंद करो, फिलिस्तीन की आजादी जिंदाबाद” जैसे नारे भी लगाए।
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भाकपा माले विधायक मनोज मंज़िल ने कहा कि इजराइल द्वारा फिलिस्तीन के गाज़ा पट्टी में की जा रही लगातार बमबारी में हजारों बच्चे और महिलाएं अपनी जान गंवा चुके हैं। स्कूलों और अस्पतालों तक पर बमबारी की जा रही है।
“अभी तक तकरीबन दस हजार लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें चार हजार मासूम बच्चे हैं। भारतीय विदेश नीति को मोदी सरकार इजराइल-अमेरिकी धुरी के समक्ष गिरवी रख रही है। भाकपा माले की यह रैली अमेरिकी-इजराइली गुंडागिर्दी के विरोध में है,” उन्होंने कहा।
मनोज ने आगे कहा कि जिस तरह फ्रांस फ्रांसीसी लोगों का है, इंग्लैंड अंग्रेजों का है, उसी तरह गाजा फिलिस्तीनियों और अरबों का है और इजराइल को फिलिस्तीन की जमीन खाली करनी होगी।
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