पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में राजस्व ख़ुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने सोने की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। डीआरआई की कार्रवाई के दौरान सिलीगुड़ी में करोड़ों रुपये का सोना और लाखों रुपये नक़दी के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इन तस्करों के तार बिहार के किशनगंज के साथ-साथ अंतराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश से भी जुड़ा हुआ है।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान पश्चिम बंगाल के कूचबिहार निवासी विधुभूषण रॉय, बिहार के किशनगंज मारवाड़ी युवा मंच के जिला अध्यक्ष दिनेश पारीक और मनोज कुमार सिन्हा के रूप में हुई है।
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घटना के बारे में अधिकारियों ने बताया कि विधुभूषण नामक तस्कर कमर के बेल्ट में सोना लपेट कर कूचबिहार के रास्ते सिलीगुड़ी डिलीवरी करने आया था। इसकी सूचना डीआरआई को मिली। सूचना के आधार पर डीआरआई की टीम ने विधुभूषण को सोने के साथ रंगे हाथों दबोच लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से 12 सोने के बिस्किट बरामद हुए, जिसका वज़न 1 किलो 4 सौ ग्राम है और इसकी क़ीमत एक करोड़ रुपये से अधिक आंकी गयी है।
विधुभूषण को गिरफ्तार कर जब उससे पूछताछ की गई तो डीआरआई के जांच अधिकारियों को दो और अन्य लोगों के नाम का पता चला, जो किशनगंज से तस्करी का सोना खरीदने के लिए सिलीगुड़ी के जलपाईमोड़ आ रहे थे।
सूचना पर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने दोनों तस्करों को जलपाईमोड़ से गिरफ्तार किया। दोनों के पास से पुलिस ने 82 लाख 50 हजार रुपये नक़द बरामद किया है। डीआरआई ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
साड़ी की दुकान चलाता है आरोपी
सोना तस्करी के आरोप में दिनेश पारीक की गिरफ्तारी की ख़बर किशनगंज में आग की तरह फैल गयी। गिरफ्तार दिनेश पारीक और उसका भाई मिलकर किशनगंज में साड़ी की दुकान चलाते हैं। उन्होंने शहर के प्याजपट्टी मोहल्ले में आलिशान मकान भी बना रखा है। दिनेश पारिक किशनगंज मारवाड़ी युवा मंच के जिला अध्यक्ष भी हैं।
घटना को लेकर मारवाड़ी युवा मंच के सचिव ऋषि अग्रवाल ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि कमेटी के लोग समाज की भलाई के लिए काम करते हैं, लेकिन किसका क्या व्यापार है उससे ताल्लुक नहीं रखता है। उन्होंने बताया कि दिनेश पारीक संस्था का अध्यक्ष था, लेकिन मार्च महीने में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था।
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