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JMCS Chit Fund Fraud: गरीबों के लाखों रुपये लूटकर जनशक्ति चिट फंड कंपनी फरार

Janshakti Multi State Multi Purpose Cooperative Society Ltd. या JMCS नाम की एक संस्था पिछले कुछ सालों से बिहार के किशनगंज ज़िले के अलग-अलग इलाकों में चिट फंड का काम कर रही थी।

अररिया में एक फैसले से पांच हज़ार आदिवासी-दलित हो जाएंगे बेघर

हाईकोर्ट के निर्देश पर अनुमंडल दंडाधिकारी ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के अवलोकन के बाद जमीदार के पक्ष में फैसला सुना दिया। उच्च न्यायालय पटना के 7 सितंबर 1994 पारित आदेश में स्पष्ट निर्देश है कि अनुमंडल दंडाधिकारी अररिया दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 145 के तहत पारित आदेश का पालन करें।

‘हम चाहते थे बेटा पढ़ाई करे, मज़दूरी नहीं’, नेपाल में मरे मज़दूरों की कहानी

दिघलबैंक ग्राम पंचायत अंतर्गत बैरबन्ना गांव के कई नौजवान मज़दूर नेपाल के इलाम ज़िले में लेबर-मिस्त्री का काम करते हैं। इन्हीं में से चार मजदूर थे अजीमुद्दीन, अब्दुल, तौसीफ और मुजफ्फर। बीते 5 मई की शाम काम के दौरान एक निर्माणाधीन मकान के धंसने से चारों की मौत हो गई। चारों मृतक एक ही खानदान से थे।

किशनगंज का नेहरू कॉलेज, जहाँ 21 एकड़ के कैंपस में छात्र से ज़्यादा मवेशी नज़र आते हैं

बहादुरगंज का नेहरू कॉलेज 5 जून, 1965 को अस्तित्व में आया। यह कॉलेज किशनगंज ज़िले के मात्र दो सरकारी कॉलेजों में से एक है। मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज शहर में है, वहीं नेहरू कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में है।

ज़मीन पर विफल हो रही ममता बनर्जी सरकार की ‘निज घर निज भूमि योजना’

मई 2011 में पहली बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार आने के करीब पांच महीने बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'निज गृह निज भूमि प्रकल्पो' यानी 'अपना घर, अपनी ज़मीन योजना' की शुरुआत की।

महादलित गाँव के लिए 200 मीटर रोड नहीं दे रहे ‘जातिवादी’ ज़मींदार!

ग्रामीणों का कहना है कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला रास्ता कुछ ज़मींदारों की निजी ज़मीन है। ज़मींदार अपनी ज़मीन पर पक्की सड़क बनने नहीं देना चाहते हैं।

बिहारशरीफ में कैसे और कहां से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा?

सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा में मामूली कहासुनी से शुरू हुई हिंसा ने शहर के सामाजिक ताने बाने पर बुरा असर डाला है।

हाथियों के उत्पात से दहशत, पांच मौत, घर व फसल तबाह

पिछले पांच सालों में हाथियों के हमले में पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, सैकड़ों घर बर्बाद हो चुके हैं और कई एकड़ मक्के की फसल तबाह हो चुकी है। अकेले 2023 में किशनगंज ज़िले के ठाकुरगंज और दिघलबैंक प्रखंड में एक महिला सहित दो ग्रामीण को हाथियों के झुंड ने मार डाला।

पूर्णिया: अवैध भवनों को सील करने की नगर आयुक्त की कार्रवाई पर उठे सवाल

निगरानी वाद के जरिये जुर्माने व तालाबंदी की जद में आने वाले शहर के चुनिंदा बड़े लोग हैं जिनमें व्यवसायी, बिल्डर, शिक्षक शामिल हैं।

तैयारियों के बाद भी नहीं पहुंचे CM, राह तकता रह गया पूर्णिया का गाँव

समाधान यात्रा के तहत 10 फरवरी को नीतीश कुमार पूर्णिया ज़िले के धमदाहा प्रखंड की विशनपुर पंचायत आने वाले थे, लेकिन आखिरी वक़्त पर प्रोग्राम कसबा प्रखंड में शिफ्ट कर दिया गया।

जर्जर भवन में जान हथेली पर रखकर पढ़ते हैं कदवा के नौनिहाल

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि इस प्राथमिक विद्यालय में 101 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन जर्जर भवन की वजह से बहुत सारे अभिभावक बच्चों को पढ़ने नहीं भेजते हैं।

ग्राउंड रिपोर्ट: इस दलित बस्ती के आधे लोगों को सरकारी राशन का इंतजार

सुपौल जिले के वार्ड नंबर 12 की 42 वर्षीय कावो देवी के पति 4 साल पहले गुजर चुके हैं। कावो देवी के तीन बेटे और 2 बेटी हैं। उन्हें राशन कार्ड और विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है।

डीलरों की हड़ताल से राशन लाभुकों को नहीं मिल रहा अनाज

बिहार के सभी 55,000 डीलरों ने राशन का वितरण बंद रखा है। इस हड़ताल से पूरे बिहार के 8 करोड़ 71 लाख से अधिक उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

बिहार में क्यों हो रही खाद की किल्लत?

खाद की किल्लत को समझने के लिए दिसंबर के मध्य से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह तक मैं मीडिया ने किशनगंज, अररिया और पूर्णिया ज़िलों के 15 किसानों से मुलाकात की।

किशनगंज: पक्की सड़क के अभाव में नारकीय जीवन जी रहे बरचौंदी के लोग

किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड की बरचौंदी पंचायत स्थित घेघाटोला और मीराभीटा गाँव को जोड़ने वाला मार्ग खस्ताहाल है और एक अदद पक्की सड़क के अभाव से जूझ रहा है।

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