पिछले दिनों अररिया टोल प्लाजा के समीप उत्पाद विभाग ने तीन ट्रक अंग्रेज़ी शराब ज़ब्त की, जिसे वहां मौजूद स्कूल कैम्पस में रखा दिया गया। फिलहाल कोरोना की वजह से स्कूल बंद है, लेकिन प्लस टू में पढ़ने वाले बच्चे फॉर्म भरने के लिए स्कूल आ रहे हैं। वीडियो में आप साफ़ देख सकते हैं कि स्कूल कैंपस में कैसे शराब रखी हुई है और आस-पास छात्र-छात्राएं आ जा रहे हैं। शराब लदे ट्रक को स्कूल कैंपस में रखे जाने से छात्र व शिक्षक परेशान है। प्रिंसिपल ने आलाअधिकारियों से शिकायत भी की है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
PM मोदी ने बिहार के जिस गाँव से गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की थी, वहाँ के ज़्यादातर मज़दूर वापस पलायन कर चुके हैं। CM नीतीश ने जिस मज़दूर से 24 मई को बात की थी, वो आज तक बेरोज़गार है।
अररिया शहर की आबादी का एक हिस्सा आज भी आवागमन की असुविधाओं से जूझ रहा है। नगर परिषद वार्ड नबंर 29 के मरया टोला तक जाने के लिए परमान नदी को पार करना होता है, जहाँ आवागमन का एक मात्र सहारा नाव ही है। सरकारी सुविधा से वंचित इस शहरी इलाके में नगर परिषद की कोई सुविधा नहीं है।
अगर आपका परिवार चार महीने किसी कारोबार में लगा हो, तो आप कितनी कमाई की उम्मीद रखते हैं? चंद हज़ार रुपये तो बिलकुल नहीं, लेकिन 2020 में उम्मीद शब्द बिहार के किसानों के लिए एक मज़ाक है।
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में मक्के की खेती सबसे ज़्यादा होती है। क्षेत्र के किसान लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर भूभाग में मक्के की खेती करते हैं। लेकिन, लॉकडाउन और मौसम ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
बिहार में संवेदनहीन सरकारी तंत्र आम लोगों की तो दूर अपने कर्मियीं तक की नहीं सुनती है, सरकार की कुम्भकरण वाली नींद ने कार्यालय आने वाले आम लोगों से लेकर काम कर रहे कर्मियीं और अधिकारीयों तक को अपनी जान बचाए रखने के लिए हेलमेट पहने रहने को मजबूर कर दिया है।
https://www.youtube.com/watch?v=uxa3972O2m0
किशनगंज अंतर्गत कोचाधामन के बगलबारी पंचायत के लगभग 150 परिवार महानंदा ब्रिज के नीचे खुले आसमान के नीचे शरण लिए हुए हैं। जिला मुख्यालय...
https://www.youtube.com/watch?v=5MQfL5uI9Mo&t=64s
किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड में विकास बेकाबू हो गया है, हल्दीखोरा पंचायत में सालों पहले बनी लाइब्रेरी की बिल्डिंग गोश्त के दुकान में तब्दील...
https://www.youtube.com/watch?v=ct0ZCbE_I8I
ज़रा सोचिये, अपने घर से हज़ारों किलोमीटर दूर आपको अपनी रोज़ी रोटी के लिए अगर हफ्ते के सात दिन 12 घंटे काम करना पड़े...