फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश अजयेंद्रनाथ भट्टाचार्य ने गाइसल रेल दुर्घटना में 6 रेलवे कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई। उनमें से प्रत्येक दोषी को 11,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
Barsoi Police Firing: मौके पर मौजूद स्थानीय बिजली विभाग के कर्मी मोनू से लेकर प्रदर्शन में मौजूद मुखिया प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक महबूब आलम, सभी प्रशासन से एक ही सवाल कर रहे हैं कि क्या भीड़ पर गोली चलाने के अलावा प्रशासन के पास कोई और रास्ता नहीं था?
बिहार के कटिहार जिले में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कई दुकानों को ज़मींदोज़ कर दिया है। बीते शनिवार को कटिहार के बारसोई प्रखंड स्थित सालों पुराने बिघोर हाट में प्रशासन द्वारा बुलडोजर चला कर करीब 300 दुकानों को तोड़ दिया गया।
किशनगंज में नियमों को ताक पर रख कर मनरेगा की कई परियोजनाओं में जेसीबी और ट्रैक्टर का प्रयोग किया जा रहा है।
Janshakti Multi State Multi Purpose Cooperative Society Ltd. या JMCS नाम की एक संस्था पिछले कुछ सालों से बिहार के किशनगंज ज़िले के अलग-अलग इलाकों में चिट फंड का काम कर रही थी।
हाईकोर्ट के निर्देश पर अनुमंडल दंडाधिकारी ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के अवलोकन के बाद जमीदार के पक्ष में फैसला सुना दिया। उच्च न्यायालय पटना के 7 सितंबर 1994 पारित आदेश में स्पष्ट निर्देश है कि अनुमंडल दंडाधिकारी अररिया दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 145 के तहत पारित आदेश का पालन करें।
दिघलबैंक ग्राम पंचायत अंतर्गत बैरबन्ना गांव के कई नौजवान मज़दूर नेपाल के इलाम ज़िले में लेबर-मिस्त्री का काम करते हैं। इन्हीं में से चार मजदूर थे अजीमुद्दीन, अब्दुल, तौसीफ और मुजफ्फर। बीते 5 मई की शाम काम के दौरान एक निर्माणाधीन मकान के धंसने से चारों की मौत हो गई। चारों मृतक एक ही खानदान से थे।
बहादुरगंज का नेहरू कॉलेज 5 जून, 1965 को अस्तित्व में आया। यह कॉलेज किशनगंज ज़िले के मात्र दो सरकारी कॉलेजों में से एक है। मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज शहर में है, वहीं नेहरू कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में है।
मई 2011 में पहली बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार आने के करीब पांच महीने बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'निज गृह निज भूमि प्रकल्पो' यानी 'अपना घर, अपनी ज़मीन योजना' की शुरुआत की।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला रास्ता कुछ ज़मींदारों की निजी ज़मीन है। ज़मींदार अपनी ज़मीन पर पक्की सड़क बनने नहीं देना चाहते हैं।
सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा में मामूली कहासुनी से शुरू हुई हिंसा ने शहर के सामाजिक ताने बाने पर बुरा असर डाला है।
पिछले पांच सालों में हाथियों के हमले में पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, सैकड़ों घर बर्बाद हो चुके हैं और कई एकड़ मक्के की फसल तबाह हो चुकी है। अकेले 2023 में किशनगंज ज़िले के ठाकुरगंज और दिघलबैंक प्रखंड में एक महिला सहित दो ग्रामीण को हाथियों के झुंड ने मार डाला।
निगरानी वाद के जरिये जुर्माने व तालाबंदी की जद में आने वाले शहर के चुनिंदा बड़े लोग हैं जिनमें व्यवसायी, बिल्डर, शिक्षक शामिल हैं।
समाधान यात्रा के तहत 10 फरवरी को नीतीश कुमार पूर्णिया ज़िले के धमदाहा प्रखंड की विशनपुर पंचायत आने वाले थे, लेकिन आखिरी वक़्त पर प्रोग्राम कसबा प्रखंड में शिफ्ट कर दिया गया।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि इस प्राथमिक विद्यालय में 101 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन जर्जर भवन की वजह से बहुत सारे अभिभावक बच्चों को पढ़ने नहीं भेजते हैं।