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Araria News: बरसात में झील में तब्दील स्कूल कैंपस, विभागीय कार्रवाई का इंतज़ार

पानी में मोहल्ले का कूड़ा करकट रहता है जिससे बीमारी फैलने का खतरा रहता है। उन्होंने आगे कहा कि इस बात की जानकारी प्रशासन को दी गई थी, जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने खुद आकर स्कूल कैंपस में मिट्टी भरवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इस पर कार्यवाई नहीं हुई।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
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middle school rahika tola in araria

अररिया नगर परिषद क्षेत्र के शिवपुरी वार्ड संख्या 9 पर एनएच 57 के किनारे बने प्राथमिक विद्यालय भगत टोला और उत्क्रमित मध्य विद्यालय रहिका टोला, भारी जलभराव से ग्रसित हैं। छात्र और शिक्षकों का कहना है कि दोनों विद्यालयों के प्रांगण में घुटने भर से भी अधिक पानी भर चुका है।


प्राथमिक विद्यालय भगत टोला के प्रधानाध्यापक मिथिलेश केसरी ने बताया कि थोड़ी सी ही बारिश से स्कूल कैंपस की चारों ओर पानी जम जाता है जिससे बच्चों को स्कूल पहुँचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पानी में मोहल्ले का कूड़ा करकट रहता है जिससे बीमारी फैलने का खतरा रहता है। उन्होंने आगे कहा कि इस बात की जानकारी प्रशासन को दी गई थी, जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने खुद आकर स्कूल कैंपस में मिट्टी भरवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इस पर कार्यवाई नहीं हुई।


उत्क्रमित मध्य विद्यालय रहिका टोला की प्रधानाध्यापिका गौरी कुमारी ने बताया कि इस समस्या के निवारण के लिए विभाग और नगर परिषद् को लिखित शिकायत दी गई थी जिसके बाद विभाग की तरफ से आश्वासन मिला, लेकिन अब तो कोई काम नहीं हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि पानी भर जाने से स्कूल में छात्रों की संख्या कम हो जाती है और अक्सर बच्चे बीमार हो जाते हैं। बच्चों के साथ साथ शिक्षकों का भी विद्यालय पहुंचना मुश्किल होता है। खासकर महिला शिक्षकों को सबसे अधिक दिक्कतें पेश आती हैं।

स्कूल के बच्चों ने बताया कि रोज़ाना पानी में आने जाने से बच्चों को खांसी बुखार जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। पांचवीं कक्षा की छात्रा गुड़िया कुमारी कहती है कि स्कूल के सामने बहुत पानी रहता है जिस कारण बच्चे अक्सर गिर जाते हैं। पानी में भीगने से तबीयत ख़राब हो जाती है। पानी में सांप निकलने का भी डर रहता है इसलिए वह स्कूल नहीं आना चाहती है।

स्थानीय निवासी पंकज राय स्कूल के पीछे वाले मोहल्ले में रहते हैं। उन्होंने कहा कि पहले यहां एक भूमिगत नाला हुआ करता था जिससे पानी निकल जाया करता था। जब हाइवे बना तो पानी जाने का रास्ता बंद हो गया।

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उन्होंने आगे कहा कि नगर परिषद के अधिकारी यहां आकर देख कर गए हैं। चुनाव के समय जन प्रतिनिधि भी आते हैं और आश्वासन दे कर चले जाते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता।

इस मामले को लेकर हमने अररिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं लग सका। बात होने पर उनका पक्ष खबर में जोड़ दिया जाएगा।

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अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

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