ग्राम पंचायतों के अधिकारों में कटौती के विरुद्ध मंगलवार को किशनगंज अंबेडकर टाउन हॉल के समीप जिले के मुखिया और ग्राम पंचायत के सदस्यों ने कार्य बहिष्कार कर एक दिवसीय धरना दिया।
इस अवसर पर बेसरबांटी पंचायत की मुखिया अनुपमा ठाकुर ने कहा कि सरकार मुखिया के कार्यों में हस्तक्षेप कर सभी कार्यों को वेंडर के माध्यम से करा रही है। उन्होंने कहा कि जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज पहले पंचायत सरकार भवन से एक छत के नीचे निर्गत किया जाता था, अब आरटीपीएस काउंटर को पंचायत सरकार भवन से दूर हटाकर प्रखंड मुख्यालय में कर दिया गया है, जिससे ग्रामीण इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है।
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महिला मुखिया शहजादा खातून ने कहा कि ग्राम सभा में कुछ भी निर्णय लिया जाता है उसे सरकार के हस्तक्षेप की वजह से धरातल पर उतार नहीं पाते हैं। उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंचायत के ग्रामीण चाहते है कि पंचायत स्तर के योजनाओं का विस्तार मुखिया के माध्यम से हो, लेकिन सरकार सभी योजनाओं को टेंडर के माध्यम से करवा कर मुखिया के अधिकारों पर प्रहार कर रही है, जिससे त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
धरने पर बैठे मुखिया संघ की 21 सूत्री मांगों में मुख्य मांग त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों का भत्ता, मुखिया को दस हजार, उपमुखिया को सात हजार और वार्ड सदस्य को पांच हजार रुपये निर्धारित किया जाय। वृद्धा पेंशन की राशि को बढ़ाकर कम से कम एक हजार करना, ग्राम सभा की रक्षा के लिए पारित निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित करना, ग्राम सभा द्वारा चयनित योजनाओं को प्राथमिकता देना, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना को ग्राम पंचायतों को सौंपना, नल-जल योजना को पीएचईडी से लेकर ग्राम पंचायतों के अधीन करना, साथ ही कबीर अंत्योष्ठि योजना को पुनः चालू करना इन मांगों में शामिल हैं।
मुखिया ने बताया कि अगर समय रहते हमारी मांगों पर सरकार विचार नहीं करती है तो पटना के गांधी मैदान से पैदल मार्च निकाल कर राज्यपाल का आवास और विधानसभा को घेरने का काम किया जायेगा।
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