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Bihar Flood: ‘ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो गांव नदी में समा जाएगा’

किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड अंतर्गत महानंदा नदी किनारे बसे बगलबाड़ी गांव के लोग बाढ़ व कटाव से सुरक्षा के लिए पंद्रह वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। यहां नदी के कटाव का कहर ऐसा है कि गांव के जमींदार व किसान मजदूरी करने पर विवश हैं।

किशनगंज: नेपाल में बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा, चचरी पुल टूटे

नेपाल में हुई तेज बारिश के बाद किशनगंज जिले के दिघलबैंक की दो प्रमुख नदियों के जलस्तर अचानक बढ़ने से निचले इलाकों में अफरातफरी देखी गयी जबकि कई घाटों पर चचरी पुल बह गये हैं।

महानंदा में समाया गांव, अब स्कूल के लिए तरसते भूमिहीनों के बच्चे

महानंदा नदी ने इस कदर कहर ढाया कि पूरा का पूरा मंझोक गांव नदी में समा गया। यह गांव दो पंचायतों में बंटा था और सिर्फ भौनगर पंचायत के वार्ड नंबर 1 में लगभग 365 परिवार रहा करते थे। लेकिन, आज वहां महानंदा नदी बहती है। ज्यादातर लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं।

कटिहार: बाघमारा में चल रहे कटाव रोधी कार्य का प्रमंडलीय आयुक्त ने लिया जायजा

निरीक्षण के दौरान कटिहार जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश, एडीएम विजय कुमार भी मौजूद रहे। उन्होंने मुख्य अभियंता अनिल कुमार व अधीक्षण अभियंता सियाराम पासवान से कार्य का जायजा लिया और कई आवश्यक दिशानिर्देश दिए।

कटिहार: इस ख़तरनाक चचरी पुल से रोज़ाना गुज़रते हैं 20 से अधिक गांव के लोग

बारसोई प्रखंड की चांदपाड़ा पंचायत में महानंदा नदी की एक सहयोगी धारा खुड़ा धार पर बांस के बने पुल से हर घंटे सैकड़ों लोग पैदल या दो पहिया वाहनों को लेकर गुज़रते हैं।

कोसी धार का अतिक्रमण बन सकता है अररिया शहर के लिए मुसीबत

अतिक्रमण के कारण कोसी नदी अब नाले में तब्दील हो गई है। इस कारण से हर वर्ष यहां बाढ़ तबाही मचाती है और कोसी किनारे बसे लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस जाता है।

कोसी पीड़ितों की पंचायत तले कोसी नदी जन आयोग की रिपोर्ट जारी

कोसी नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों के हक के लिए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के सभागार में 23 और 24 फरवरी को कोसी नवनिर्माण मंच की पहल पर कोसी कन्वेंशन का आयोजन किया गया।

महानंदा बेसिन की नदियों पर तटबंध के खिलाफ क्यों हैं स्थानीय लोग

सीमांचल और पूर्वोत्तर बिहार को बाढ़ के बचाने के मक़सद से सरकार महानंदा बेसिन की नदियों पर 1200 किलोमीटर लंबा तटबंध बनाने की तैयारी कर रही है।

क्या गंगा कटान में उजड़ जाएगा कटिहार का बबलाबन्ना गाँव?

बिहार के कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर खट्‌टी पंचायत के बबला बन्ना गांव पिछले 5 साल में आधा से ज़्यादा गंगा कटान में समा चुका है।

नदी पार करने को हर साल नया चचरी पुल बनाते हैं लोग

सहरसा के महिषी प्रखंड की राजनपुर पंचायत के घोंघसम घाट पर भी हर साल स्थानीय लोगों द्वारा आपस में चंदा इकट्ठा कर चचरी पुल का निर्माण कराया जाता है।

मनिहारी: कटान रोधी कार्य है बेअसर, निरंतर घरों को निगल रही गंगा

मनिहारी विधायक मनोहर प्रसाद सिंह ने जल संसाधन विभाग को एक पत्र लिखकर कहा कि ट्विटर पर डाले गए तथ्य सत्य से परे और भ्रामक हैं और वहां कराए गए बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य बिलकुल असुरक्षित हैं।

हर साल कटाव का कहर झेल रहा धप्परटोला गांव, अब तक समाधान नहीं

धप्परटोला गांव वार्ड संख्या 1 के निवासी 75 वर्षीय अमीज़ुद्दीन बताते हैं कि पिछली बार आई बाढ़ में 8 -10 घर कटाव की भेंट चढ़ गए।

डोंक नदी में कटाव से गांव का अस्तित्व खतरे में

हजारों आदिवासी और शेरशाहवादी समुदाय के लोग अपने गाँव के अस्तित्व को लेकर चिंता में हैं। डोंक नदी के धीरे धीरे गांव के समीप आने से लोगों में डर का माहौल है।

बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे कटिहार के कुरसेला, बरारी, मनिहारी, अमदाबाद

गंगा व कोसी के जल स्तर में लगातार वृद्धि से कटिहार के कुरसेला मनिहारी, बरारी और अमदाबाद प्रखंड के कई पंचायत के लोग बाढ़ की विभीषिका से झेल रहे हैं। बाढ़ की वजह से हजारों परिवार प्रभावित हो गए हैं। लगातार पानी बढने से निचले इलाके एवं गांव के लोग बाढ़ से प्रभावित हो गया […]

10 साल से पुल अधूरा, हज़ारों की आबादी नांव पर निर्भर

एक दशक पहले पूर्णिया ज़िले के अमौर प्रखंड मुख्यालय से खाड़ी महीन गांव पंचायत और हफनिया पंचायत जैसे आधा दर्जन से अधिक पंचायतों को जोड़ने के लिए कनकई नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन अब तक पुल तैयार नहीं हुआ है। गौरतलब है कि तत्कालीन अमौर विधायक जलील मस्तान और […]

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