गंगा व कोसी के जल स्तर में लगातार वृद्धि से कटिहार के कुरसेला मनिहारी, बरारी और अमदाबाद प्रखंड के कई पंचायत के लोग बाढ़ की विभीषिका से झेल रहे हैं।
बाढ़ की वजह से हजारों परिवार प्रभावित हो गए हैं। लगातार पानी बढने से निचले इलाके एवं गांव के लोग बाढ़ से प्रभावित हो गया है। गंगा कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि जारी रहने से प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ के चपेट में आ चुका है। बहियार पानी में डूब जाने से पशुपालकों को चारे की किल्लत हो गई है।
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पशुपालक सूखे स्थानों की तलाश में चारा के लिए निकलकर देर शाम तक पशुओं की चारा लेकर गांव पहुंचते हैं। जिससे पशुपालकों की बेचैनी बढ़ा दी है।
बाढ़ से पंचायत के कई गांव के लोगों घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से बाढ़ पीड़ित परिवार अपने गांव ही में शरणार्थी बनने को मजबूर हो चुके हैं।
मलिनिया, मिर्जापुर के बाढ़ ग्रस्त परिवार अब बेघर होने लगे हैं। घरों में बाढ़ का पानी फैलने के कारण पीड़ित परिवार रेलवे लाइन ऊंचे स्थानों पर अपना आशियाना तैयार कर अब विस्थापित बन कर रह रहे हैं। इन गांव के लगभग तीन दर्जन लोग बाढ़ का प्रकोप देखते हुए अपना घर छोड़कर आवश्यक सामानों के साथ सड़क पर आ गए हैं।
सड़क के किनारे सुरक्षित स्थान पर बांस बल्ला से अपना अपना आशियाना तैयार कर रहे हैं। इन लोगों को अब सरकारी मदद की दरकार है। क्योंकि घर से बेघर होकर परिवार के साथ खुले आसमान में समय काटना कठिन और चुनौती भरा हो गया है।
घर के चारो और जलमग्न है। वही कटिहार के जिलापदाधिकारी उदयन मिश्र ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई निचले इलाकों में पानी आया है उन इलाकों के ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल, मवेशियों को टीका सहित राहत कार्य व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे है। कई सरकारी नाव भी मुहैया करवाए गए हालाकि राहत की बात ये है की अब गंगा का जलस्तर तेजी से घट रहा है।
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